मथुरा: जनपद की गोवर्धन तहसील के सौंख कस्बे में दो बेटियों ने कुछ ऐसा कर दिखाया जिसे देखकर पूरा समाज सोचने पर मजबूर हो गया. कस्बे में डॉक्टर पुष्पेंद्र चतुर्वेदी का बुधवार को लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया. उनकी दो बेटियों ने उन्हें मुखाग्नि (Daughters lit fire to father in Mathura) देकर अंतिम संस्कार किया.
बेटियों द्वारा रूढ़िवादी परंपरा को तोड़े जाने का मामला पूरे जनपद में चर्चा का विषय बना हुआ है. आमतौर पर बेटा ही पिता को मुखाग्नि देता है, लेकिन अब यह बात गुजरे जमाने की हो गई है अब बेटियां भी पुत्र के समान ही अपने सारे फर्ज निभा रही हैं.
गोवर्धन तहसील के सौंख कस्बे में दो बेटियों ने रूढ़िवादी परंपरा को तोड़ते हुए पिता की अंतिम यात्रा में शमशान तक पहुंच कर विधि विधान के अनुसार मुखाग्नि देकर उनका अंतिम संस्कार (Daughters lit fire to father in Mathura) किया. यह मामला जनपद में चर्चा का विषय बना हुआ है. 52 वर्षीय डॉक्टर पुष्पेंद्र चतुर्वेदी का लंबी बीमारी के चलते बुधवार को निधन हो गया था, जिसके बाद उनकी बेटी किमी चतुर्वेदी व मिनी चतुर्वेदी ने अपने पिता के शव को मुखाग्नि देकर उनका अंतिम संस्कार किया.
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पुष्पेंद्र चतुर्वेदी का एक बेटा प्रिंस चतुर्वेदी भी था लेकिन उसकी 6 वर्ष पूर्व एक सड़क हादसे में मृत्यु हो गई थी. पुष्पेंद्र चतुर्वेदी अपनी दोनों बेटियों को बेटों के समान ही मानते थे और उनकी परवरिश भी बेटों की तरह ही की थी. उन्होंने कभी भी बेटियों को यह अहसास नहीं होने दिया कि वह उनकी बेटियां हैं. वह हमेशा उनका लालन-पालन अपने पुत्र की तरह ही करते रहे. वहीं, जब बुधवार दोपहर को पिता का निधन हो गया तो रात को बेटियों ने भी बेटों की तरह ही अपना फर्ज निभाते हुए मुखाग्नि देकर अपने पिता का अंतिम संस्कार किया. यह पूरा मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है.
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