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आयुर्वेद दिवस: BHU में लगा आयुर्वेद मेला, निशुल्क किया गया स्वास्थ्य परीक्षण - ayurveda fair organized in kashi hindu university

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आयुर्वेद दिवस के अवसर पर आयुर्वेद मेले का आयोजन किया गया. इस मेले में लोगों को आयुर्वेद के बारे में जानकारी दी गई. साथ ही लोगों को निशुल्क परीक्षण भी किया गया.

आयुर्वेद दिवस के अवसर पर बीएचयू में लगा आयुर्वेद मेला.
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Published : Oct 26, 2019, 10:59 AM IST

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के आयुर्वेद संकाय द्वारा शुक्रवार को आयुर्वेद दिवस के अवसर पर आयुर्वेद मेला का आयोजन किया गया. इस मेला में लोगों का नि:शुल्क परीक्षण किया गया और उन्हें आयुर्वेदिक दवा दी गई. बहुत कम ही लोग जानते हैं कि धनतेरस के दिन आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरी की भी पूजा करना चाहिए. प्राचीन काल में धनतेरस के दिन वैद्य नई चीजें बनाते थे और नई जड़ी बूटियों से नए आयुर्वेद का निर्माण करते थे. इस पुरानी परंपरा को काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने आज भी जीवित रखा है.

जानकारी देते प्रोफेसर यामिनी भूषण त्रिपाठी.

वैद्य देश विदेश में प्राप्त कर रहे ख्याति
आयुर्वेद संकाय के मैदान में आयुर्वेदिक मेला का आयोजन किया गया, जिसमें लोगों को बताया गया कि किस ऋतु में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए. आयुर्वेद हमें बताता है कि हमें ऋतु के हिसाब से रहना चाहिए और उसके हिसाब से खानपान करना चाहिए. काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मेडिकल इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस में आयुर्वेद की पढ़ाई होती है. यहां के वैद्य देश-विदेश में ख्याति प्राप्त कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- वाराणसी: सारनाथ में युवक की गोली मारकर की हत्या

जानें प्रोफेसर यामिनी भूषण त्रिपाठी ने क्या बताया
धनतेरस के दिन आयुर्वेद दिवस भी मनाया जाता है. आयुर्वेद दिवस इंडिया के साथ-साथ अन्य कई देशों में मनाया जा रहा है. आयुर्वेद दिवस के मौके पर हम लोग समाज को जागरूक करने के लिए विभिन्न आयोजन करते हैं. इस बार हम लोगों ने स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया है.

इसे भी पढ़ें- बाराबंकी: कर्ज से परेशान किसान ने फांसी लगाकर की आत्महत्या

विश्वविद्यालय में पहली बार आयोजित मेले में कर्मचारियों को आने के लिए आधे घंटे की छुट्टी दी गई, जिससे कर्मचारी यहां आकर जांच करा सकें. आयुर्वेद वैद्य का यह मानना है जो स्वस्थ हैं वह स्वस्थ बने रहें, इसलिए हमें हमेशा जागरूक रहना होगा. स्वस्थ रहने के लिए आयुर्वेद में क्या खाएं और क्या न खाएं का सिद्धांत है. यह सब बातें इस मेले में लोगों को बताई जा रही हैं. जब लोगों को यह मालूम होगा तो लोग स्वस्थ रहेंगे.

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के आयुर्वेद संकाय द्वारा शुक्रवार को आयुर्वेद दिवस के अवसर पर आयुर्वेद मेला का आयोजन किया गया. इस मेला में लोगों का नि:शुल्क परीक्षण किया गया और उन्हें आयुर्वेदिक दवा दी गई. बहुत कम ही लोग जानते हैं कि धनतेरस के दिन आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरी की भी पूजा करना चाहिए. प्राचीन काल में धनतेरस के दिन वैद्य नई चीजें बनाते थे और नई जड़ी बूटियों से नए आयुर्वेद का निर्माण करते थे. इस पुरानी परंपरा को काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने आज भी जीवित रखा है.

जानकारी देते प्रोफेसर यामिनी भूषण त्रिपाठी.

