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शासन के महत्वपूर्ण विभाग के रिकॉर्ड में दिनेश शर्मा डिप्टी सीएम तो स्वामी प्रसाद मौर्य अभी भी मंत्री

उत्तर प्रदेश शासन के एक महत्वपूर्ण विभाग के रिकाॅर्ड में योगी सरकार के गठन के चार महीने बाद भी डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य सहित कई अन्य जानकारी गलत दर्ज हैं.

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Published : Aug 8, 2022, 9:04 PM IST

Updated : Aug 9, 2022, 2:47 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश शासन के एक महत्वपूर्ण विभाग के रिकाॅर्ड में योगी सरकार के गठन के चार महीने बाद भी डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य सहित कई अन्य जानकारी गलत दर्ज हैं. यह हाल तब है जब केंद्र से लेकर राज्य सरकार डिजिटल इंडिया के तहत सब कुछ ऑनलाइन काम को बढ़ावा दे रही हैं. विभाग की वेबसाइट में ऐसी कई गलत जानकारी हैं जो सरकार के इस महत्वपूर्ण विभाग के अफसरों की कार्यशैली को उजागर करता है.

उत्तर प्रदेश सरकार के सबसे महत्वपूर्ण सचिवालय प्रशासन विभाग से कामकाज को आगे बढ़ाने का काम किया जाता है. मंत्रियों के कक्ष आवंटन से लेकर मंत्रियों के स्टाफ की तैनाती आदि का काम भी इसी विभाग के माध्यम से किया जाता है. सचिवालय प्रशासन विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट sadup.gov.in. पर सरकार के मंत्रिमंडल की पूरी जानकारी गलत तरीके से दर्ज है. चौंकाने वाली बात यह है कि इस वेबसाइट को सरकार बनने के 4 महीने बाद भी अपडेट नहीं किया जा सका है. ऐसे में अफसरों की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. यही नहीं कोविड-19 संक्रमण से जिन मंत्रियों की मौत हो चुकी है उनके नाम भी इस ऑफिशियल वेबसाइट पर दर्ज हैं. ऐसे में डिजिटल इंडिया के सपने को किस प्रकार से उत्तर प्रदेश के सचिवालय प्रशासन विभाग से जुड़े अधिकारी चकनाचूर कर रहे हैं उसकी यह बानगी भर है.

जानकारी देते संवाददाता धीरज त्रिपाठी

सचिवालय प्रशासन विभाग की वेबसाइट में उप मुख्यमंत्री के रूप में डॉ. दिनेश शर्मा अभी भी सरकार में हैं और सचिवालय प्रशासन की तरफ से उन्हें कक्ष भी आवंटित किया गया है. इसके अलावा विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी की सरकार से त्यागपत्र देकर समाजवादी पार्टी में शामिल होने वाले पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान, धर्म सिंह सैनी जैसे मंत्रियों के नाम अभी भी दर्ज हैं. इसके अलावा विधानसभा अध्यक्ष की शपथ ग्रहण करने वाले सतीश महाना का भी नाम सचिवालय प्रशासन की वेबसाइट पर अभी भी औद्योगिक विकास मंत्री के रूप में दर्ज है.


इसके अलावा जो मंत्री इस सरकार में नहीं है और उनके नाम वेबसाइट में दर्ज हैं इनमें सुरेश राणा, रमापति शास्त्री,जय प्रताप सिंह, राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह, सिद्धार्थ नाथ सिंह, मुकुट बिहारी वर्मा,डॉ महेंद्र सिंह, श्रीकांत शर्मा, रामनरेश अग्निहोत्री जैसे नाम अभी भी मंत्री के रूप में दर्ज है। इसके अलावा कोविड-19 संक्रमण से जिन मंत्रियों की मौत हुई थी उनके नाम भी इस वेबसाइट पर अभी भी दर्ज हैं। इनमें खेलकूद मंत्री रहे चेतन चौहान व प्राविधिक शिक्षा मंत्री रहीं कमला रानी वरुण के नाम दर्ज हैं। के अलावा कई अन्य गलत जानकारी वेबसाइट पर चल रहे हैं जिस से समझा जा सकता है कि सचिवालय प्रशासन विभाग की इस महत्वपूर्ण वेबसाइट में कितनी गलत और भ्रामक जानकारी दर्ज हैं।



उत्तर प्रदेश सचिवालय संघ के अध्यक्ष यादवेंद्र मिश्रा ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि डिजिटल इंडिया पर उत्तर प्रदेश सरकार के विभागों को देखा जाए तो उनकी अकर्मण्यता साबित होती है. शासन का जो आईटी विभाग है उसकी जिम्मेदारी में होना चाहिए कि सारी विभागों की वेबसाइट को लगातार देखे और उसे अपडेट करें. प्रशासनिक सुधार विभाग ही नहीं अन्य कई विभागों की वेबसाइट में कई पुराने डाटा हैं.

