लखनऊ : उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहन से संबंधित निर्माण ईकाइयों को लगाए जाने के लिए राज्य सरकार ने कई तरह की सुविधाएं देने का फैसला किया है. इसको लेकर उत्तर प्रदेश सरकार नई इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी (new electric vehicle policy) लाने की तैयारी में है. इलेक्ट्रिक वाहन में बैटरी से लेकर स्पेयर पार्ट लगाए जाने को लेकर सरकार कई तरह की सब्सिडी योजना लाई है, जिससे उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहन के निर्माण को बढ़ावा दिया जा सके और डीजल और पेट्रोल के वाहनों को कम किया जा सके. सरकार ने नई इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी के अंतर्गत कई तरह की सुविधाएं निवेशकों को देने की योजना बनाई है.
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पिछली कैबिनेट बैठक में वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट योजना को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एमएसएमई नीति को मंजूरी दी थी. अब सरकार का पूरा फोकस उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने पर है और इसको लेकर इलेक्ट्रिक वाहनों से संबंधित परियोजनाओं को काफी सहूलियत देने के उद्देश्य से न्यू इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी लाए जाने की तैयारी की जा रही है. इसके माध्यम से राज्य सरकार उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक व्हीकल के क्षेत्र में कंपनियों को निवेश के लिए आकर्षित करेगी और कई तरह की सुविधाएं उन्हें दी जाएगी. जिससे इलेक्ट्रिक व्हीकल के पार्ट्स और इलेक्ट्रिक वाहन भी उत्तर प्रदेश में मैन्युफैक्चर किए जा सकें और इससे यूपी वासियों को कम दाम में इलेक्ट्रिक वाहन आसानी से मिल सकेंगे. सरकार की कोशिश है कि जल्द से जल्द इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी लाई जाए और फिर इलेक्ट्रिक वाहन से संबंधित निर्माण करने वाली कंपनियों को राहत दी जाएगी, वह निवेश करेंगी और उत्तर प्रदेश में रोजगार के अवसर भी बढ़ सकेंगे.
एक आंकड़े के मुताबिक, देश भर में सबसे अधिक इलेक्ट्रिक वाहन उत्तर प्रदेश की सड़कों पर दौड़ रहे हैं. उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में करीब सवा तीन लाख से अधिक इलेक्ट्रिक वाहन इस समय चल रहे हैं. इन सब चीजों को देखते हुए राज्य सरकार ने तय किया है कि उत्तर प्रदेश में नई इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी 2022 आने वाले कुछ समय में लाई जाएगी. इसके अंतर्गत इलेक्ट्रिक वाहन, उनकी बैटरी व सहायक उपकरण बनाने वाले कंपनियों को सुविधा दी जाएंगी. सरकार की कोशिश है इलेक्ट्रिक वाहनों को अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जाएगा. इससे प्रदूषण को कम किया जा सकेगा. पेट्रोल और डीजल के वाहनों में भी कमी लाने में सफलता मिल सकेगी. इसको लेकर राज्य सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन व उनकी बैटरी निर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए यूपी इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग एंड मोबिलिटी पॉलिसी 2022 का पूरा ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. शासन और सरकार से जुड़े सूत्र बताते हैं कि योगी सरकार जल्द ही इसे कैबिनेट से मंजूरी दिलाकर जनवरी महीने में प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में निवेशकों को लुभाने की पूरी कोशिश करेगी.
इस तरह की मिलेंगी सुविधाएं : सूत्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार के स्तर पर जो नई इलेक्ट्रिक पॉलिसी तैयार की गई है उसमें इलेक्ट्रिक वाहन क्लस्टर विकसित किए जाएंगे. इलेक्ट्रिक वाहन व उनकी बैटरी व उनसे जुड़े सहायक उपकरणों का उत्पादन कराया जाएगा. सरकार की योजना है कि बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम, फ्यूल सेल सिस्टम व इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्टेशन विकसित करने में निवेशकों को सहूलियत दी जाए. इस पूरी योजना के अंतर्गत पहले 5 मेगा प्रोजेक्ट लगवाने की तैयारी है और इसके माध्यम से करीब ₹500 करोड़ से ज्यादा का निवेश कराने की तैयारी की जा रही है. इलेक्ट्रिक बैटरी यूनिट के लिए 20% की दर से कैपिटल सब्सिडी दी जाएगी. यह अधिकतम 500 करोड़ रुपए होगी. बड़े इलेक्ट्रिक व्हीकल व बड़े बैटरी प्रोजेक्ट में 10 फीसद की दर से अधिकतम ₹75 करोड़ व एमएसएमई सेक्टर में 10 फीसद की दर से अधिकतम ₹50 करोड़ की सब्सिडी देने की योजना तैयार की गई है. इसके अलावा एकीकृत इलेक्ट्रिकल प्रोजेक्ट लगाने पर स्टांप ड्यूटी में भी छूट दी जाएगी. मेगा प्रोजेक्ट एमएसएमई के तहत लगने वाली इलेक्ट्रिकल परियोजनाओं में पूर्वांचल बुंदेलखंड में 100 फीसद छूट दिए जाने की योजना तैयार की गई है.
'उत्तर प्रदेश सरकार के इंडस्ट्री मिनिस्टर नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने ईटीवी भारत को फोन पर बताया कि हम न्यू इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी 2022 लाने की तैयारी कर रहे हैं, जिससे वाहनों को बढ़ावा दिया जा सके. इसमें तमाम तरह की सहूलियत दिए जाने का ड्राफ्ट तैयार किया गया है. आने वाले समय में इस नीति को कैबिनेट से मंजूरी दिलाई जाएगी.
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भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता जुगल किशोर ने कहा कि पेट्रोल डीजल के वाहनों को कम करने व प्रदूषण कम करने के उद्देश्य से नए इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जाना है और इसके अंतर्गत इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी सरकार ला रही है तो यह बेहतर कदम है इससे तमाम तरह की सहूलियत लोगों को मिल सकेगी.
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