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कोरोना: वाराणसी में गरुण से किया जा रहा सैनिटाइजेशन, 10 लीटर है स्टोरिंग कैपिसिटी - nizamuddin markaz

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में कोरोना वायरस के हॉटस्पॉट और बफर जोन इलाकों में ड्रोन से सैनिटाइजेशन का काम किया जा रहा है. गरुण नामक यह ड्रोन चेन्नई से मंगाया गया है, जो कि एक बार में 10 लीटर सैनिटाइजर स्टोर कर 30 किमी. की परिधि में सैनिटाइजेशन का कार्य कर सकता है.

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गरुण ड्रोन.
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Published : Apr 18, 2020, 12:02 PM IST

वाराणसी: जिले में कोरोना संक्रमण अचानक से बढ़ने के बाद नगर निगम और वाराणसी प्रशासन पूरी सतर्कता बरतने लगा है. सबसे ज्यादा हाई रिस्क पर वाराणसी का मदनपुरा इलाका है, क्योंकि यहां पर बड़ी संख्या में दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में शामिल हुए जमात के लोग मिले थे, जिनमें से अब तक 5 लोग कोरोना संक्रमित निकले हैं. अकेले क्षेत्र से 5 लोगों का कोरोना संक्रमित होना प्रशासन की चिंता बढ़ा रहा है.

जानकारी देते सहायक नगर आयुक्त.

इसकी वजह से मदनपुरा और इसके आसपास के क्षेत्र को हॉटस्पॉट और बफर जोन में कन्वर्ट करने के बाद अब यहां चेन्नई से मंगाए गए गरुण ड्रोन से सैनिटाइजेशन का काम किया जा रहा है. नगर निगम वाराणसी ने यह स्पेशल ड्रोन विशेष रिक्वेस्ट पर मंगवाया है. चेन्नई से दिल्ली और फिर दिल्ली से बनारस पहुंचे ड्रोन ने आज मदनपुरा और इससे सटे कई इलाकों में सैनिटाइजेशन का काम किया है.

30 किमी. की परिधि में कर सकता है सैनिटाइज
यह खास ड्रोन 10 लीटर की स्पेशल सैनिटाइजेशन टैंक के साथ स्टॉल है. 10 लीटर के टैंक में एक बार में 30 किलोमीटर की परिधि तक सैनिटाइजेशन करने की क्षमता है. नगर निगम वाराणसी में इस ड्रोन का इस्तेमाल आज मदनपुरा पांडेय हवेली, जंगमबाडी, गोदौलिया समेत कई इलाकों में सेनेटाइजेशन के लिए किया गया है, क्योंकि मदनपुरा समय पांडेय हवेली क्षेत्र में कोरोना संक्रमण के चार मामले अब तक सामने आए हैं.

इसे भी पढ़ें- भारत में कोरोना : संक्रमित लोगों का आंकड़ा 14 हजार के पार, मृतकों की संख्या 480 तक पहुंची

इस ड्रोन का इस्तेमाल अभी वाराणसी जिले के चार अन्य हॉटस्पॉट बनाए गए क्षेत्रों में सैनिटाइजेशन के लिए किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर अन्य इलाकों में भी इसका इस्तेमाल कर संक्रमण मुक्त करने के लिए किया जाएगा.
-धनराज सिंह, सहायक नगर आयुक्त

वाराणसी: जिले में कोरोना संक्रमण अचानक से बढ़ने के बाद नगर निगम और वाराणसी प्रशासन पूरी सतर्कता बरतने लगा है. सबसे ज्यादा हाई रिस्क पर वाराणसी का मदनपुरा इलाका है, क्योंकि यहां पर बड़ी संख्या में दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में शामिल हुए जमात के लोग मिले थे, जिनमें से अब तक 5 लोग कोरोना संक्रमित निकले हैं. अकेले क्षेत्र से 5 लोगों का कोरोना संक्रमित होना प्रशासन की चिंता बढ़ा रहा है.

जानकारी देते सहायक नगर आयुक्त.

इसकी वजह से मदनपुरा और इसके आसपास के क्षेत्र को हॉटस्पॉट और बफर जोन में कन्वर्ट करने के बाद अब यहां चेन्नई से मंगाए गए गरुण ड्रोन से सैनिटाइजेशन का काम किया जा रहा है. नगर निगम वाराणसी ने यह स्पेशल ड्रोन विशेष रिक्वेस्ट पर मंगवाया है. चेन्नई से दिल्ली और फिर दिल्ली से बनारस पहुंचे ड्रोन ने आज मदनपुरा और इससे सटे कई इलाकों में सैनिटाइजेशन का काम किया है.

30 किमी. की परिधि में कर सकता है सैनिटाइज
यह खास ड्रोन 10 लीटर की स्पेशल सैनिटाइजेशन टैंक के साथ स्टॉल है. 10 लीटर के टैंक में एक बार में 30 किलोमीटर की परिधि तक सैनिटाइजेशन करने की क्षमता है. नगर निगम वाराणसी में इस ड्रोन का इस्तेमाल आज मदनपुरा पांडेय हवेली, जंगमबाडी, गोदौलिया समेत कई इलाकों में सेनेटाइजेशन के लिए किया गया है, क्योंकि मदनपुरा समय पांडेय हवेली क्षेत्र में कोरोना संक्रमण के चार मामले अब तक सामने आए हैं.

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इस ड्रोन का इस्तेमाल अभी वाराणसी जिले के चार अन्य हॉटस्पॉट बनाए गए क्षेत्रों में सैनिटाइजेशन के लिए किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर अन्य इलाकों में भी इसका इस्तेमाल कर संक्रमण मुक्त करने के लिए किया जाएगा.
-धनराज सिंह, सहायक नगर आयुक्त

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