ETV Bharat / city

जल्द ज्ञानवापी मामले में हिंदुओं के पक्ष में आएगा फैसला: प्रताप चंद्र सारंगी - Pratap Chandra Sarangi reached Shri Radha Kishori Sewa Dham Ashram

मथुरा में श्री राधा किशोरी सेवा धाम आश्रम पहुंचे पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री ने ज्ञानवापी मुद्दे पर कहा कि वहां मंदिर के सभी साक्ष्य मौजूद हैं. अदालत से जल्दी ही हिंदुओं के पक्ष में निर्णय आएगा.

etv bharat
प्रताप चंद्र सारंगी
author img

By

Published : Jul 20, 2022, 3:32 PM IST

मथुरा: पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और सांसद प्रताप चंद्र सारंगी ने मंगलवार की देर शाम परिक्रमा मार्ग स्थित श्री राधा किशोरी सेवा धाम आश्रम पहुंचे. जहां उन्होंने भागवत प्रवक्ता स्वामी इंद्रदेव सरस्वती से मुलाकात कर आशीर्वाद लिया और आध्यत्म पर चर्चा भी की. इस दौरान पत्रकारों से रूबरू हुए पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री ने ज्ञानवापी मुद्दे के प्रश्न पर कहा कि वहां मंदिर के सभी साक्ष्य मौजूद हैं. अदालत से जल्दी ही हिंदुओं के पक्ष में निर्णय आएगा, ऐसा उन्हें पूरा भरोसा है.

उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद की दीवारों पर हिंदू मंदिर के सभी चिन्ह मौजूद हैं. लेकिन कुछ धर्म विरोधी लोगों खी ओर से इसका बेवजह विरोध किया जा रहा है. संसद के मानसून सत्र में विपक्षियों द्वारा किए जा रहे हंगामे के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह संसद का अपमान है. सभी को गरिमा पूर्ण दायित्व और आचरण का प्रयोग करना चाहिए. अग्नीपथ योजना को लेकर विपक्ष के विरोध को उन्होंने देश के लिए घातक बताया. उन्होंने कहा कि इस योजना के माध्यम से युवाओं को सेना समेत अन्य सुरक्षा एजेंसियों के माध्यम से देश की सेवा करने का मौका मिलेगा. कुछ लोगों द्वारा युवाओं को इस मुद्दे पर गुमराह करने के प्रयास किए जा रहे हैं.

प्रताप चंद्र सारंगी
प्रताप चंद्र सारंगी ने ज्ञानवापी मामले पर कहा कि हमें तो इतिहास पर भरोसा करना चाहिए. सारे प्रमाणिक तथ्य सिद्ध कर दिए की जैसे राम मंदिर में मैं कई बार राम मंदिर गया हिंदू मंदिर को तोड़कर मस्जिद को बनाया गया था, जिसके सारे प्रमाण आ गए, जिसमें कोर्ट ने निर्णय दे दिया. ज्ञानवापी मामले में भी ऐसा ही हुआ. सब लोग जान रहे कि उन्होंने तोड़कर काशी विश्वनाथ मंदिर को और भगवान शंकर के शिवलिंग को ज्ञानवापी में डाल दिया. आज तो यह सामने आ गया. सिद्ध हो गया और ज्ञान का क्या सिद्धांत है. जब तक कोई चीज प्रमाणित नहीं होती है तब तक उस पर विश्वास मत करो, जब यह प्रमाणित हो गया तो आपको किसी अन्य चीज से प्रभावित नहीं होना चाहिए.
etv bharat
पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री

इसे भी पढ़ेंः दिनेश खटीक को लेकर अखिलेश यादव ने ली चुटकी, कभी-कभी बुलडोज़र उल्टा भी चलता है


इसलिए सभ्यता के आधार पर प्रमाणित हो गया और ज्ञानवापी में जो हुआ था यह हमारे राष्ट्र का अपमान है, क्योंकि हमारे राष्ट्र के गौरव को ध्वस्त करके पराधीनता का कलंकित चीन को स्थापित करने का जो दुष्ट प्रयास हुआ था यह ठीक नहीं है. हम किसी संप्रदाय विशेष को अपमानित करना हमारा उद्देश्य नहीं है. हमारे धर्म का सिद्धांत है. हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं, लेकिन हमारे सनातन धर्म को अपमानित करने की कोई कोशिश करेगा तो उसको भी बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए. इस विश्व में न्यायालय ही फाइनल निर्णय लेगा और आज तो यह चिन्ह है जो काशी विश्वनाथ मंदिर का जो संकेत है. वह प्रमाणित हो गया है और इस को मानना पड़ेगा और कोई विदेशी आक्रांता क्या कर गया इसलिए राष्ट्रीय स्वाभिमान को तो श्रद्धांजलि हम नहीं दे सकते. हमें सत्य का सम्मान करना चाहिए और इसको हमारी सरकार ने भी स्वीकार किया है. इसलिए मैं सोचता हूं प्रमाण के आधार पर जो अदालत का जो निर्णय होगा हम सब के लिए मान्य है.

