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नवजात बच्ची 'अपर्णा' को नहीं मिली यशोदा मां, भेजी गई शिशु गृह

मेरठ जनपद में बुधवार को गन्ने के खेत में रिक्शेवाले को मिली लावारिस बच्ची को 24 घंटे बाद भी मां का साया न मिलने पर चाइल्ड लाइन ने बच्ची को शिशु गृह बदायूं भेज दिया है.

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नवजात बच्ची "अपर्णा"
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Published : Jun 30, 2022, 9:03 PM IST

मेरठ: जनपद में बुधवार को गन्ने के खेत में मिली एक लावारिस नवजात बच्ची को 24 घण्टे बाद भी मां का साया नहीं मिला तो उसे बदायूं में शिशु गृह भेज दिया गया है. नवजात बच्ची के रोने की आवाज सुनकर एक रिक्शा चालक ने उसे वहां से उठाकर अस्पताल पहुंचाया था.

किठौर थाना क्षेत्र अंतर्गत माछरा इलाके में बुधवार को किसी ने मासूम बच्ची को गन्ने के खेत में छोड़कर चला गया था. इसी दौरान यहां से गुजरने वाले रिक्शा चालक ने बच्ची की रोने की आवाज सुनी तो गन्ने के खेत में पहुंचा. जहां देखा एक बच्ची पड़ी है, इस पर उसने को बच्ची को उठा लिया और अस्पताल पहुंचाया. इसके बाद अस्पताल के स्टाफ ने चाइल्ड लाइन को सूचित किया. सूचना पर पहुंची चाइल्ड लाइन ने बच्ची को ले लिया था.

इस बीच चाइल्ड लाइन की टीम ने अपने तमाम माध्यमों से बच्ची को सही हाथों तक पहुंचाने की कोशिश की थी. लेकिन, कोई बच्ची को अपनाने के लिए आगे नहीं आया. इस दौरान चाइल्ड लाइन की टीम ने बच्ची का नाम अर्पणा रख दिया. बहरहाल जन्म लेते ही बेटी को मौत के मुंह में धकेलने वाले दम्पत्ति का तो पता नहीं चला है, लेकिन अब इस मासूम को नया ठिकाना जरूर मिल गया है. नवजात बच्ची की परवरिश अब बदायूं के शिशुगृह में होगी. फिलहाल मासूम को मौत के मुंह में धकेलने वालों ने शायद ही ये सोचा होगा कि वो जंगली जानवरों से बच पाएगी, लेकिन अब उसे दूसरी जिंदगी मिल चुकी है.

यह भी पढ़ें:शर्मनाक: रोड पर बैग में मिली लावारिस नवजात बच्ची

चाइल्ड लाइन की निदेशिका अनीता राणा ने बताया कि जिस किसी ने भी इस बच्ची को छोड़ा है, उसके परिजनों के बारे में जानकारी देना चाहें तो 01214302021, 9412706850 पर सूचित कर सकते हैं.


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मेरठ: जनपद में बुधवार को गन्ने के खेत में मिली एक लावारिस नवजात बच्ची को 24 घण्टे बाद भी मां का साया नहीं मिला तो उसे बदायूं में शिशु गृह भेज दिया गया है. नवजात बच्ची के रोने की आवाज सुनकर एक रिक्शा चालक ने उसे वहां से उठाकर अस्पताल पहुंचाया था.

किठौर थाना क्षेत्र अंतर्गत माछरा इलाके में बुधवार को किसी ने मासूम बच्ची को गन्ने के खेत में छोड़कर चला गया था. इसी दौरान यहां से गुजरने वाले रिक्शा चालक ने बच्ची की रोने की आवाज सुनी तो गन्ने के खेत में पहुंचा. जहां देखा एक बच्ची पड़ी है, इस पर उसने को बच्ची को उठा लिया और अस्पताल पहुंचाया. इसके बाद अस्पताल के स्टाफ ने चाइल्ड लाइन को सूचित किया. सूचना पर पहुंची चाइल्ड लाइन ने बच्ची को ले लिया था.

इस बीच चाइल्ड लाइन की टीम ने अपने तमाम माध्यमों से बच्ची को सही हाथों तक पहुंचाने की कोशिश की थी. लेकिन, कोई बच्ची को अपनाने के लिए आगे नहीं आया. इस दौरान चाइल्ड लाइन की टीम ने बच्ची का नाम अर्पणा रख दिया. बहरहाल जन्म लेते ही बेटी को मौत के मुंह में धकेलने वाले दम्पत्ति का तो पता नहीं चला है, लेकिन अब इस मासूम को नया ठिकाना जरूर मिल गया है. नवजात बच्ची की परवरिश अब बदायूं के शिशुगृह में होगी. फिलहाल मासूम को मौत के मुंह में धकेलने वालों ने शायद ही ये सोचा होगा कि वो जंगली जानवरों से बच पाएगी, लेकिन अब उसे दूसरी जिंदगी मिल चुकी है.

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चाइल्ड लाइन की निदेशिका अनीता राणा ने बताया कि जिस किसी ने भी इस बच्ची को छोड़ा है, उसके परिजनों के बारे में जानकारी देना चाहें तो 01214302021, 9412706850 पर सूचित कर सकते हैं.


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