मथुरा: मंगलवार को जिला जज की अदालत में श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले की सुनवाई हुई. वादी-प्रतिवादी पक्ष न्यायालय में मौजूद थे. शाही ईदगाह कमेटी के अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि मामला निराधार है. मथुरा एक सौहार्द की नगरी है. कुछ लोग माहौल खराब करना चाहते हैं. मामला न्यायालय में सुनने लायक नहीं है. जिला जज ने मामले की सुनवाई के लिए 21 अप्रैल की तारीख तय की.
दो साल पूर्व 25 सितंबर को कृष्ण भक्त रंजना अग्निहोत्री ने श्री कृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर न्यायालय में पहली याचिका दायर की थी. मंगलवार को जिला जज की कोर्ट में इस मामले में करीब एक घंटे तक बहस हुई. वादी पक्ष के अधिवक्ता ने अपना जवाब दाखिल करने के लिए न्यायालय से समय मांगा.
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श्री कृष्ण जन्म भूमि के मालिकाना हक को लेकर दायर की गई याचिका में चार प्रतिवादी पक्ष बनाए गए हैं. श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान (Shri Krishna Janmasthan Seva Sansthan), श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा ट्रस्ट, शाही ईदगाह मस्जिद और सुन्नी बोर्ड के नाम शामिल हैं.
वादी पक्ष के अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने कहा कि श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर जिला जज की कोर्ट में दोपहर 2 बजे बाद सुनवाई हुई. हम लोगों ने बहस की. न्यायालय में दस्तावेज पेश करने के लिए कुछ समय मांगा. अदालत ने हमारी अर्जी स्वीकार कर ली. अब इस मामले में अगली सुनवाई 21 अप्रैल को होगी.
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