अग्नीपथ योजना पर बोले सारंगी

अग्नीपथ की योजना पर बोलते हुए प्रताप चंद्र सारंगी ने कहा कि स्वाधीनता को शिष्टाचार के साथ सामान कर आजादी के लगभग 75 साल पूरे हो रहे हैं. हमको गरिमामय दायित्व पूर्ण आचरण करना चाहिए लेकिन लोगों को हम निराश करते हैं और कोई गंभीर चर्चा नहीं हो पा रहा है और बराबर बाहुबल का प्रयोग करना यह ठीक नहीं है. संसद की गरिमा को हम को रखना चाहिए शेर का मुख मंडल कैसा है. वह गर्जन करता है. वह स्माइल करता है इस अनावश्यक विषय को लेकर के कितनी चर्चा हो रही है, इस देश के अंदर बड़े-बड़े लोगों द्वारा यह सूचित करता है की हम क्या सोचते हैं. इसके अलावा भी कई गंभीर विषय है हमारे देश के विकास का लक्ष्य हासिल करना है.

आज भी बहुत से लोगों को पुष्टाहार नहीं मिलता है. इन सारे विषयों को लेकर मिलकर काम करना चाहिए. भारत को विश्व गुरु पर आसीन करना. चाहिए मोदी जी के कारण आज पूरे विश्व में देश का कितना सम्मान बढ़ गया है. योग दिवस के लिए जो उन्होंने निवेदन किया, विश्व में लगभग 190 देश उसका पालन कर कर रहे हैं. हिंदू ने या मुस्लिम ने सूर्य नमस्कार किया इसके लिए कोई चर्चा नहीं कर रहा. केवल भारत में ही इस को लेकर चर्चा होती है .लेकिन मुस्लिम देशों में भी इसका पालन करते हैं.

इसलिए अग्नीपथ को भी मुद्दा नहीं बनाना चाहिए. इसको मुद्दा बना दिया गया है हर एक देश में मिलिट्री ट्रेनिंग एक कंपलसरी सब्जेक्ट हो गया है हर एक नागरिक को 2 से 4 साल काम करना है. लेकिन हमारे देश में इनको अच्छा तनखा दे कर के 4 साल के लिए काम कराना है और इससे योग्यता निर्माण होगा. बीएसएफ में आर्मी में नेवी में पुलिस में भर्ती हो सकते हैं, उसके लिए सारी संभावनाएं हैं. इससे योगिता वर्धन करने का अच्छा अवसर मिलेगा.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

मथुरा: पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और सांसद प्रताप चंद्र सारंगी ने मंगलवार की देर शाम परिक्रमा मार्ग स्थित श्री राधा किशोरी सेवा धाम आश्रम पहुंचे. जहां उन्होंने भागवत प्रवक्ता स्वामी इंद्रदेव सरस्वती से मुलाकात कर आशीर्वाद लिया और आध्यत्म पर चर्चा भी की. इस दौरान पत्रकारों से रूबरू हुए पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री ने ज्ञानवापी मुद्दे के प्रश्न पर कहा कि वहां मंदिर के सभी साक्ष्य मौजूद हैं. अदालत से जल्दी ही हिंदुओं के पक्ष में निर्णय आएगा, ऐसा उन्हें पूरा भरोसा है.

उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद की दीवारों पर हिंदू मंदिर के सभी चिन्ह मौजूद हैं. लेकिन कुछ धर्म विरोधी लोगों खी ओर से इसका बेवजह विरोध किया जा रहा है. संसद के मानसून सत्र में विपक्षियों द्वारा किए जा रहे हंगामे के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह संसद का अपमान है. सभी को गरिमा पूर्ण दायित्व और आचरण का प्रयोग करना चाहिए. अग्नीपथ योजना को लेकर विपक्ष के विरोध को उन्होंने देश के लिए घातक बताया. उन्होंने कहा कि इस योजना के माध्यम से युवाओं को सेना समेत अन्य सुरक्षा एजेंसियों के माध्यम से देश की सेवा करने का मौका मिलेगा. कुछ लोगों द्वारा युवाओं को इस मुद्दे पर गुमराह करने के प्रयास किए जा रहे हैं.

