लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने पंडित दीनदयाल ग्रामोद्योग रोजगार योजना शुरू की और ग्रामीण स्तर पर युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ग्रामोद्योग स्थापित करने में अनुदान देने का काम शुरू किया. इस योजना का युवाओं ने खूब लाभ उठाया और स्टार्टअप शुरू करने में कामयाब हुए.
उत्तर प्रदेश में अब तक की बात करें तो 15,000 से अधिक ग्रामोद्योग से जुड़ी इकाइयों को स्थापित कराने का काम किया गया है. करीब 1982 करोड़ रुपए का अनुदान भी दिया गया. जिसके माध्यम से लोगों ने अपने स्वरोजगार स्थापित किए और बड़ी संख्या में दूसरे लोगों को रोजगार देने का भी काम किया. ईटीवी भारत ने स्टार्टअप करने वाले कुछ लोगों से बात की और समझा कि सरकार से मिली सहूलियत से उन्हें कितना लाभ हुआ और स्टार्टअप शुरू करने के बाद क्या फायदा हुआ.
हम तीन महिला साथियों ने मिलकर अपना स्टार्टअप शुरू किया है. हम लोगों को सरकार की तरफ से नर्सरी लगाने में सहायता मिली है. नर्सरी लगाने के लिए सरकार की तरफ से 50 फीसद सब्सिडी मिली है और हमने अपने स्तर से काम करते हुए अपना स्टार्टअप शुरू किया है. बांस की बहुत सारी प्रजातियों पर हम काम कर रहे हैं. हैंडीक्राफ्ट पर भी हम काम कर रहे हैं. बाराबंकी में हमारी यूनिट लगी हुई है. हैंडीक्राफ्ट में हम पेपरवेट सहित अन्य इनोवेटिव चीजें बना रहे हैं. हमारा प्रयास है कि इनोवेटिव तरीके से हम चीजें बना सकें. फर्नीचर में ऑफिस चेयरस, सोफा, टेबल जैसा अन्य सामान भी हम बना रहे हैं. हमारे इस बांस से जुड़े उद्योग को लेकर रिस्पांस मिल रहा है, लेकिन अभी लोगों को उसके बारे में बहुत जानकारी नहीं है. हम लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं. प्लास्टिक का उपयोग पर्यावरण के लिए बहुत खतरनाक है. ऐसे में बांस से बनी हुई चीजों के उपयोग को बढ़ावा देना होगा. इससे पर्यावरण भी बेहतर होगा.
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