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एक ऐसा सरकारी स्कूल, जहां गाय-भैंसों के साथ पढ़ते हैं बच्चे

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Published : Jul 20, 2022, 7:27 PM IST

मथुरा में एक पूर्व माध्यमिक विद्यालय का भवन जर्जर होने कोई भी व्यवस्था न होने के कारण बच्चें गाय-भैसों के साथ पेड़ के नीचे बैठ कर पढ़ने के लिए मजबूर हैं. आइए जानते हैं कि इस स्कूल की इस स्थिति के पीछे जिम्मेदार कौन है?

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गाय-भैसों के साथ पढ़ते बच्चें

मथुरा: भले ही सरकार द्वारा शिक्षा के स्तर को बेहतर करने के लाखों दावे किए जाते रहे हों, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही कहती है. ऐसा ही एक मामला जनपद मथुरा के छाता विधान सभा क्षेत्र में देखने को मिला है. यहां का पूर्व माध्यमिक विद्यालय अजनौठी (pre secondary school Ajnauthi) का भवन की जर्जर है और कभी भी गिर सकता है. जिसकी वजह से स्कूल से कुछ दूरी पर एक नीम के पेड़ के नीचे बैठकर पशुओं के साथ पढ़ाई कर रहे हैं. यहां न तो पीने के पानी की व्यवस्था है न बैठने की, इसके साथ शौचालय भी नहीं है. सब कुछ जानते हुए भी जिम्मेदार चैन की नींद सो रहे हैं.

गाय-भैंसों के साथ पेड़ के नीचे पढ़ते बच्चे


विद्यालय के शिक्षक गोविंद प्रसाद ने बताया कि काफी समय से विद्यालय भवन की स्थिति काफी जर्जर है, जो कभी भी गिर सकता है .बारिश का समय है, कभी भी बच्चों के साथ हादसा हो सकता है. इसके लिए बच्चों को पेड़ के नीचे बैठाकर पढ़ा रहे हैं. यहां पशु भी बच्चों के पास ही बैठे रहते हैं. उन्होंने बताया कि स्कूल में पानी, विद्यार्थियों के बैठने की व्यवस्था, शौचालय के साथ कोई व्यवस्था नहीं है. गोविंद प्रसाद ने बताया कि कई बार अधिकारियों को अवगत कराया गया है, लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. अभी तक कोई भी अधिकारी विद्यालय की स्थिति को देखने के लिए नहीं आया है. मजबूर होकर वह बच्चों को इस तरह पढ़ा रहे हैं.

यह भी पढे़ं:13 लाख 59 हजार किताबों की जरूरत, मिलीं सिर्फ सवा लाख, कैसे पढ़ेंगे नौनिहाल?

वहीं, बीएसए मथुरा दीवान सिंह का कहना है कि वित्तीय वर्ष 2022 -23 के बजट में यूपीएस विद्यालय को डालेंगे. वहां से धन मिलते ही नया विद्यालय बनवा देंगे और जो जर्जर भवन का ध्वस्तीकरण कर दिया जाएगा. नया भवन न बनने तक बच्चों के बैठने की व्यवस्था फिलहाल ग्राम प्रधान के माध्यम से कहीं अच्छी जगह करा दी जाएगी. ग्राम प्रधान से बात करते पंचायत घर या अन्य जगह बच्चों के पढ़ाने के लिए उपलब्ध कराई जाएगी.


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मथुरा: भले ही सरकार द्वारा शिक्षा के स्तर को बेहतर करने के लाखों दावे किए जाते रहे हों, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही कहती है. ऐसा ही एक मामला जनपद मथुरा के छाता विधान सभा क्षेत्र में देखने को मिला है. यहां का पूर्व माध्यमिक विद्यालय अजनौठी (pre secondary school Ajnauthi) का भवन की जर्जर है और कभी भी गिर सकता है. जिसकी वजह से स्कूल से कुछ दूरी पर एक नीम के पेड़ के नीचे बैठकर पशुओं के साथ पढ़ाई कर रहे हैं. यहां न तो पीने के पानी की व्यवस्था है न बैठने की, इसके साथ शौचालय भी नहीं है. सब कुछ जानते हुए भी जिम्मेदार चैन की नींद सो रहे हैं.

गाय-भैंसों के साथ पेड़ के नीचे पढ़ते बच्चे


विद्यालय के शिक्षक गोविंद प्रसाद ने बताया कि काफी समय से विद्यालय भवन की स्थिति काफी जर्जर है, जो कभी भी गिर सकता है .बारिश का समय है, कभी भी बच्चों के साथ हादसा हो सकता है. इसके लिए बच्चों को पेड़ के नीचे बैठाकर पढ़ा रहे हैं. यहां पशु भी बच्चों के पास ही बैठे रहते हैं. उन्होंने बताया कि स्कूल में पानी, विद्यार्थियों के बैठने की व्यवस्था, शौचालय के साथ कोई व्यवस्था नहीं है. गोविंद प्रसाद ने बताया कि कई बार अधिकारियों को अवगत कराया गया है, लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. अभी तक कोई भी अधिकारी विद्यालय की स्थिति को देखने के लिए नहीं आया है. मजबूर होकर वह बच्चों को इस तरह पढ़ा रहे हैं.

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वहीं, बीएसए मथुरा दीवान सिंह का कहना है कि वित्तीय वर्ष 2022 -23 के बजट में यूपीएस विद्यालय को डालेंगे. वहां से धन मिलते ही नया विद्यालय बनवा देंगे और जो जर्जर भवन का ध्वस्तीकरण कर दिया जाएगा. नया भवन न बनने तक बच्चों के बैठने की व्यवस्था फिलहाल ग्राम प्रधान के माध्यम से कहीं अच्छी जगह करा दी जाएगी. ग्राम प्रधान से बात करते पंचायत घर या अन्य जगह बच्चों के पढ़ाने के लिए उपलब्ध कराई जाएगी.


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