वाराणसी: सात वार और नववार त्योहारों का शहर काशी में आज कष्ट हरिया पर्व(kash hariya festival) मनाया जा रहा है. काशी के प्रसिद्ध शंकु धारा तीर्थ पर भगवान द्वारिकाधीश के आज के दिन दर्शन और सच्चे मन से पूजन-पाठ करने से सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं.
शंकु धारा तीर्थ में लगा कष्ट हरिया मेला. कष्ट हरिया मेला शंकु धारा तीर्थ पर साल में एक बार कर्क संक्रांति ( जब सूर्य कर्क राशि में प्रवेश करते हैं) पर लगता है. यहां पर आज के दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं. यहां पर द्वारिकाधीश को कटहल का भोग लगाया जाता है और कटहल ही प्रसाद (Bhog of jackfruit to Dwarkadhish) के रूप में मिलता है इसीलिए इसको कटारिया मेले के नाम से भी जाना जाता है.द्वारिकाधीश मंदिर के महंत स्वामी रामदासाचार्य ने बताया कि यह प्राचीन तीर्थ काशी की गौरव महिमा को समेटे हुए हैं. यह मंदिर काशी के दक्षिण में स्थित है और द्वापर युग के समाप्त होने के पश्चात इस तीर्थ का उद्भव माना जाता है. काशी खण्डोक्त पुस्तक में इस मंदिर में भगवान द्वारिकाधीश प्रतिमा के बारे में विस्तार से बताया गया है. भगवान श्री कृष्ण के गुरु ऋषि गर्ग आचार्य ने भी इसका अपने गर्ग संहिता नामक ग्रंथ का उल्लेख किया है.पुजारी धीरज कुमार पांडेय ने बताया कि आज कष्टहरिया महापर्व है. भगवान जब कर्क राशि में प्रवेश करते हैं उसी समय इस उत्सव को मनाया जाता है. मंदिर का महत्व विभिन्न पुराणों में मिला है. एक मान्यता के अनुसार यहां पर शंकु नाम का एक राक्षस था. स्थानीय जनता उससे बहुत ही परेशान थी तब भगवान भोलेनाथ का मनन करने पर आज ही के दिन भगवान द्वारिकाधीश से यहां पर आए थे और संकुल नामक राक्षस का उद्धार किया था. यह भी पढ़ें:वाराणसी में मौजूद है श्री काशी ऋणमुक्तेश्वर मंदिर, जहां दर्शन करने से मिलती है कर्जे से मुक्ति
इस वजह से लोग आज के दिन यह उत्सव मेले के रूप में मनाते हैं. मान्यता है कि भगवान द्वारिकाधीश का दर्शन करने से सभी प्रकार के कष्ट और दुख और दरिद्र दूर हो जाते हैं.
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