वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के आयुर्वेद संकाय द्वारा शुक्रवार को आयुर्वेद दिवस के अवसर पर आयुर्वेद मेला का आयोजन किया गया. इस मेला में लोगों का नि:शुल्क परीक्षण किया गया और उन्हें आयुर्वेदिक दवा दी गई. बहुत कम ही लोग जानते हैं कि धनतेरस के दिन आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरी की भी पूजा करना चाहिए. प्राचीन काल में धनतेरस के दिन वैद्य नई चीजें बनाते थे और नई जड़ी बूटियों से नए आयुर्वेद का निर्माण करते थे. इस पुरानी परंपरा को काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने आज भी जीवित रखा है.
वैद्य देश विदेश में प्राप्त कर रहे ख्याति
आयुर्वेद संकाय के मैदान में आयुर्वेदिक मेला का आयोजन किया गया, जिसमें लोगों को बताया गया कि किस ऋतु में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए. आयुर्वेद हमें बताता है कि हमें ऋतु के हिसाब से रहना चाहिए और उसके हिसाब से खानपान करना चाहिए. काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मेडिकल इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस में आयुर्वेद की पढ़ाई होती है. यहां के वैद्य देश-विदेश में ख्याति प्राप्त कर रहे हैं.
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धनतेरस के दिन आयुर्वेद दिवस भी मनाया जाता है. आयुर्वेद दिवस इंडिया के साथ-साथ अन्य कई देशों में मनाया जा रहा है. आयुर्वेद दिवस के मौके पर हम लोग समाज को जागरूक करने के लिए विभिन्न आयोजन करते हैं. इस बार हम लोगों ने स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया है.
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विश्वविद्यालय में पहली बार आयोजित मेले में कर्मचारियों को आने के लिए आधे घंटे की छुट्टी दी गई, जिससे कर्मचारी यहां आकर जांच करा सकें. आयुर्वेद वैद्य का यह मानना है जो स्वस्थ हैं वह स्वस्थ बने रहें, इसलिए हमें हमेशा जागरूक रहना होगा. स्वस्थ रहने के लिए आयुर्वेद में क्या खाएं और क्या न खाएं का सिद्धांत है. यह सब बातें इस मेले में लोगों को बताई जा रही हैं. जब लोगों को यह मालूम होगा तो लोग स्वस्थ रहेंगे.