लखनऊ: गर्भवती महिलाओं को एनीमिया से मुक्त रखने के लिए सरकार ने 'एनीमिया मुक्त भारत' और कई ऐसे अभियान और योजनाएं चलाई हैं. इन योजनाओं के तहत फ्री जांच और दवाइयां तक उपलब्ध हैं, लेकिन ये योजनाएं कहीं भी सफल साबित होती नहीं दिखी. आंकड़ों की बात की जाए तो अस्पतालों में आने वाली 50 से 80 फ़ीसदी गर्भवती महिलाएं एनीमिया से ग्रस्त पाई जाती हैं.
एनीमिया के प्रति जागरुकता अभियान
- डॉक्टरों से बात की तो पता चला कि महिलाओं में एनिमिया को लेकर जागरुकता की काफी कमी है.
- महिलाओं में एनिमिया के प्रति जागरुकता फैलाने को लेकर कई जागरुकता अभियान भी चलाए गए हैं.
- अभियान चलाए जाने के बावजूद महिलाओं में इसके प्रति जागरुकता की काफी कमी है इसलिए कई अस्पतालों में महिलाओं के लिए मुफ्त परामर्श, काउंसलिंग, जांच और दवाइयां तक मुहैया कराई जाती हैं.
डॉक्टरों की मानें तो झलकारी बाई में हर महीने लगभग 60 हजार 500 आयरन की गोलियों की खपत होती है.