वाराणसी: सनातन धर्म में हर पर्व हर त्यौहार का अपना एक अलग महत्व होता है. हर माह तिथि पर्व के अनुसार विशेष महत्ता के साथ ईश्वर की आराधना की जाती है. श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि, जिसे हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है. यह दिन भगवान विष्णु की आराधना का दिन होता है. आज हरियाली अमावस्या का दिन है. माना जाता है कि इस दिन पूजा अर्चना के साथ ही दर्शन पूजन और कुछ उपाय आपको विशेष फल दिला सकते हैं.
ज्योतिषाचार्य विमल जैन के अनुसार श्रावण कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि बुधवार 27 जुलाई को रात्रि 9:12 पर लग चुकी है, जो गुरुवार 28 जुलाई की रात्रि 11:25 तक रहेगी इसके फलस्वरूप हरियाली अमावस्या का पर्व 28 जुलाई को ही मनाया जाएगा. स्नान दान इत्यादि करते हुए अमावस्या के दिन जिन्हें पितृ दोष हो वह विधि विधान से कर्मकांडी ब्राह्मण के द्वारा पित्र दोष के निवारण का कार्य संपन्न कर सकते हैं.
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आज के दिन पति पत्नी को गंगा स्नान अथवा घर में स्नान के जल में थोड़ा गंगा जल मिलाकर स्नान करना चाहिए. पति पत्नी दोनों को मिलकर पूजा संपन्न करनी चाहिए. कहा जाता है कि आज के दिन ॐ उमा महेश्वराय नमः का मंत्र अधिकतम संख्या में जप करने से भगवान भोलेनाथ भगवान उमा जानी माता पार्वती की कृपा मिलती है. यह भी कहा जाता है कि आज के दिन किसी मंदिर अथवा सार्वजनिक स्थान पीपल का पौधा लगाना चाहिए, उसकी देखभाल भी करनी चाहिए, जैसे-जैसे यह पौधा विकसित होगा वैसे वैसे दंपत्ति के जीवन में भी सुख-समृद्धि और खुशहाली बढ़ेगी.
ज्योतिषाचार्य निर्मल जैन ने बताया कि पीपल वृक्ष में समस्त देवताओं का वास होता है. पीपल के वृक्ष को जल से सीचने और विधि विधान से पूजन करने के बाद 108 परिक्रमा करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है. इस दिन व्रत उपवास रखकर अपने इष्ट की आराधना करनी चाहिए. ब्राह्मण को घर पर निमंत्रित करके उन्हें भोजन कराकर सफेद रंग की वस्तुएं दान करनी चाहिए. जिनमें चावल, दूध, मिश्री, चीनी, खोए से बनी सफेद मिठाईयां सफेद वस्त्र चांदी के आभूषण इत्यादि शामिल किए जा सकते हैं. समस्त धार्मिक अनुष्ठान करने पर उत्तम फल की प्राप्ति होती है. पीपल के वृक्ष का आज विशेष महत्व होता है. पीपल के वृक्ष की पूजा का मंत्र ॐ मूलतो ब्रह्म रूपाय मध्ये विष्णु रूपिने अग्रतो शिवरूपाय पीपलाय नमो नमः मंत्र का जाप करके पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाना चाहिए.
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