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श्रीकृष्ण जन्मभूमि प्रकरण में दो याचिकाओं पर सुनवाई टली - श्रीकृष्ण जन्मभूमि प्रकरण पर अपडेट

श्रीकृष्ण जन्मभूमि बनाम शाही ईदगाह मस्जिद में दाखिल दोनों याचिकाओं पर सिविल जज के छुट्टी पर होने के कारण मंगलवार को सुनवाई नहीं हुई. सुनवाई की अगली तारीख 2 सितंबर नियत की गई है.

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श्रीकृष्ण जन्मभूमि
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Published : Aug 16, 2022, 6:38 PM IST

मथुरा: जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में मंगलवार को श्रीकृष्ण जन्मभूमि प्रकरण को लेकर दो याचिकाओं पर सुनवाई होनी थी. लेकिन सिविल जज अवकाश पर होने के कारण मामले की सुनवाई नहीं हो सकी. अगली सुनवाई 2 सितंबर को तय की गई है. दोनों याचिकाओं में मांग की गई थी कि अवैध मस्जिद हटाकर भव्य श्रीकृष्ण भगवान का मंदिर बनाया जाए.

अधिवक्ता देवकीनंदन शर्मा.
अधिवक्ता देवकीनंदन शर्मा ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि बनाम शाही ईदगाह मस्जिद प्रकरण को लेकर मंगलवार को जनपद के सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में पवन कुमार शास्त्री और अनिल त्रिपाठी की दो याचिकाओं पर सुनवाई होनी थी. वादी पवन कुमार शास्त्री ने एक साल पहले सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में और अनिल त्रिपाठी जोकि अखिल भारत हिंदू महासभा के उपाध्यक्ष ने याचिका दाखिल की थी.

दोनों याचिकाओं में मांग की गई है कि मुगल शासक औरंगजेब ने मंदिर को तोड़कर अवैध शाही ईदगाह मस्जिद बनाई थी. न्यायालय द्वारा इस मामले को संज्ञान में लेकर मस्जिद हटाई जाए और उसी स्थान पर भगवान श्रीकृष्ण का मंदिर बनाया जाए. दोनों याचिकाओं पर समय-समय पर न्यायालय में वादी और प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता उपस्थित होकर अपनी-अपनी दलीलें पेश करते हैं.

यह भी पढ़ें:श्री कृष्ण जन्मभूमि प्रकरण: दिनेश कौशिक की याचिका पर नहीं हो सकी सुनवाई, कोर्ट ने 22 जुलाई नियत की तारीख

गौरतलब है कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है. 11 एकड़ में श्री कृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और 2.37 एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. श्रीकृष्ण जन्मस्थान जो प्राचीन विराजमान कटरा केशव देव मंदिर की जगह पर बना हुआ है. कोर्ट में दाखिल सभी प्रार्थना पत्र में यह मांग की जा रही है कि पूरी जमीन भगवान श्रीकृष्ण जन्मभूमि को वापस की जाए. 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और श्रीकृष्ण जन्म भूमि सेवा ट्रस्ट में जो समझौता हुआ था, उसे जमीन डिक्री करने का कोई अधिकार नहीं है.

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मथुरा: जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में मंगलवार को श्रीकृष्ण जन्मभूमि प्रकरण को लेकर दो याचिकाओं पर सुनवाई होनी थी. लेकिन सिविल जज अवकाश पर होने के कारण मामले की सुनवाई नहीं हो सकी. अगली सुनवाई 2 सितंबर को तय की गई है. दोनों याचिकाओं में मांग की गई थी कि अवैध मस्जिद हटाकर भव्य श्रीकृष्ण भगवान का मंदिर बनाया जाए.

अधिवक्ता देवकीनंदन शर्मा.
अधिवक्ता देवकीनंदन शर्मा ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि बनाम शाही ईदगाह मस्जिद प्रकरण को लेकर मंगलवार को जनपद के सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में पवन कुमार शास्त्री और अनिल त्रिपाठी की दो याचिकाओं पर सुनवाई होनी थी. वादी पवन कुमार शास्त्री ने एक साल पहले सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में और अनिल त्रिपाठी जोकि अखिल भारत हिंदू महासभा के उपाध्यक्ष ने याचिका दाखिल की थी.

दोनों याचिकाओं में मांग की गई है कि मुगल शासक औरंगजेब ने मंदिर को तोड़कर अवैध शाही ईदगाह मस्जिद बनाई थी. न्यायालय द्वारा इस मामले को संज्ञान में लेकर मस्जिद हटाई जाए और उसी स्थान पर भगवान श्रीकृष्ण का मंदिर बनाया जाए. दोनों याचिकाओं पर समय-समय पर न्यायालय में वादी और प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता उपस्थित होकर अपनी-अपनी दलीलें पेश करते हैं.

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गौरतलब है कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है. 11 एकड़ में श्री कृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और 2.37 एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. श्रीकृष्ण जन्मस्थान जो प्राचीन विराजमान कटरा केशव देव मंदिर की जगह पर बना हुआ है. कोर्ट में दाखिल सभी प्रार्थना पत्र में यह मांग की जा रही है कि पूरी जमीन भगवान श्रीकृष्ण जन्मभूमि को वापस की जाए. 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और श्रीकृष्ण जन्म भूमि सेवा ट्रस्ट में जो समझौता हुआ था, उसे जमीन डिक्री करने का कोई अधिकार नहीं है.

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