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सरकार की पहल, अब लोग घर बैठे सीख सकेंगे संस्कृत

सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय (Sampurnanand Sanskrit University) वाराणसी के कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने बताया कि उच्च शिक्षा की अपर मुख्य सचिव द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 मे ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केन्द्र के लिए 1 करोड़ 16 लाख 50 हजार रुपये का अनुदान स्वीकृत कर लिया गया है.

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Published : Jun 8, 2022, 10:08 PM IST

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सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय

वाराणसी: उत्तर प्रदेश की सरकार ने योगी टू के शुरुआत सफर में 100 दिनों की कार्य योजना बनाई है जिसके सफल संचालन के लिए खुद सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) धरातल पर उतर रहे हैं. इस कार्य योजना में तमाम बिंदुओं के साथ संस्कृत के विकास (development of sanskrit) और आमजन तक इसे पहुंचाने का भी वादा किया गया है. जो अब वास्तिवकता के धरातल पर पूरा होता दिखाई दे रहा है. जी हां इसके लिए सरकार की ओर से संस्कृत की अग्रता संस्कृति विश्वविद्यालय को बकायदा बजट भी प्रदान किया गया है.

गौरतलब है कि संस्कृति विश्वविद्यालय संस्कृत की अग्रेता मानी जाती है. बीते दिनों राज्य सरकार द्वारा अपने संकल्प पत्र में छात्रों के लिए मुफ्त ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण प्रदान करना हैं, विश्वविद्यालय की यह परियोजना उच्च शिक्षा विभाग (Higher Education Department), उत्तर प्रदेश शासन की 100 दिन की कार्ययोजना में शामिल है. सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय (Sampurnanand Sanskrit University) वाराणसी के कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने बताया कि बीते दिनों उच्च शिक्षा की अपर मुख्य सचिव द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 मे ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केन्द्र के लिए 1 करोड़ 16 लाख 50 हजार रुपये का अनुदान स्वीकृत कर लिया गया है.

इसे भी पढ़ेंः सपा विधायकों के साथ कानपुर हिंसा के मुख्य आरोपी की फोटो वायरल, ATS खंगाल रही कुंडली

उन्होंने बताया कि संस्कृत भाषा तथा शास्त्रों में जनसामान्य की प्रवृत्ति बढ़ाने के लिए सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी का महत्वपूर्ण योगदान है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार ऑनलाइन एजुकेशन शिक्षा का पर्याय न होते हुए भी शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने में सहायक हुआ है. प्राचीन अध्यापन पद्धति अपने आप में विशिष्ट है. बहुत तथापि यान्त्रिक विकास ने यन्त्रों के माध्यम से विषय बोध तथा सम्प्रेक्षण जो सम्भावना प्रस्तुत की है, उसका उपयोग शिक्षा में भी होना चाहिए. नवीन यन्त्रों के माध्यम से शिक्षण पद्धति को और भी सरल करने की आवश्यकता है. सरकार के इस पहल से ये सार्थक भी हो रहा है.

कुलपति ने बताया कि ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केन्द्र (Online Sanskrit Training Center) से सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के नियमित शिक्षकों के साथ अन्य राज्य विश्वविद्यालयों, निजी विश्वविद्यालयों, राजकीय महाविद्यालयों, अशासकीय अनुदानित महाविद्यालयों और स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों के नियमित शिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा. इस संस्था द्वारा ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केन्द्र के माध्यम से आम जनमानस में संस्कृत सम्भाषण प्रशिक्षण, समस्त शास्त्र प्रशिक्षण और योग, वास्तु शास्त्र, ज्योतिष, कर्मकाण्ड, तीर्थ पुरोहित अर्थक विषयों में ऑनलाइन प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा तथा सर्टिफिकेट और डिप्लोमा प्रदान किए जायेंगे. प्रथम वर्ष 2022-23 में लगभग 2000 छात्रों, द्वितीय और तृतीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में लगभग 3,000 छात्रों और चतुर्थ एवं पांचवें वर्ष 2025-2026 से 2026-27 तक प्रतिवर्ष लगभग 10,000 छात्रों को ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण दिया जाएगा.
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वाराणसी: उत्तर प्रदेश की सरकार ने योगी टू के शुरुआत सफर में 100 दिनों की कार्य योजना बनाई है जिसके सफल संचालन के लिए खुद सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) धरातल पर उतर रहे हैं. इस कार्य योजना में तमाम बिंदुओं के साथ संस्कृत के विकास (development of sanskrit) और आमजन तक इसे पहुंचाने का भी वादा किया गया है. जो अब वास्तिवकता के धरातल पर पूरा होता दिखाई दे रहा है. जी हां इसके लिए सरकार की ओर से संस्कृत की अग्रता संस्कृति विश्वविद्यालय को बकायदा बजट भी प्रदान किया गया है.

गौरतलब है कि संस्कृति विश्वविद्यालय संस्कृत की अग्रेता मानी जाती है. बीते दिनों राज्य सरकार द्वारा अपने संकल्प पत्र में छात्रों के लिए मुफ्त ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण प्रदान करना हैं, विश्वविद्यालय की यह परियोजना उच्च शिक्षा विभाग (Higher Education Department), उत्तर प्रदेश शासन की 100 दिन की कार्ययोजना में शामिल है. सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय (Sampurnanand Sanskrit University) वाराणसी के कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने बताया कि बीते दिनों उच्च शिक्षा की अपर मुख्य सचिव द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 मे ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केन्द्र के लिए 1 करोड़ 16 लाख 50 हजार रुपये का अनुदान स्वीकृत कर लिया गया है.

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उन्होंने बताया कि संस्कृत भाषा तथा शास्त्रों में जनसामान्य की प्रवृत्ति बढ़ाने के लिए सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी का महत्वपूर्ण योगदान है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार ऑनलाइन एजुकेशन शिक्षा का पर्याय न होते हुए भी शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने में सहायक हुआ है. प्राचीन अध्यापन पद्धति अपने आप में विशिष्ट है. बहुत तथापि यान्त्रिक विकास ने यन्त्रों के माध्यम से विषय बोध तथा सम्प्रेक्षण जो सम्भावना प्रस्तुत की है, उसका उपयोग शिक्षा में भी होना चाहिए. नवीन यन्त्रों के माध्यम से शिक्षण पद्धति को और भी सरल करने की आवश्यकता है. सरकार के इस पहल से ये सार्थक भी हो रहा है.

कुलपति ने बताया कि ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केन्द्र (Online Sanskrit Training Center) से सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के नियमित शिक्षकों के साथ अन्य राज्य विश्वविद्यालयों, निजी विश्वविद्यालयों, राजकीय महाविद्यालयों, अशासकीय अनुदानित महाविद्यालयों और स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों के नियमित शिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा. इस संस्था द्वारा ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केन्द्र के माध्यम से आम जनमानस में संस्कृत सम्भाषण प्रशिक्षण, समस्त शास्त्र प्रशिक्षण और योग, वास्तु शास्त्र, ज्योतिष, कर्मकाण्ड, तीर्थ पुरोहित अर्थक विषयों में ऑनलाइन प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा तथा सर्टिफिकेट और डिप्लोमा प्रदान किए जायेंगे. प्रथम वर्ष 2022-23 में लगभग 2000 छात्रों, द्वितीय और तृतीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में लगभग 3,000 छात्रों और चतुर्थ एवं पांचवें वर्ष 2025-2026 से 2026-27 तक प्रतिवर्ष लगभग 10,000 छात्रों को ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण दिया जाएगा.
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