प्रताप चंद्र सारंगी
प्रताप चंद्र सारंगी ने ज्ञानवापी मामले पर कहा कि हमें तो इतिहास पर भरोसा करना चाहिए. सारे प्रमाणिक तथ्य सिद्ध कर दिए की जैसे राम मंदिर में मैं कई बार राम मंदिर गया हिंदू मंदिर को तोड़कर मस्जिद को बनाया गया था, जिसके सारे प्रमाण आ गए, जिसमें कोर्ट ने निर्णय दे दिया. ज्ञानवापी मामले में भी ऐसा ही हुआ. सब लोग जान रहे कि उन्होंने तोड़कर काशी विश्वनाथ मंदिर को और भगवान शंकर के शिवलिंग को ज्ञानवापी में डाल दिया. आज तो यह सामने आ गया. सिद्ध हो गया और ज्ञान का क्या सिद्धांत है. जब तक कोई चीज प्रमाणित नहीं होती है तब तक उस पर विश्वास मत करो, जब यह प्रमाणित हो गया तो आपको किसी अन्य चीज से प्रभावित नहीं होना चाहिए.
etv bharat
पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री

इसे भी पढ़ेंः दिनेश खटीक को लेकर अखिलेश यादव ने ली चुटकी, कभी-कभी बुलडोज़र उल्टा भी चलता है


इसलिए सभ्यता के आधार पर प्रमाणित हो गया और ज्ञानवापी में जो हुआ था यह हमारे राष्ट्र का अपमान है, क्योंकि हमारे राष्ट्र के गौरव को ध्वस्त करके पराधीनता का कलंकित चीन को स्थापित करने का जो दुष्ट प्रयास हुआ था यह ठीक नहीं है. हम किसी संप्रदाय विशेष को अपमानित करना हमारा उद्देश्य नहीं है. हमारे धर्म का सिद्धांत है. हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं, लेकिन हमारे सनातन धर्म को अपमानित करने की कोई कोशिश करेगा तो उसको भी बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए. इस विश्व में न्यायालय ही फाइनल निर्णय लेगा और आज तो यह चिन्ह है जो काशी विश्वनाथ मंदिर का जो संकेत है. वह प्रमाणित हो गया है और इस को मानना पड़ेगा और कोई विदेशी आक्रांता क्या कर गया इसलिए राष्ट्रीय स्वाभिमान को तो श्रद्धांजलि हम नहीं दे सकते. हमें सत्य का सम्मान करना चाहिए और इसको हमारी सरकार ने भी स्वीकार किया है. इसलिए मैं सोचता हूं प्रमाण के आधार पर जो अदालत का जो निर्णय होगा हम सब के लिए मान्य है.

अग्नीपथ योजना पर बोले सारंगी

अग्नीपथ की योजना पर बोलते हुए प्रताप चंद्र सारंगी ने कहा कि स्वाधीनता को शिष्टाचार के साथ सामान कर आजादी के लगभग 75 साल पूरे हो रहे हैं. हमको गरिमामय दायित्व पूर्ण आचरण करना चाहिए लेकिन लोगों को हम निराश करते हैं और कोई गंभीर चर्चा नहीं हो पा रहा है और बराबर बाहुबल का प्रयोग करना यह ठीक नहीं है. संसद की गरिमा को हम को रखना चाहिए शेर का मुख मंडल कैसा है. वह गर्जन करता है. वह स्माइल करता है इस अनावश्यक विषय को लेकर के कितनी चर्चा हो रही है, इस देश के अंदर बड़े-बड़े लोगों द्वारा यह सूचित करता है की हम क्या सोचते हैं. इसके अलावा भी कई गंभीर विषय है हमारे देश के विकास का लक्ष्य हासिल करना है.

आज भी बहुत से लोगों को पुष्टाहार नहीं मिलता है. इन सारे विषयों को लेकर मिलकर काम करना चाहिए. भारत को विश्व गुरु पर आसीन करना. चाहिए मोदी जी के कारण आज पूरे विश्व में देश का कितना सम्मान बढ़ गया है. योग दिवस के लिए जो उन्होंने निवेदन किया, विश्व में लगभग 190 देश उसका पालन कर कर रहे हैं. हिंदू ने या मुस्लिम ने सूर्य नमस्कार किया इसके लिए कोई चर्चा नहीं कर रहा. केवल भारत में ही इस को लेकर चर्चा होती है .लेकिन मुस्लिम देशों में भी इसका पालन करते हैं.

इसलिए अग्नीपथ को भी मुद्दा नहीं बनाना चाहिए. इसको मुद्दा बना दिया गया है हर एक देश में मिलिट्री ट्रेनिंग एक कंपलसरी सब्जेक्ट हो गया है हर एक नागरिक को 2 से 4 साल काम करना है. लेकिन हमारे देश में इनको अच्छा तनखा दे कर के 4 साल के लिए काम कराना है और इससे योग्यता निर्माण होगा. बीएसएफ में आर्मी में नेवी में पुलिस में भर्ती हो सकते हैं, उसके लिए सारी संभावनाएं हैं. इससे योगिता वर्धन करने का अच्छा अवसर मिलेगा.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.