मेरठः भारतीय जनता पार्टी ने कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र चौधरी को यूपी में पार्टी की कमान सौंप दी है. पहली बार किसी जाट नेता को बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने प्रदेश का पार्टी का अध्यक्ष बनाया है. इससे पश्चिम के जाट खासे उत्साहित हैं. पार्टी के कद्दावर नेता भूपेंद्र चौधरी करीब 30 साल से भी अधिक समय से बीजेपी से जुड़े है. भूपेंद्र चौधरी योगी आदित्यनाथ सरकार के पिछले कार्यकाल में भी पंचायती राजमंत्री थे. इस बार भी पार्टी ने उन्हें पंचायती राज मंत्री बनाया था.
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में बीजेपी का प्रदर्शन उम्मीद नहीं रहा. लेकिन राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह का जाट बिरादरी के लोगों ने साथ भी दिया. राष्ट्रीय लोकदल के 8 विधायक विधानसभा पहुंचे, वहीं कई सीटें ऐसी भी रही, जहां राष्ट्रीय लोकदल के प्रत्याशियों को जीत नहीं मिली लेकिन उनका प्रदर्शन बेहद शानदार रहा.
इसके बाद से लगातार यूपी में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बदलने की चर्चाएं शुरू हो गई थी. राजनैतिक गलियारों में चर्चा थी कि बीजेपी जाटों को रिझाने के लिए प्रदेश मे पार्टी की बागडोर किसी जाट नेता को दे सकती है. इसकी एक बानगी तब देखने को मिली जब पार्टी ने देश के उपराष्ट्रपति के तौर पर इसी समुदाय के जगदीप धनखड़ को प्रत्याशी घोषित किया.
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पश्चिमी यूपी के जाट नेताओं ने बीजेपी के इस फैसले का स्वागत किया है. जाट समुदाय का मानना है कि इससे बीजेपी पश्चिम में और भी अधिक मजबूत हो जाएगी. इससे 2024 में बीजेपी को फायदा मिलेगा. दिल्ली में किसान आंदोलन के बाद से बीजेपी और सरकार से जाट नाराज थे. उस खाई को भरने का काम बीजेपी ने अब यूपी में प्रदेश अध्यक्ष देकर कर दिया है.
इस दौरान रालोद का साथ देने को लेकर किए गए सवाल पर लोगों ने कहा कि वे जयंत सिंह के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन उन्होंने गलत पार्टी से यूपी में गठबंधन किया. रालोद चीफ चौधरी जयंत सिंह को बीजेपी के साथ आना चाहिए. इससे शतप्रतिशत जाट और किसान कमेरा वर्ग एकजुट हो जाएगा.जाट समुदाय का कहना है कि भूपेंद्र चौधरी को भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष बनाकर 2024 के चुनाव को लेकर मास्टरस्ट्रोक खेला है.
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