वैद्य देश विदेश में प्राप्त कर रहे ख्याति
आयुर्वेद संकाय के मैदान में आयुर्वेदिक मेला का आयोजन किया गया, जिसमें लोगों को बताया गया कि किस ऋतु में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए. आयुर्वेद हमें बताता है कि हमें ऋतु के हिसाब से रहना चाहिए और उसके हिसाब से खानपान करना चाहिए. काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मेडिकल इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस में आयुर्वेद की पढ़ाई होती है. यहां के वैद्य देश-विदेश में ख्याति प्राप्त कर रहे हैं.

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जानें प्रोफेसर यामिनी भूषण त्रिपाठी ने क्या बताया
धनतेरस के दिन आयुर्वेद दिवस भी मनाया जाता है. आयुर्वेद दिवस इंडिया के साथ-साथ अन्य कई देशों में मनाया जा रहा है. आयुर्वेद दिवस के मौके पर हम लोग समाज को जागरूक करने के लिए विभिन्न आयोजन करते हैं. इस बार हम लोगों ने स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया है.

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विश्वविद्यालय में पहली बार आयोजित मेले में कर्मचारियों को आने के लिए आधे घंटे की छुट्टी दी गई, जिससे कर्मचारी यहां आकर जांच करा सकें. आयुर्वेद वैद्य का यह मानना है जो स्वस्थ हैं वह स्वस्थ बने रहें, इसलिए हमें हमेशा जागरूक रहना होगा. स्वस्थ रहने के लिए आयुर्वेद में क्या खाएं और क्या न खाएं का सिद्धांत है. यह सब बातें इस मेले में लोगों को बताई जा रही हैं. जब लोगों को यह मालूम होगा तो लोग स्वस्थ रहेंगे.

Intro:वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय के आयुर्वेद संकाय द्वारा आज आयुर्वेद दिवस के अवसर पर आयुर्वेद मेला का आयोजन किया गया इस मेला में लोगों को निशुल्क परीक्षण किया गया और उन्हें आयुर्वेदिक दवा दिया गया।

धनतेरस के दिन बहुत कम ही लोग जानते हैं कि आज आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरी का भी पूजा अनुष्ठान करना चाहिए प्राचीन काल में आज के दिन वैद्य नई चीजें बनाते थे और आज के दिन नई जड़ी बूटियों से नए आयुर्वेद का निर्माण करते थे इस पुरानी परंपरा को काशी हिंदू विश्वविद्यालय आज भी जीवित रखा है।


Body:आयुर्वेद संकाय के मैदान में आयुर्वेदिक मेला का आयोजन किया गया जिसमें लोगों को इस बात के लिए जागरूक किया कि किस ऋतु में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए क्योंकि आयुर्वेद में सबसे बड़ी बात यह है। आयुर्वेद में हमें बताता है कि हमे ऋतु के हिसाब से रहना चाहिए उनके हिसाब से खानपान करना चाहिए।
क्योंकि हमारी पाश्चात्य विज्ञान है काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मेडिकल इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस में आयुर्वेद की पढ़ाई होती है यहां के वैद्य देश-विदेश में ख्याति प्राप्त कर रहे है।


Conclusion:प्रोफ़ेसर यामिनी भूषण त्रिपाठी आज के दिन आयुर्वेद दिवस भी मनाया जाता है हमारे प्रधानमंत्री ने इसका एलाउंसमेंट किया है। आयुर्वेद दिवस इंडिया के साथ-साथ अन्य कई देशों में मनाया जा रहा है। आयुर्वेद दिवस के मौके पर हम लोग समाज को जागरूक करने के लिए विभिन्न आयोजन करते हैं। इस बार हम लोगों ने स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया है। विश्वविद्यालय में पहली बार आज आयोजित इस मेले में कर्मचारियों को आने के लिए आधे घंटे की छुट्टी दी गई है क्यों आएं और अपना जांच कराएं। आयुर्वेद वैद्य का यह मानना है। जो स्वस्थ है वह स्वस्थ बने रहें इसलिए हमें हमेशा जागरूक रहना होगा। उसके लिए आयुर्वेद में सिद्धांत है क्या खाएं क्या ना खाएं।यह सब बातें इस मेले में लोगों को बताया जा रहा है। उसको हम लोग प्रचारित कर रहे हैं।कि आम भाषा में लोगों को मालूम हो और जब लोगों को यह मालूम होगा तो लोग स्वस्थ रहेंगे और निरोग रहेंगे।


बाईट :-- प्रोफ़ेसर यामिनी भूषण त्रिपाठी, आयुर्वेद संकाय प्रमुख, बीएचयू

आशुतोष वाराणसी
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