वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में चुनाव जीतने के बाद अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को क्योटो बनाने की बात कही थी. दो दिन की भारी बारिश ने पीएम के इस सपने की हकीकत खोल दी है. 12 घंटे से लगातार हो रही बारिश से काशी में मुसीबतों का सैलाब आ गया है. आलम यह है कि शहर की सड़कों पर पानी भरा हुआ है और साथ ही सड़कों पर गड्डे बन गए हैं.
बारिश ने बढ़ाई काशीवासियों की मुसीबत
मानसून के आने के साथ ही बनारस के लोगों की मुसीबतें बढ़ गई हैं. बारिश के साथ हर इलाके में जलजमाव से लोग त्रस्त हैंं. सोशल मीडिया पर भी लोग बनारस को क्योटो बनाए जाने को लेकर मजाक उड़ा रहे हैं. राज्य मंत्री नीलकंठ तिवारी ने शहर में तत्काल शिविर लगाकर शहरवासियों की मुसीबत को दूर करने के आदेश दिए हैं. इसके बावजूद मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अंधरापुल, चौकाघाट, तेलियाबाग और महमूरगंज समेत तमाम इलाकों में बारिश का पानी जमा हो गया है. इसकी वजह से लोग धक्के मारकर अपनी गाड़ियों को खींच रहे हैं. सबसे बुरी स्थिति महमूरगंज और सिगरा इलाके की है, जहां भारी गाड़ियों के गुजरने के कारण सड़कें अब धंसने लगी हैं.
बुधवार देर रात रेणुकूट से वाराणसी आ रही रोडवेज की बस दुर्घटना का शिकार होने से बच गई. तेज बारिश के दौरान यह बस महमूरगंज इलाके में एक बड़े गड्ढे में फंस गई. पानी भरा होने से ड्राइवर गड्डा नहीं देख पाया और बस पलटते-पलटते बची. जिस समय यह हादसा हुआ उस समय बस में 12 यात्री सवार थे.
सड़क पर पानी था जिसकी वजह से गड्ढे का अंदाजा ही नहीं लगा. बस में कई यात्री सवार थे.
- विनोद कुमार, बस चालक