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मंदिर की आवाज पहुंचती है अल्लाह ताला परमपिता परमेश्वर के पास: शाही ईदगाह प्रेसिडेंट - शाही ईदगाह प्रेसिडेंट

मथुरा में शाही ईदगाह प्रेसिडेंट जेड हसन ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि दोनों हिंदू संप्रदाय और मुस्लिम समुदाय मिलकर काम करते हैं.

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जन्म भूमि बनाम शाही ईदगाह मामला
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Published : Jul 11, 2022, 3:29 PM IST

मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मभूमि बनाम शाही ईदगाह मस्जिद मामला लगातार गरमाता जा रहा है. कई हिंदूवादी संगठनों के प्रकरण को लेकर जनपद के सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में याचिकाऐं लगी हैं. उन पर लगातार सुनवाई हो रही है. प्रकरण में मुस्लिम पक्ष का कहना है कि मथुरा की शांति व्यवस्था को खराब करने का प्रयास किया जा रहा है.

मुस्लिम पक्ष का कहना है कि मथुरा की शांति व्यवस्था को भंग करने की कोशिश की जा रही है. इसके लिए बाहर से आए कुछ लोग बिना किसी आधार के कोर्ट में याचिकाऐं लगा रहे हैं. वहीं, हिंदू पक्ष का कहना है, कि श्री कृष्ण जन्म भूमि की जमीन पर अवैध रूप से मस्जिद को बनाया गया है.

शाही ईदगाह प्रेसिडेंट जेड हसन का बयान

शाही ईदगाह मस्जिद के प्रेसिडेंट जेड हसन ने बताया कि मस्जिद से सुनाई देने वाली अजान और मंदिर से सुनाई देने वाले भजन कीर्तन दोनों ही आवाजें नहीं हैं, बल्कि हजारों आवाजें इकट्ठे होकर एक दूसरे से गले मिलते हुए अल्लाह ताला और परमपिता परमेश्वर के पास पहुंचती है. इन आवाजों का उद्देश्य केवल यह है कि हमारी मथुरा नगरी में शांति बनी रहे. उन्होंने आगे कहा कि दोनों हिंदू संप्रदाय और मुस्लिम समुदाय मिलकर काम करते हैं.

यह भी पढ़ें: शाही ईदगाह-श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद, अब 18 जुलाई को होगी सुनवाई

श्रीकृष्ण जन्मभूमि बनाम शाही ईदगाह मस्जिद विवाद तूल पकड़ता जा रहा है. मामले में लगातार जनपद के सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट में सुनवाई चल रही है. श्री कृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ भूमि में बना हुआ है. 11 एकड़ में श्री कृष्ण जन्मभूमि लीला मंच भागवत भवन और 2.37 एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. श्री कृष्ण जन्मस्थान जो प्राचीन विराजमान कटरा केशव देव मंदिर की जगह बना हुआ है. कोर्ट में दाखिल सभी प्रार्थना पत्र में यह मांग की जा रही है कि पूरी जमीन भगवान श्री कृष्ण जन्मभूमि को वापस की जाए . सन 1968 में श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और श्री कृष्ण जन्मभूमि सेवा ट्रस्ट में जो समझौता हुआ था. उसके तहत जमीन बिक्री करने का कोई अधिकार नहीं है.

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मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मभूमि बनाम शाही ईदगाह मस्जिद मामला लगातार गरमाता जा रहा है. कई हिंदूवादी संगठनों के प्रकरण को लेकर जनपद के सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में याचिकाऐं लगी हैं. उन पर लगातार सुनवाई हो रही है. प्रकरण में मुस्लिम पक्ष का कहना है कि मथुरा की शांति व्यवस्था को खराब करने का प्रयास किया जा रहा है.

मुस्लिम पक्ष का कहना है कि मथुरा की शांति व्यवस्था को भंग करने की कोशिश की जा रही है. इसके लिए बाहर से आए कुछ लोग बिना किसी आधार के कोर्ट में याचिकाऐं लगा रहे हैं. वहीं, हिंदू पक्ष का कहना है, कि श्री कृष्ण जन्म भूमि की जमीन पर अवैध रूप से मस्जिद को बनाया गया है.

शाही ईदगाह प्रेसिडेंट जेड हसन का बयान

शाही ईदगाह मस्जिद के प्रेसिडेंट जेड हसन ने बताया कि मस्जिद से सुनाई देने वाली अजान और मंदिर से सुनाई देने वाले भजन कीर्तन दोनों ही आवाजें नहीं हैं, बल्कि हजारों आवाजें इकट्ठे होकर एक दूसरे से गले मिलते हुए अल्लाह ताला और परमपिता परमेश्वर के पास पहुंचती है. इन आवाजों का उद्देश्य केवल यह है कि हमारी मथुरा नगरी में शांति बनी रहे. उन्होंने आगे कहा कि दोनों हिंदू संप्रदाय और मुस्लिम समुदाय मिलकर काम करते हैं.

यह भी पढ़ें: शाही ईदगाह-श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद, अब 18 जुलाई को होगी सुनवाई

श्रीकृष्ण जन्मभूमि बनाम शाही ईदगाह मस्जिद विवाद तूल पकड़ता जा रहा है. मामले में लगातार जनपद के सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट में सुनवाई चल रही है. श्री कृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ भूमि में बना हुआ है. 11 एकड़ में श्री कृष्ण जन्मभूमि लीला मंच भागवत भवन और 2.37 एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. श्री कृष्ण जन्मस्थान जो प्राचीन विराजमान कटरा केशव देव मंदिर की जगह बना हुआ है. कोर्ट में दाखिल सभी प्रार्थना पत्र में यह मांग की जा रही है कि पूरी जमीन भगवान श्री कृष्ण जन्मभूमि को वापस की जाए . सन 1968 में श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और श्री कृष्ण जन्मभूमि सेवा ट्रस्ट में जो समझौता हुआ था. उसके तहत जमीन बिक्री करने का कोई अधिकार नहीं है.

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