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रोजगार उपलब्ध कराने के लिए किया जा रहा युद्धस्तर पर काम: मधुसूदन हुल्गी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार योजना' की शुरुआत की. इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश के 1 करोड़ 25 लाख लोगों को रोजगार दिए जाएंगे. सीडीओ मधुसूदन हुल्गी ने बताया कि बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है.

अधिकारियों के साथ चर्चा करते सीडीओ मधुसूदन हुल्गी.
अधिकारियों के साथ चर्चा करते सीडीओ मधुसूदन हुल्गी.
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Published : Jun 26, 2020, 3:41 PM IST

वाराणसी: उत्तर प्रदेश में प्रवासी श्रमिकों और बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 'आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार योजना' की शुरुआत की गई. इस योजना के तहत प्रदेश के 1 करोड़ 25 लाख लोगों को रोजगार दिया जाएगा. पीएम नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऑनलाइन माध्यम से बेरोजगार को ऋण प्रदान किए. साथ ही कुटीर उद्योग के लिए टूलकिट भी दी.

जानकारी देते सीडीओ मधुसूदन हुल्गी.

सीएम योगी ने योजना की जानकारी देते बताया कि राज्य में वापस आए मजदूरों को 'होम फॉर रेंट इन' में रखा जा रहा है. वहीं वारंटी अवधि खत्म होने के बाद मजदूरों के लिए पर्याप्त संख्या में नौकरी देने के लिए योजना तैयार की गई है. इसके लिए श्रमिकों की कौशल को नापा जाएगा, जिसके बाद उन्हें उनके कौशल के अनुसार काम दिलाने में सरकार मदद करेगी.

सीडीओ मधुसूदन हुल्गी ने बताया कि योजना के तहत प्रवासी मजदूरों को उनके घर के आसपास रोजगार देने की व्यवस्था बनाई जा रही है. इसके लिए युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है. स्थानीय बिजनेस को प्रमोट करने के साथ औद्योगिक संस्था से पार्टनरशिप कर मजदूरों को रोजगार देने की व्यवस्था बनाई जा रही है.

इसे भी पढ़ें- वाराणसी: गंगा में चलेंगी सीएनजी बोट, प्रदूषण से मिलेगी मुक्ति

वाराणसी: उत्तर प्रदेश में प्रवासी श्रमिकों और बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 'आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार योजना' की शुरुआत की गई. इस योजना के तहत प्रदेश के 1 करोड़ 25 लाख लोगों को रोजगार दिया जाएगा. पीएम नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऑनलाइन माध्यम से बेरोजगार को ऋण प्रदान किए. साथ ही कुटीर उद्योग के लिए टूलकिट भी दी.

जानकारी देते सीडीओ मधुसूदन हुल्गी.

सीएम योगी ने योजना की जानकारी देते बताया कि राज्य में वापस आए मजदूरों को 'होम फॉर रेंट इन' में रखा जा रहा है. वहीं वारंटी अवधि खत्म होने के बाद मजदूरों के लिए पर्याप्त संख्या में नौकरी देने के लिए योजना तैयार की गई है. इसके लिए श्रमिकों की कौशल को नापा जाएगा, जिसके बाद उन्हें उनके कौशल के अनुसार काम दिलाने में सरकार मदद करेगी.

सीडीओ मधुसूदन हुल्गी ने बताया कि योजना के तहत प्रवासी मजदूरों को उनके घर के आसपास रोजगार देने की व्यवस्था बनाई जा रही है. इसके लिए युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है. स्थानीय बिजनेस को प्रमोट करने के साथ औद्योगिक संस्था से पार्टनरशिप कर मजदूरों को रोजगार देने की व्यवस्था बनाई जा रही है.

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