वाराणसी: महादेव की नगरी वाराणसी में गणेश चौथ के दिन भगवान गणपति के जयकारे की धूम रहती है. शहर के कई बड़े गणेश मंदिरों में सुबह से ही दर्शन करने वालों की कतार लगी रहती है. मान्यता है कि भगवान गणेश के दर्शन करने से सारी मनोकामना पूरी हो जाती है. इसके साथ ही सभी बाधाएं भी दूर हो जाती हैं.
40 खंभों पर बना है यह मंदिरः
- वाराणसी में भगवान गणेश का विख्यात मंदिर है जिसे लोग बड़ा गणेश के नाम से जानते हैं.
- लोहटिया में स्थित 40 खंभों पर बना यह मंदिर मनोकामना पूर्ति के लिए प्रसिद्ध है.
- मान्यता है कि संकष्ठी चतुर्थी के दिन कृष्ण पक्ष में प्रथम भगवान गणपति का आविर्भाव हुआ था.
- भगवान गणेश की इस मंदिर में स्थित मूर्ति स्वयंभू है.
- यहां बंद कपाट में खास पूजा होती है, जिसको देखने की अनुमति किसी को नहीं है.
- मंदिर के इतिहास की बात की जाए तो यह इतिहास 2000 साल पुराना है.
- मंदिर का जीर्णोद्धार पेशवा बाजीराव ने करवाया था.
- गणपति की स्वयंभू मूर्ति यहां त्रिनेत्रधारी है. ऐसी मूर्ति कहीं नहीं देखने को मिलती.
- गणपति भगवान का यह तीसरा नेत्र ज्ञान का नेत्र है.
गजानन यहां परिवार सहित विराजते हैंः
- भगवान गणेश अपनी दोनों धर्म पत्नियों रिद्धि और सिद्धि.
- पुत्र शुभ लाभ के साथ यहां विराजते हैं और इसलिए इस मंदिर की विशेष मान्यता है.
- मंदिर परिसर में विभिन्न देवी देवताओ के विग्रह स्थापित हैं, जिनमें पतालेश्वर महादेव, मनसा देवी प्रमुख हैं.
- मंदिर परिसर में मूसकराज की आदमकद प्रतिमा भी स्थापित है.