मथुरा: बकरीद का त्योहार नजदीक आ रहा है. आम दिनों में जहां बकरा मंडियों में लोगों की भारी भीड़ देखने को मिलती थी, वहीं इस बार कोरोना महामारी के कारण लोग बकरा मंडियों तक कम ही पहुंच रहे हैं, जिससे बकरे मंडियों में शोपीस बनकर रह गए हैं पिछले साल के मुताबिक इस बार बकरे की कीमत में बीस फ़ीसदी बढ़ोतरी की गई है. पिछले साल बकरा तीन सौ रुपये किलो बिका था. इस बार 380 रुपये किलो बाजार में उपलब्ध है. वैश्विक महामारी कोरोना काल की आपदा के कारण लाखों लोगों की नौकरी चली गई. वहीं कारोबार पर भी बुरा असर पड़ा है. लोगों ने बताया बकरा महंगा होने के कारण इस बार ईद पर 20 से 30 किलो का ही बकरा खरीद रहे हैं. क्योंकि रोजगार धंधे बंद पड़े हुए हैं.
शहर के लक्ष्मीनगर इलाके में बकरा फार्म हाउस, आगरा दिल्ली राजमार्ग पर स्थित बकरा फार्म हाउस, महावन क्षेत्र में मंडी, नौहझील क्षेत्र के बाजना इलाके मे भी इस बार बकरो की खरीदारी बहुत कम हुई है, जो कि पिछले साल से 60 फ़ीसदी कम है.
बकरा फार्म हाउस में काम करने वाले लच्छी ने बताया इस बार बकरा महंगा होने के कारण खरीदारी कम है. इस बार बाजार में बकरा 380 रुपये किलो बिक रहा है. दिन भर में इक्का-दुक्का ग्राहक ही बकरा खरीदने के लिए पहुंच रहे हैं. लोगों के रोजगार धंधे बंद पड़े हुए हैं. पैसा नहीं है, जिसके कारण त्योहार भी फीका नजर आता है.
बकरा फार्म हाउस पहुंचे ग्राहक इकबाल ने बताया कि बकरे बहुत महंगे बिक रहे हैं. पिछले साल बकरा तीन सौ रुपये किलो बिका था. बकरीद पर पिछले साल 50 किलो का बकरा कुर्बानी देकर ईद मनाई थी, लेकिन इस बार 20 से 25 किलो का ही बकरा खरीद रहे हैं. देश में आई वैश्विक महामारी के कारण कारोबार बंद पड़े हुए हैं. लोगों की जेब में पैसा नहीं है त्योहार कहां से मनाएं.
बकरा फार्म हाउस के मालिक मोहम्मद अजमल ने बताया बकरों की खरीदारी पर सबसे बड़ा असर कोरोना का पड़ा है. क्योंकि पिछले 2 वर्षों से वैश्विक महामारी के कारण कारोबार बंद पड़े हुए हैं. लोगों के पास पैसा नहीं है. पिछले साल फार्म हाउस से तीस हजार बकरे बेचे गए थे. लेकिन इस बार सात हजार बकरों की सेल हुई है. फार्म हाउस में बकरे देखने के लिए ग्राहक तो आते हैं. लेकिन पैसा न होने की वजह से बिक्री कम है.