वाराणसी: चंदौली में इंडो-इजरायल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल (Preparation Chandauli export hub of vegetables) के निर्माण को सैद्धांतिक स्वीकृति मिलने के बाद इसका शिलान्यास हो चुका है. यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इंडो इजराइल दोस्ती की मिसाल है.
चंदौली से सटे पूर्वांचल के जिलों के अलावा बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश के किसानों को भी इस सेंटर से लाभ मिलेगा. इस सेंटर के जरिए किसानों की आय को दोगुना करने के लिए उनको खेती की आधुनिक तकनीक सिखाई जाएगी. साथ ही उन्नत किस्म के बीज और पौधे भी उपलब्ध कराए जाएंगे. पूर्वांचल में किसान अब इजराइल की तकनीक से खेती (Preparation Chandauli export hub of vegetables) करना सीखेंगे.
चंदौली की जिला उद्यान अधिकारी अलका श्रीवास्तव ने बताया कि उच्च तकनीक से विकसित हाइटेक नर्सरी में पूरे वर्ष सब्जियों की उच्च गुणवत्ता युक्त पौधे तैयार किए जाएंगे. उसके बाद वह पौधे किसानों को उपलब्ध कराए जाएंगे. इस तकनीक में पौधों की जड़ें काफी मजबूत होती हैं. पॉलीहाउस में सब्जियों का प्रदर्शन किया जाएगा. खेत में पौधरोपण करने के बाद उनके मरने की समस्या खत्म हो जाएगी. इसके अलावा पॉलीटनल तैयार किए जाएंगे, जिसमें हाई वैल्यू सब्जियों और शिमला मिर्च, टमाटर, चेरी टमाटर आदि सब्जियों का प्रदर्शन किया जाएगा. विभिन्न सब्जियों के उन्नतशील प्रजातियों और ड्रिप सिंचाई पद्धति पर प्रोटेक्टड कल्टीवेशन और ओपन फील्ड (खुला खेत का क्षेत्र) कंडीशन में सजीव प्रक्षेत्र दिखाकर तुलनात्मक अध्ययन किया जाएगा.
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क्षेत्रीय किसानों को सेंटर पर प्रशिक्षण द्वारा कौशल अभिवृद्धि की जाएगी. जिससे किसान नवीनतम तकनीक अपना कर सब्जियों की खेती द्वारा अधिक आय प्राप्त कर सकें. दो तल के भवन में प्रशासनिक, कांफ्रेंस, लैबोरेटरी, सेल पॉइंट ऑटोमेशन रूम भी होंगे. इसके अलावा इंडो-इजरायल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल में प्रशासनिक और प्रशिक्षण भवन, हाईटेक नर्सरी, दो पाली हाउस, नेट हाउस, 10 पॉलीटनल, ड्रिप सिंचाई, 5 हेक्टेयर में प्रक्षेत्र प्रदर्शन ब्लॉक, कृषक प्रशिक्षण, सोलर पॉवर स्टेशन भी होगा.
एपीडा के एजीएम डॉ. सीबी सिंह ने बताया कि पिछले कुछ सालों में 5 से 6 हजार मीट्रिक टन सब्जियां और फल खाड़ी देशों, नेपाल और बांग्लादेश को निर्यात हो चुकी हैं, जिसमें अकेले एयर कार्गो से 300 मीट्रिक टन पेरिशेबल उत्पाद एक्सपोर्ट हुआ है. उन्होंने बताया कि यह सेंटर अंतर्राष्ट्रीय गुणवत्ता के उत्पाद देने में मदद करेगा, जिससे निर्यात (export hub of vegetables in up) बढ़ेगा और किसानों की आय दोगुनी होगी.
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