वाराणसी : जिले में निजी अस्पतालों की लगातार मिल रही लापरवाही की सूचना के बाद शासन ने सभी जिला प्रशासन को कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया है. इसके तहत वाराणसी जिला प्रशासन भी सक्रिय हो गया है. प्रशासन ने निजी अस्पतालों की मनमानी पर रोक लगाना शुरू कर दिया है. इस दौरान जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने सभी निजी अस्पतालों को नोटिस जारी करके 13 मई दोपहर तक कोविड इलाज के रेट को सार्वजनिक करने का आदेश दिया है.
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निजी अस्पतालों की अब खैर नहीं
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि बीते कई दिनों से मरीज के परिजन, जनप्रतिनिधियों और मीडिया कर्मियों के द्वारा लगातार सूचना मिल रही थी कि निजी अस्पतालों के द्वारा शासनादेश का उल्लंघन किया जा रहा है. इससे मरीज काफी परेशान हैं. इसके बाद सभी निजी अस्पतालों को नोटिस जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि वह अपने अस्पताल में किए जा रहे इलाज की दर को सार्वजनिक करें. यदि वह 13 मई दोपहर 12 बजे तक इलाज की दर को सार्वजनिक नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. जरूरत पड़ी तो उनके लाइसेंस को भी निरस्त करने की प्रक्रिया की जाएगी.
इन दरों को करना होगा सार्वजनिक
उन्होंने बताया कि बीते 3 से 4 दिनों में संक्रमण की दर में कमी आने से सरकारी अस्पतालों में भी बेड खाली होने लगे हैं. ऐसे में जरूरी है कि निजी अस्पताल ऑक्सीजन, आईसीयू, वेंटिलेटर अलग-अलग श्रेणी में बेड को विभक्त करके उनकी दरों को सार्वजनिक करें. उन्होंने बताया कि जारी किए गए रेट लिस्ट में कंसल्टेंट, सामान्य दवाइयां, ऑक्सीजन, अस्पताल की मूलभूत सुविधाएं जिसमें पीपीई किट डिस्पोजल आदि की दरें शामिल रहनी चाहिए. उन्होंने कहा कि विशेष दवाइयां, विशेष मशीन या बाहर से बुलाये गए कंसल्टेंट की दर इसमें शामिल नहीं रहेगी.
यह है निर्धारित दर
- किसी व्यक्ति की सैंपल जांच कर निर्धारित रेट 700 रुपये हैं.
- निजी लैब की ओर से स्वयं एकत्र किए गए सैंपल की जांच का दर 900 रुपये है.
- राज्य सरकार के प्राधिकारी की ओर से निजी प्रयोगशाला में भेजे गए जो सैंपल के जांच की दर 500 रुपये है.
- आइसोलेशन बेड बिना वेंटिलेटर के प्रतिदिन की दर 15 हजार रुपये है.
- आईसीयू बेड वेंटिलेटर के साथ प्रतिदिन की दर 18000 रुपये है.