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वाराणसी: स्वदेशी दीयों से मनाई जाएगी इको फ्रेंडली दिवाली, विदेशी सामानों का होगा बहिष्कार

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के लोग विदेशी सामानों का बहिष्कार कर स्वदेशी दीयों का अपना रहे हैं. लोगों का मानना है कि इस बार ईको फ्रेंडली दिवाली मनाएंगे. साथ ही लोगों का यह भी मानना है कि इस बार वातावरण को दूषित होने से बचाया जाए.

स्वदेशी दियों से मनायी जाएगी इको फ्रेंडली दिवाली.
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Published : Oct 25, 2019, 11:49 AM IST

वाराणसी: पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में लोग स्वदेशी को अपनाकर विदेशी सामानों का बहिष्कार कर रहे हैं. त्योहारों पर एक दुकान पर स्वदेशी दीपों के स्टॉल लगे दिखे और लोग खूब उसे पसंद भी कर रहे हैं. इस बार वाराणसी के लोगों का मानना है कि स्वदेशी अपनाओ और विदेशी छोड़ो. उनका यह भी कहना है कि वाराणसी में इस बार इको फ्रेंडली दिवाली मनाई जाएगी.

स्वदेशी दीयों से मनाई जाएगी इको फ्रेंडली दिवाली.

पर्यावरण को बचाने के लिए मनाएंगे इको फ्रेंडली दिवाली
देश भर में चाइना निर्मित झालरों ने अपना जाल बिछा रखा है. झालरों को लोग बेहद पसंद करते हैं और अपने घरों, छतों पर लगाते हैं. दिवाली पर इन झालरों ने स्वदेशी चीजों के बाजार को करीब खत्म ही कर दिया है, लेकिन अब फिर लोग हाथ से बने हुए दीयों की ओर फिर जा रहे हैं. लोगों का मानना है कि हम अपने पर्यावरण को बचाएंगे और इको फ्रेंडली दिवाली मनाएंगे. हम अपनी स्वदेशी चीजों का इस्तेमाल कर विदेशी चीजों का बहिष्कार करेंगे.

इसे भी पढ़ें- लुधियाना से हरदोई लाई गई किशोरी, बेचने की थी तैयारी

लोग कर रहे चटाई बम का इस्तेमाल
दिवाली का पर्व आने पर पर्यावरण पर बेहद ही गहरा प्रभाव पड़ता है. इस दौरान बारूद से बने पटाखे जलाए जाते हैं, जिससे वायु प्रदूषण का खतरा बढ़ जाता है. इस खतरे को भांपकर लोग इस बार इलेक्ट्रॉनिक द्वारा निर्मित चटाई बमों का इस्तेमाल कर रहे हैं. दरअसल ये चटाई बम वायु प्रदूषण नहीं करते हैं. इन चटाई बमों से केवल आवाज ही निकलती है, जिससे आपको ऐसी अनुभूति होगी, जैसे चटाई बम आपकी छत पर ही फोड़ा जा रहा हो.

वाराणसी: पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में लोग स्वदेशी को अपनाकर विदेशी सामानों का बहिष्कार कर रहे हैं. त्योहारों पर एक दुकान पर स्वदेशी दीपों के स्टॉल लगे दिखे और लोग खूब उसे पसंद भी कर रहे हैं. इस बार वाराणसी के लोगों का मानना है कि स्वदेशी अपनाओ और विदेशी छोड़ो. उनका यह भी कहना है कि वाराणसी में इस बार इको फ्रेंडली दिवाली मनाई जाएगी.

स्वदेशी दीयों से मनाई जाएगी इको फ्रेंडली दिवाली.

पर्यावरण को बचाने के लिए मनाएंगे इको फ्रेंडली दिवाली
देश भर में चाइना निर्मित झालरों ने अपना जाल बिछा रखा है. झालरों को लोग बेहद पसंद करते हैं और अपने घरों, छतों पर लगाते हैं. दिवाली पर इन झालरों ने स्वदेशी चीजों के बाजार को करीब खत्म ही कर दिया है, लेकिन अब फिर लोग हाथ से बने हुए दीयों की ओर फिर जा रहे हैं. लोगों का मानना है कि हम अपने पर्यावरण को बचाएंगे और इको फ्रेंडली दिवाली मनाएंगे. हम अपनी स्वदेशी चीजों का इस्तेमाल कर विदेशी चीजों का बहिष्कार करेंगे.

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लोग कर रहे चटाई बम का इस्तेमाल
दिवाली का पर्व आने पर पर्यावरण पर बेहद ही गहरा प्रभाव पड़ता है. इस दौरान बारूद से बने पटाखे जलाए जाते हैं, जिससे वायु प्रदूषण का खतरा बढ़ जाता है. इस खतरे को भांपकर लोग इस बार इलेक्ट्रॉनिक द्वारा निर्मित चटाई बमों का इस्तेमाल कर रहे हैं. दरअसल ये चटाई बम वायु प्रदूषण नहीं करते हैं. इन चटाई बमों से केवल आवाज ही निकलती है, जिससे आपको ऐसी अनुभूति होगी, जैसे चटाई बम आपकी छत पर ही फोड़ा जा रहा हो.

Intro:एंकर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में स्वदेशी अपनाओ और विदेशी सामानों का बहिष्कार लोग करने लगे हैं त्योहारों पर इसी का सीधा उदाहरण हमें एक दुकान पर मिला जहां स्वदेशी दीपों के स्टॉल लगे दिखे और लोग खूब उसे पसंद भी कर रहे हैं दरअसल बाजार में रंग-बिरंगी झालरों ने अपना जाल बिछा रखा है और लोग खूब उन्हें पसंद भी करते हैं जो चाइना निर्मित होते हैं मगर इस बार प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र के लोगों का मानना है कि स्वदेशी अपनाओ और विदेशी छोड़ो यही नहीं उनका यह भी कहना है कि इको फ्रेंडली दिवाली इस बार मनाएगा वाराणसी।


Body:वीओ: दरअसल झालरों ने अपना जाल बिछा रखा है पूरे भारत में जो चाइना निर्मित होते हैं जिसे लोग बेहद पसंद भी करते हैं और अपने घरों और छतों पर लगाते हैं दीपावली के पर्व पर मगर इन झालरों ने स्वदेशी चीजों के बाजार को खत्म सा कर दिया है लेकिन अब फिर लोग हाथ से बने हुए दियो की ओर फिर जा रहे हैं क्योंकि लोगों का मानना है कि जिस तरह से हम अपने पर्यावरण को बचाएंगे और इको फ्रेंडली दीपावली मनाएंगे जिससे हम अपने स्वदेशी चीजों का ही इस्तेमाल कर विदेशी चीजों का बहिष्कार करें सके।


Conclusion:वीओ: वही आपको बताते चले कि पर्यावरण पर दीपावली का पर्व बेहद ही गहरा प्रभाव पड़ता है क्योंकि जिस तरह से बारूद से बने पटाखे जलाए जाते हैं जिससे वायु प्रदूषण का खतरा बढ़ जाता है और लोग इस खतरे को भांप कर इस बार इलेक्ट्रॉनिक द्वारा निर्मित ऐसी चटाई बमों का इस्तेमाल कर रहे हैं जिसे आप देखकर हैरत में पड़ जाएंगे यह चटाई बम वायु प्रदूषण नहीं करती है और केवल इस चटाई बम से आवाज निकलती है जिससे आपको सहज ऐसी अनुभूति होगी जैसे दीपावली पर चटाई बम आपके छत पर बज रहा हो।

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