यह भी पढ़ें : स्वतंत्रता दिवस से पहले सीएम योगी को मिली बम से उड़ाने की धमकी, पुलिस जांच में जुटी

डिजिटल इंडिया के माध्यम से हर सेकेंड पर जानकारी बदलती है उसे उसी अनुरूप अपडेट किया जाना चाहिए. शासकीय प्रणाली के अंतर्गत सही जानकारी जनता के बीच जानी चाहिए. विभागों के अधिकारी हैं उनकी जो निरंकुश सोच है उस को प्रदर्शित करती है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हमारी मांग है कि इस मामले को संज्ञान में लें. सचिवालय और शासन की कार्यप्रणाली ई ऑफिस के अंतर्गत संचालित हो रही है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊ : उत्तर प्रदेश शासन के एक महत्वपूर्ण विभाग के रिकाॅर्ड में योगी सरकार के गठन के चार महीने बाद भी डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य सहित कई अन्य जानकारी गलत दर्ज हैं. यह हाल तब है जब केंद्र से लेकर राज्य सरकार डिजिटल इंडिया के तहत सब कुछ ऑनलाइन काम को बढ़ावा दे रही हैं. विभाग की वेबसाइट में ऐसी कई गलत जानकारी हैं जो सरकार के इस महत्वपूर्ण विभाग के अफसरों की कार्यशैली को उजागर करता है.

उत्तर प्रदेश सरकार के सबसे महत्वपूर्ण सचिवालय प्रशासन विभाग से कामकाज को आगे बढ़ाने का काम किया जाता है. मंत्रियों के कक्ष आवंटन से लेकर मंत्रियों के स्टाफ की तैनाती आदि का काम भी इसी विभाग के माध्यम से किया जाता है. सचिवालय प्रशासन विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट sadup.gov.in. पर सरकार के मंत्रिमंडल की पूरी जानकारी गलत तरीके से दर्ज है. चौंकाने वाली बात यह है कि इस वेबसाइट को सरकार बनने के 4 महीने बाद भी अपडेट नहीं किया जा सका है. ऐसे में अफसरों की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. यही नहीं कोविड-19 संक्रमण से जिन मंत्रियों की मौत हो चुकी है उनके नाम भी इस ऑफिशियल वेबसाइट पर दर्ज हैं. ऐसे में डिजिटल इंडिया के सपने को किस प्रकार से उत्तर प्रदेश के सचिवालय प्रशासन विभाग से जुड़े अधिकारी चकनाचूर कर रहे हैं उसकी यह बानगी भर है.

जानकारी देते संवाददाता धीरज त्रिपाठी

सचिवालय प्रशासन विभाग की वेबसाइट में उप मुख्यमंत्री के रूप में डॉ. दिनेश शर्मा अभी भी सरकार में हैं और सचिवालय प्रशासन की तरफ से उन्हें कक्ष भी आवंटित किया गया है. इसके अलावा विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी की सरकार से त्यागपत्र देकर समाजवादी पार्टी में शामिल होने वाले पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान, धर्म सिंह सैनी जैसे मंत्रियों के नाम अभी भी दर्ज हैं. इसके अलावा विधानसभा अध्यक्ष की शपथ ग्रहण करने वाले सतीश महाना का भी नाम सचिवालय प्रशासन की वेबसाइट पर अभी भी औद्योगिक विकास मंत्री के रूप में दर्ज है.


इसके अलावा जो मंत्री इस सरकार में नहीं है और उनके नाम वेबसाइट में दर्ज हैं इनमें सुरेश राणा, रमापति शास्त्री,जय प्रताप सिंह, राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह, सिद्धार्थ नाथ सिंह, मुकुट बिहारी वर्मा,डॉ महेंद्र सिंह, श्रीकांत शर्मा, रामनरेश अग्निहोत्री जैसे नाम अभी भी मंत्री के रूप में दर्ज है। इसके अलावा कोविड-19 संक्रमण से जिन मंत्रियों की मौत हुई थी उनके नाम भी इस वेबसाइट पर अभी भी दर्ज हैं। इनमें खेलकूद मंत्री रहे चेतन चौहान व प्राविधिक शिक्षा मंत्री रहीं कमला रानी वरुण के नाम दर्ज हैं। के अलावा कई अन्य गलत जानकारी वेबसाइट पर चल रहे हैं जिस से समझा जा सकता है कि सचिवालय प्रशासन विभाग की इस महत्वपूर्ण वेबसाइट में कितनी गलत और भ्रामक जानकारी दर्ज हैं।



उत्तर प्रदेश सचिवालय संघ के अध्यक्ष यादवेंद्र मिश्रा ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि डिजिटल इंडिया पर उत्तर प्रदेश सरकार के विभागों को देखा जाए तो उनकी अकर्मण्यता साबित होती है. शासन का जो आईटी विभाग है उसकी जिम्मेदारी में होना चाहिए कि सारी विभागों की वेबसाइट को लगातार देखे और उसे अपडेट करें. प्रशासनिक सुधार विभाग ही नहीं अन्य कई विभागों की वेबसाइट में कई पुराने डाटा हैं.

यह भी पढ़ें : स्वतंत्रता दिवस से पहले सीएम योगी को मिली बम से उड़ाने की धमकी, पुलिस जांच में जुटी

डिजिटल इंडिया के माध्यम से हर सेकेंड पर जानकारी बदलती है उसे उसी अनुरूप अपडेट किया जाना चाहिए. शासकीय प्रणाली के अंतर्गत सही जानकारी जनता के बीच जानी चाहिए. विभागों के अधिकारी हैं उनकी जो निरंकुश सोच है उस को प्रदर्शित करती है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हमारी मांग है कि इस मामले को संज्ञान में लें. सचिवालय और शासन की कार्यप्रणाली ई ऑफिस के अंतर्गत संचालित हो रही है.

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Last Updated : Aug 9, 2022, 2:47 PM IST
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