लखनऊ. उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों को कार्यशालाओं के अंदर से अनफिट ही रूट पर यात्रियों की जान से खिलवाड़ करने के लिए रवाना कर दिया जा रहा है. पिछले दिनों कई ऐसे मामले सामने आए जिनमें राह चलते बस के पहिए निकल गए. गनीमत रही कि इन घटनाओं में ड्राइवरों ने सूझबूझ से काम लिया और किसी यात्री की जान नहीं गई.
रोडवेज के कर्मचारी आजकल भारी लापरवाही बरत रहे हैं. वर्कशॉप से अनफिट बसों को रवाना किया जा रहा है. आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को जिम्मेदार मान उनकी नौकरी खाई जा रही है जबकि अधिकारी अपने ही विभाग के फोरमैन और टेक्निकल टीम पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. लिहाजा, ऐसे मामलों पर लगाम लगने की बजाए इनमें और बढ़ोतरी हो रही है.
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों से अगर आप सफर कर रहे हैं और सही सलामत घर पहुंच रहे हैं तो ईश्वर का धन्यवाद कीजिए. रोडवेज अधिकारियों की चले तो घर पहुंचने के बजाय यात्री सीधे स्वर्ग सिधार जाएं.
पिछले दिनों कई ऐसी घटनाएं सामने आईं जिनमें सड़क पर चलते-चलते बसों के पहिए निकल गए. एक ही दिन में दो अलग-अलग डिपो की दो बसों के नट बोल्ट खुल गए और बसों में लगे पहिए सड़क पर दौड़ने लगे. बस से पहिए निकले तो यात्रियों में तो हड़कंप मचा ही, सड़क पर चल रहे लोग भी हैरान रह गए. परिवहन निगम को कोसने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी.
इन बसों के निकल गए पहिए
कुछ दिन पहले राप्तीनगर डिपो की पिंक बस सेवा यूपी 78 एफएन-7989 का पहिया चलते-चलते आगरा एक्सप्रेसवे पर खुल गया. पहिया तकरीबन 200 मीटर दूर जा गिरा. अवध डिपो की बस संख्या 9124 के भी कुछ दिन पहले रास्ते में ही नट-बोल्ट खुल गए. यह दोनों बसें लखनऊ और गोरखपुर से दिल्ली के लिए जा रहीं थीं.
कुछ दिन पहले ही देवरिया डिपो से लखनऊ के लिए निकली बस यूपी 53 सीटी 2856 के पिछले पहिए के आठ में से छह नट बोल्ट रास्ते में ही गिर गए. बस ने दो नट बोल्ट के सहारे 325 किलोमीटर तक का सफर कर डाला. बस के यात्रियों को जब इस घटना की जानकारी मिली तो वे दंग रह गए. अपनी सुरक्षित जान के लिए भगवान का धन्यवाद किया.
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इससे पहले मुरादाबाद डिपो की रोडवेज बस यूपी 77 एएन 2805 के पहिए में कई नट बोल्ट नहीं थे और बस फर्राटा भर रही थी. लोगों ने जब इसे देखा तो ड्राइवर को इशारा करके बस रुकवाई. ड्राइवर ने जांच की तो चार बोल्ट गायब थे. दो दिन पहले ही चारबाग बस डिपो की एसी जनरथ बस (यूपी 32 एमएन 9346) बुधवार को शहीद पथ के अहिमामऊ के पास दुर्घटनागस्त होने से बच गई.
बस चालक अशोक मिश्र के अनुसार डिपो इंचार्ज ने बस को रजिस्टर पर ओके करके रवाना कर दिया. लेकिन बस जब शहीद पथ से अहिमामऊ पहुंचने वाली थी, तभी यह अनियंत्रित होने लगी. बस के शीशे से पीछे की ओर से देखा तो पहिए लहराते हुए रोड पर भाग रहे थे. बस को तत्काल सडक़ पर रोक दिया. इससे बस में मौजूद यात्रियों की जान बच गई. हालांकि बस के अनियंत्रित होने पर यात्री चीख पुकार करने लगे थे.
दो कर्मचारी सस्पेंड
बस के परिचालक सुरेश कुमार के अनुसार सभी यात्री बस के अंदर इधर-उधर देखने लगे. कोई चिल्लाने लगा तो कुछ बस से बाहर कूदने की तैयारी में था. हलांकि बस चालक ने बस रोक दी. सवारियों को सुरक्षित बस से उतारा गया.
चारबाग बस डिपो के मैकेनिकों की लापरवाही से ऐसा हुआ है. इस मामले में सहायक मैकेनिक इरफान हुसैन को सस्पेंड कर दिया गया. आउटसोर्सिंग कर्मचारी परवेज अहमद को बर्खास्त किया गया.
क्या कहते हैं सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक
चारबाग डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक अमरनाथ सहाय ने बताया कि बस से पहिए निकलने की जो घटना हुई है, उसकी बारीकी से जांच की गई है. जांच में जिन कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई उनमें से एक को नौकरी से हटा दिया गया है जबकि दूसरे को निलंबित किया गया है.
एआरएम का कहना है कि भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो, रास्ते में बस का पहिया न निकले, इसे लेकर फोरमैन को सख्त हिदायत दी गई है. निर्देशित किया गया है कि बस जब वर्कशॉप से बाहर निकले तो बस का भौतिक निरीक्षण स्वयं करें, उसके बाद ही ओके सर्टिफिकेट जारी करें. रूट पर अगर इस तरह की घटना होती है तो अब सीधे तौर पर फोरमैन को जिम्मेदार ठहराया जाएगा और कड़ी कार्रवाई होगी.
क्या कहते हैं आरएम
लखनऊ परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक पल्लव कुमार बोस से 'ईटीवी भारत' ने पहिया निकलने की घटनाओं पर सवाल किया. उनका कहना है कि इस तरह की घटनाएं न हों, इसे लेकर सख्त निर्देश जारी किए गए हैं. अब सिर्फ कर्मचारियों पर कार्रवाई नहीं होगी बल्कि अधिकारियों को भी जिम्मेदार माना जाएगा.