वाराणसी: PM नरेंद्र मोदी गुरुवार को अपने संसदीय क्षेत्र बनारस आएंगे. प्रधानमंत्री का यह दौरा इसलिए काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह लगभग साढ़े 3 महीने के बाद बनारस आ रहे हैं. उत्तर प्रदेश में दूसरी बार बीजेपी की सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री का काशी आगमन यहां के लोगों को उत्साहित करने वाला है और अट्ठारह सौ करोड़ रुपये की योजनाओं की सौगात भी पीएम देंगे.
जिनमे 1200 सौ करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास और लगभग 600 करोड़ रुपये की योजनाओं का लोकार्पण शामिल है. इन सबके बीच प्रधानमंत्री की सुरक्षा इस बार हर बार की अपेक्षा ज्यादा मुस्तैद की जा रही है, क्योंकि नूपुर शर्मा प्रकरण को लेकर काफी हंगामा मचा है और वाराणसी में ज्ञानवापी मामले को लेकर सुनवाई फिर से शुरू हो चुकी है. हाल ही में प्रधानमंत्री के आंध्र प्रदेश दौरे पर विजयवाड़ा में उनकी सुरक्षा में चूक भी हुई थी और हेलीकॉप्टर जब आसमान में मौजूद था, उसी समय काले गुब्बारे छोड़े गए थे. इन सभी चीजों को लेकर खुफिया विभाग की रिपोर्ट के बाद पुलिस प्रशासन फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है.
वाराणसी के जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर इस बार मुस्तैदी काफी ज्यादा है. कुल मिलाकर वाराणसी समेत आस-पास के जिलों से बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स के साथ प्रशासनिक अधिकारियों को बुलाया गया है. कहीं कोई चूक ना हो, इसके लिए विशेष सतर्कता बरती जा रही है. छतों पर पैरा मिलिट्री फोर्सेज के सशस्त्र जवान तैनात किए जा रहे हैं. ड्रोन कैमरे से हर सुरक्षा पॉइंट की निगरानी की जा रही है. इसके अलावा मुख्य कार्यक्रम यानी संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम (Sampurnanand Sports Stadium) में 20, 000 लोगों को आमंत्रित किया गया है. उन सभी के लिए विशेष आमंत्रण कार्ड जारी किए गए हैं. जिन पर सीरियल नंबर के साथ उन सभी की आइडेंटिटी सुनिश्चित कर उसका रजिस्टर मेंटेन किया गया है. सीरियल नंबर वाले कार्ड पर टिक लगाने के बाद ही उनकी पहचान करके ही उन्हें अंदर एंट्री दी जाएगी. जिन रास्तों से प्रधानमंत्री का काफिला गुजरेगा उन रास्तों पर बैरिकेडिंग की जा चुकी है और पूरी तरह से उन रास्तों पर उस वक्त किसी तरह के मूवमेंट को प्रतिबंधित किया जा रहा है.
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प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कहीं कोई चूक ना हो इसलिए फाइव लेयर सिक्योरिटी प्लान तैयार किया गया है. 5 लेयर सिक्योरिटी प्लान में प्रधानमंत्री के बाहरी सुरक्षा घेरे में 21 आईपीएस अफसरों के साथ 19 अन्य सीनियर अफसरों को जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसके अलावा 20 अतिरिक्त आईपीएस ऑफिसर, 42 एडिशनल एसपी, 65 डिप्टी एसपी, 12 कंपनी पीएसी 12, कंपनी सेंट्रल पैरामिलेट्री फोर्स के जवानों के साथ 5,500 से ज्यादा सिपाही और हेड कांस्टेबल तैनात किए गए हैं. इसके अलावा इंस्पेक्टर और दारोगा भी 500 से ज्यादा तैनात किए जा रहे हैं.
सिक्योरिटी के साथ ही ट्रैफिक कंट्रोल के लिए 200 से ज्यादा जवानों को सड़क पर लगाया जा रहा है. छतों पर 100 से ज्यादा जवानों को अलग-अलग जगह तैनात किया जा रहा है. खासतौर पर उन रास्तों पर जहां से प्रधानमंत्री का काफिला गुजरना है वहा फाइव लेयर सिक्योरिटी प्लान में पहला लेयर एसपीजी के हवाले रहेगा जबकि दूसरे लेयर में केंद्रीय खुफिया एजेंसी के अधिकारी और जवान तैनात किए जा रहे हैं. तीसरी लेयर की जिम्मेदारी ब्लैक कमांडो उसके पास होगी जो एसटीएफ एटीएस और सेंट्रल फोर्स के होंगे. चौथे लेयर में पैरा मिलिट्री और पीएसी के जवान तैनात रहेंगे जबकि अंतिम लेयर की जिम्मेदारी सिविल पुलिस को दी जा रही है. कुल मिलाकर 10,500 से ज्यादा जवानों को चप्पे-चप्पे पर निगरानी के लिए तैनात किए गए हैं.
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