वाराणसी: ज्ञानवापी मामले में भले ही सुनवाई के लिए पूरे प्रकरण को अब जिला जज न्यायालय में हाई कोर्ट के निर्देश के बाद ट्रांसफर कर दिया गया हो, लेकिन इस पूरे मामले में 8 महीने में ताबड़तोड़ फैसले देने वाले सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर (Civil Judge Senior Division Ravi Kumar Diwakar) को मंगलवार को एक इस्लामिक संगठन की ओर से एक धमकी भरा पत्र मिला है. जिसकी शिकायत उन्होंने प्रमुख सचिव गृह को पत्र लिखकर की है. इस पत्र में रवि कुमार दिवाकर को आरएसएस के इशारों पर काम करने की बात कहने के अलावा हिंदू-मुस्लिम से जुड़े तमाम मुद्दों पर कई बातें लिखी हैं. इस मामले के बाद उनकी सुरक्षा बढ़ायी दी गयी.
दरअसल, ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर काफी चर्चित न्यायाधीश रहे हैं. 2021 में इस प्रकरण में राकेश सिंह की तरफ से शिकायत करने के बाद चार अन्य महिलाओं ने शृंगार गौरी में नियमित दर्शन की अनुमति मांगी थी, जिस पर उन्होंने 8 अप्रैल 2022 को कमीशन की कार्रवाई का निर्देश देते हुए वकील कमिश्नर के तौर पर अजय मिश्रा को नियुक्त किया था और बाद में दो अन्य वकील कमिश्नर तैनात करते हुए पूरी कमीशन की कार्रवाई भी करवा दी.
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इसके बाद ज्ञानवापी मामले को लेकर हड़कंप मच गया. इस क्रम में लगातार वह अपनी सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित भी दिखाई दे रहे थे. उन्होंने अपने आदेश में ही अपने और अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की थी, जिसमें उन्होंने अपनी मां और अपनी पत्नी की तरफ से उनकी सुरक्षा की चिंता की बात भी कही थी.
हालांकि बाद में हाईकोर्ट ने इस पूरे मामले को जिला जज डॉक्टर अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में ट्रांसफर कर दिया और सभी सुनवाई अब वही हो रही है 4 जुलाई को इस मामले में अगली तारीख भी पड़ी है, लेकिन इसके पहले आज एक रजिस्टर्ड डाक से पत्र रवि कुमार दिवाकर को मिला. जिसे खोलने के बाद उन्होंने इस धमकी भरे पत्र की शिकायत प्रमुख सचिव गृह को लेटर लिखकर की है. इस पत्र की लाइनें उन्होंने शिकायत पत्र में भी मेंशन की है. जिसमें उन्हें दी गई धमकी के पत्र के दो पन्नों को भी संकलित किया है.
फिलहाल इस मामले में वाराणसी पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने बताया है कि आज दोपहर को ACJM रवि दिवाकर को एक पत्र रजिस्टर्ड पोस्ट से मिला है, जिसमें कुछ और कागज भी संलग्न है, इसकी जानकारी उनके द्वारा अभी दी गई है, DCP वरुणा स्वयं इस प्रकरण की जांच कर रहे हैं. फिलहाल प्रारंभिक जांच में यह पता चला है कि यह पत्र इस्लामिक आगाज मोमेंट काशिफ अहमद सिद्धकी के द्वारा भेजा गया है. काशिफ खुद को इस संगठन का अध्यक्ष बता रहे हैं और पत्र में पता नहीं दिल्ली का लिखा हुआ है. फिलहाल पूरे प्रकरण की जांच के बाद पुलिस कमिश्नर द्वारा कही गई है.
सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर ने ईटीवी भारत से फोन पर हुई बातचीत में बताया कि उन्होंने आज ही डीजीपी, अपर प्रमुख सचिव गृह और पुलिस कमिश्नर वाराणसी को शिकायत की है. एक रजिस्टर्ड लेटर मेरे पास इस्लामिक आगाज मूवमेंट, नई दिल्ली के नाम से आया है. लेटर में लिखा है कि अब न्यायाधीश भी भगवा रंग में सराबोर हो चुके हैं. फैसला उग्रवादी हिंदुओं और उनके तमाम संगठनों को प्रसन्न करने के लिए सुनाते हैं. इसके बाद ठीकरा विभाजित भारत के मुसलमानों पर फोड़ते हैं. आप न्यायिक कार्य कर रहे हैं, आपको सरकारी मशीनरी का संरक्षण प्राप्त है. फिर आपकी पत्नी और माताश्री को डर कैसा है? आजकल न्यायिक अधिकारी हवा का रुख देख कर चालबाजी दिखा रहे हैं. आपने वक्तव्य दिया था कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का निरीक्षण एक सामान्य प्रक्रिया है. आप भी तो बुतपरस्त (मूर्तिपूजक) हैं. कोई भी काफ़िर मूर्तिपूजक हिंदू न्यायाधीश से मुसलमान सही फैसले की उम्मीद नहीं कर सकता.
ACJM श्री रवि दिवाकर जी की सुरक्षा में कुल 9 पुलिस कर्मी लगाए गए हैं. समय समय पर इसकी समीक्षा भी की जा रही है. इसी प्रकार जिला न्यायाधीश की सुरक्षा में 10 पुलिस कर्मी लगे हुए हैं.
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