वाराणसी: इस वर्ष अब तक 749 महिलाओं को नई पेंशन स्वीकृत हो चुकी है. मंत्री स्वाति सिंह ने कहा कि पूरे जनपद में जगह-जगह कैंप लगाकर समस्त पात्र महिलाओं की निराश्रित पेंशन योजना में फार्म भरवा कर स्वीकृति की कार्रवाई करें. कोई पात्र महिला छूटने नहीं पाए. इसमें जनप्रतिनिधियों से संपर्क कर, उनके बताए स्थानों पर कैंप लगाएं.
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना में गत वर्ष 2929 लाभार्थियों को लाभ दिया गया. मंत्री स्वाति सिंह ने निर्देश दिया कि इसमें आंगनबाड़ी के माध्यम से घर-घर जाने का अभियान चलाकर फार्म भरवाएं. यह सरकार की बालिकाओं के प्रति समाज में सकारात्मक सोच विकसित करने की महत्वाकांक्षी योजना है. इसमें बालिका के जन्म से लेकर, स्नातक की पढ़ाई तक के छह चरणों में 15 हजार रुपये आर्थिक सहायता का प्रावधान है.
ये भी पढ़ें- NIA खंगालेगी आतंकी मिनहाज के 22 दोस्तों का सच! 178 कॉल व 16 ईमेल से खुलेगा राज
मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना में 159 बच्चों को योजना का लाभ दिया जा चुका है. इसके अतिरिक्त स्पॉन्सरशिप योजना में 26 बच्चों को 2000/- प्रति माह दिया जा रहा है तथा 235 नए बच्चों का चिन्हित करके उन्हें लाभान्वित करने की कार्रवाई की जा रही है. जनपद में संचालित वन स्टॉप सेंटर से महिला व बालिकाओं की समस्याओं का निस्तारण किया जा रहा है.
![वाराणसी में महिला कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाति सिंह](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/up-var-01-minister-swati-singh-pic-up10054_02082021182153_0208f_1627908713_866.jpg)
इस वित्तीय वर्ष में अब तक 173 महिला/बालिकाओं को सेवाएं प्रदान की जा चुकी हैं. बताया गया कि महिलाओं की ज्यादातर शिकायतें घरेलू हिंसा की आती है. उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष के माध्यम से विभिन्न नौ धाराओं में पीड़ित महिलाओं को त्वरित न्याय प्रक्रिया को ध्यान में रखकर 3 लाख से 10 लाख रुपए तक की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने का प्रावधान है. अब तक 69 पीड़ित महिलाओं को क्षतिपूर्ति प्रदान की जा चुकी है.
ये भी पढ़ें- UP ATS ने की बड़ी कार्रवाई, अंतररार्ष्ट्रीय मानव तस्करी गैंग के दो और सदस्य गिरफ्तार
आईसीडीएस की समीक्षा में पाया गया कि जनपद में 45034 पीली श्रेणी के कुपोषित तथा 5460 लाल श्रेणी के कुपोषित बच्चे हैं. मंत्री स्वाति सिंह ने निर्देश दिया कि हर आंगनबाड़ी केंद्र सुनिश्चित करें कि हर श्रेणी का प्रति माह कम से कम एक बच्चा को कुपोषण से मुक्त हो, तो कुछ माह में ही पूरा जनपद कुपोषण से मुक्त हो जाएगा. जनपद में विधायकों, अधिकारियों एवं सेवी संस्थाओं, सभासदों, प्रधानाचार्य द्वारा कुल 838 आंगनबाड़ी केंद्र गोद लिए गए हैं और वहां अतिरिक्त पोषण आहार दिया जा रहा है. 26 लाल रंग कुपोषित बच्चों के परिवारों को मुफ्त गाय उपलब्ध कराई गई है और परिवार को गाय को खिलाने के लिए 900/- रुपये प्रतिमाह धनराशि दी जा रही है. मंत्री ने कहा कि ऐसे परिवार के बच्चों की स्वास्थ्य स्थिति पर नजर रखें तथा गाय उनके पास रह रही है या नहीं इसकी भी निगरानी करें.
आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों को हरी साग सब्जी उपलब्ध कराने के लिए 697 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण वाटिका लगाई गई है. जिसमें पैदा हो रही सब्जी बच्चों को खिलाने के लिए उन्हें दी जा रही है. मंत्री ने कहा कि बच्चों, गर्भवती महिलाओं, किशोरियों के लिए सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जाने वाला टेक होम राशन-चावल, गेहूं, चना दाल, तेल का सही वितरण पात्रों को हर माह किया जाना सुनिश्चित किया जाए. इसमें किसी प्रकार की अनियमितता नहीं होनी चाहिए. बैठक में जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रवीण कुमार त्रिपाठी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, सीडीपीओ आदि उपस्थित थे.