मुरादाबाद: पीतलनगरी के नाम से मशहूर मुरादाबाद में पीतल के बर्तनों से लेकर सजावटी सामान तैयार किए जाते हैं. विदेशों में चलन में रहने वाले उत्पाद यहां हर साल नए डिजाइन के साथ बनाये जाते हैं. मुरादाबाद में तैयार कुछ उत्पाद सालों से लोगों की पहली पसंद हैं और हर साल इन उत्पादों की मांग बढ़ती जाती है. यहां तैयार की जाने वाली ट्रॉफियां कश्मीर से कन्याकुमारी तक सप्लाई की जाती हैं और हर साल आकर्षक अंदाज में ट्रॉफियों को बनाया जाता है.
पीतल उद्योग में ट्रॉफियों का वर्तमान बाजार 300 करोड़ रुपये का है. समय के साथ अब पीतल के अलावा अन्य धातुओं से भी ट्रॉफियां तैयार की जाती हैं, जो कीमत में सस्ती होने के साथ आकर्षक नजर आती हैं. मुरादाबाद के कारीगरों के हाथों के हुनर और पीतल की चमक से सजी ये आकर्षक ट्रॉफियां पूरे देश में सप्लाई की जाती हैं. खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन हो या फिर कोई सम्मान समारोह ये ट्रॉफियां हर जगह नजर आती हैं.
ट्रॉफियों से हो रहा 300 करोड़ का कारोबार
हर साल लगभग 300 करोड़ रुपये का कारोबार इन ट्रॉफियों, शील्ड और स्मृति चिन्हों के जरिए हो रहा है. आजादी के बाद से ही मुरादाबाद में ट्रॉफियां बनानी शुरू हो गयी थीं और सबसे पहले दौर में इन्हें सिल्वर से बनाया गया था. बदलते वक्त के साथ पीतल की ट्रॉफियां बनाये जाने लगी और आज के वक्त पीतल के साथ अन्य धातुओं का भी इस्तेमाल किया जाता है. वक्त के साथ अब ट्रॉफियों का रंग भी बदल गया है और आज ट्रॉफियां कई रंग और आकार के साथ बाजार में मौजूद हैं.
क्रिस्टल और डायमंड से बनाया जाता है आकर्षक
पिछले कुछ सालों में पीतल के मूल्य में बढ़ोतरी और इसके कम होते आकर्षण के बाद अब कारोबारियों ने ट्रॉफियों को वक्त के साथ ढालना शुरू किया है. मुरादाबाद में तैयार ज्यादातर ट्रॉफियों में धातुओं के साथ क्रिस्टल और डायमंड को जोड़कर इसे और आकर्षक बनाया जाने लगा है. इसके साथ ही गोल्ड प्लेटिंग, सिल्वर प्लेटिंग, एंटीक फिनिश कर इनको संवारा जाता है.
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कश्मीर से कन्याकुमारी तक हर साल ग्राहकों की डिमांड पर उनके मुताबिक ट्रॉफियां तैयार की जाती हैं. देश- विदेश की कई निजी कंपनियां सीधे मुरादाबाद के कारोबारियों से सम्पर्क कर अपने दिए डिजाइन के मुताबिक सामान तैयार करवा रही हैं. मुरादाबाद के पीतल उद्योग में 10 रुपये से लेकर 10,000 रुपये मूल्य तक की ट्रॉफियां तैयार की जाती हैं.
ट्रॉफियों का बाजार काफी बड़ा है और साल भर इसमें डिमांड बनी रहती है. लिहाजा आने वाले समय में यह कारोबार और तेजी से आगे बढ़ेगा. साथ ही रोजगार के नए अवसर भी कारीगरों को मुहैया कराएगा.
कसामुल हक, कारोबारी