ETV Bharat / city

प्रदेश के 22 जिलों में पूरा हुआ सर्वेक्षण कार्य, 3711294 घरौनियां तैयार

author img

By

Published : Aug 17, 2022, 3:12 PM IST

प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना (Prime Minister Ownership Scheme) के तहत ग्रामीणों को घरौनियां उपलब्ध कराई जा रही हैं. राजस्व विभाग की आयुक्त एवं सचिव मनीषा त्रिघाटिया ने बताया कि अब तक प्रदेश भर में कुल 3711294 घरौनियां तैयार कर ली गई हैं, जिनमें 25 जून तक 3469879 घरौनियों को वितरित कर दिया गया है.

Etv Bharat
Etv Bharat

लखनऊ : प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना (Prime Minister Ownership Scheme) के तहत ग्रामीणों को घरौनियां (ग्रामीण आवासीय प्रमाण पत्र) उपलब्ध कराई जा रही हैं. राजस्व विभाग इस कार्य में तेजी से जुटा हुआ है. स्वामित्व योजना के तहत अब तक प्रदेश के 22 जिलों के 74657 गांवों में ड्रोन मैपिंग का कार्य पूरा कर लिया गया है. साथ ही 25824 ग्रामों की घरौनियां तैयार कर ली गई हैं. यह जानकारी राजस्व विभाग की आयुक्त एवं सचिव मनीषा त्रिघाटिया ने दी है.


उन्होंने बताया कि अब तक प्रदेशभर में कुल 3711294 घरौनियां तैयार कर ली गई हैं, जिनमें 25 जून तक 3469879 घरौनियों को वितरित कर दिया गया है. वहीं 25 जून के बाद अब तक 241415 नई घरौनियां तैयार कर ली गई हैं. इसके तहत प्रदेश में 31 मई तक निर्विवाद वरासत के 3328255 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से सभी प्रार्थना पत्रों का निस्तारण कर दिया गया है. अविवादित 2831417 प्रार्थना पत्रों में आदेश भी पारित किए गए हैं.


गौरतलब है कि प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना (Prime Minister Ownership Scheme) की शुरुआत केंद्र सरकार की ओर से 2020 अप्रैल में की गई थी. योजना का मकसद है कि ग्रामीण भारत को आर्थिक रूप से मजबूत और आत्मनिर्भर बनाया जा सके. इस योजना के जरिए सरकार तकनीक का इस्तेमाल करके ग्रामीण भारत को सशक्त और मजबूत बनाना चाहती है. ऐसे में ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना किसी वरदान से कम नहीं है. इसके जरिए गांव के उन लोगों को अपनी जमीन का मालिकाना हक मिल रहा है, जिनकी जमीन किसी सरकारी आंकड़े में दर्ज नहीं है. हालांकि अब तक लोगों को जमीन छिनने का डर बना रहता था.


सरकार का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में रहने वालों के लिए स्वामित्व योजना आने से ग्रामीणों को प्रॉपर्टी कार्ड के लिए योजना के तहत आवेदन नहीं करना पड़ेगा. सरकार जैसे-जैसे ग्रामीण भारत में सर्वे और मैपिंग का काम करती जाएगी, वैसे-वैसे लोगों को उनकी जमीन का प्रॉपर्टी कार्ड मिलता जाएगा. ध्यान रखने की बात यह है कि जिन लोगों के पास पहले से जमीन के कागजात मौजूद हैं, उन लोगों को तुरंत अपने कागजात की फोटो कॉपी जमा करानी होगी. वहीं जिन लोगों के पास जमीन के कागज नहीं हैं, उन्हें सरकार की तरफ से घिरौनी नाम का डॉक्यूमेंट दिया जा रहा है.
यह भी पढ़ें : सरकारी नौकरियों में पिछड़ी जातियों के प्रतिनिधित्व का आकलन कराएगी योगी सरकार, ये है वजह
बता दें कि जमीन खुद के नाम होने पर गांव के लोग उसे आसानी से किसी को भी बेच या उसकी संपत्ति खरीद सकेंगे. इसके साथ ही वह बैंक से लोन आदि की सुविधा भी आसानी से उठा पाएंगे. इस योजना के तहत साल 2021 से 2025 तक देश के 6.62 लाख गांवों को शामिल करने की सरकार की प्लानिंग है.

लखनऊ : प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना (Prime Minister Ownership Scheme) के तहत ग्रामीणों को घरौनियां (ग्रामीण आवासीय प्रमाण पत्र) उपलब्ध कराई जा रही हैं. राजस्व विभाग इस कार्य में तेजी से जुटा हुआ है. स्वामित्व योजना के तहत अब तक प्रदेश के 22 जिलों के 74657 गांवों में ड्रोन मैपिंग का कार्य पूरा कर लिया गया है. साथ ही 25824 ग्रामों की घरौनियां तैयार कर ली गई हैं. यह जानकारी राजस्व विभाग की आयुक्त एवं सचिव मनीषा त्रिघाटिया ने दी है.


उन्होंने बताया कि अब तक प्रदेशभर में कुल 3711294 घरौनियां तैयार कर ली गई हैं, जिनमें 25 जून तक 3469879 घरौनियों को वितरित कर दिया गया है. वहीं 25 जून के बाद अब तक 241415 नई घरौनियां तैयार कर ली गई हैं. इसके तहत प्रदेश में 31 मई तक निर्विवाद वरासत के 3328255 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से सभी प्रार्थना पत्रों का निस्तारण कर दिया गया है. अविवादित 2831417 प्रार्थना पत्रों में आदेश भी पारित किए गए हैं.


गौरतलब है कि प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना (Prime Minister Ownership Scheme) की शुरुआत केंद्र सरकार की ओर से 2020 अप्रैल में की गई थी. योजना का मकसद है कि ग्रामीण भारत को आर्थिक रूप से मजबूत और आत्मनिर्भर बनाया जा सके. इस योजना के जरिए सरकार तकनीक का इस्तेमाल करके ग्रामीण भारत को सशक्त और मजबूत बनाना चाहती है. ऐसे में ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना किसी वरदान से कम नहीं है. इसके जरिए गांव के उन लोगों को अपनी जमीन का मालिकाना हक मिल रहा है, जिनकी जमीन किसी सरकारी आंकड़े में दर्ज नहीं है. हालांकि अब तक लोगों को जमीन छिनने का डर बना रहता था.


सरकार का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में रहने वालों के लिए स्वामित्व योजना आने से ग्रामीणों को प्रॉपर्टी कार्ड के लिए योजना के तहत आवेदन नहीं करना पड़ेगा. सरकार जैसे-जैसे ग्रामीण भारत में सर्वे और मैपिंग का काम करती जाएगी, वैसे-वैसे लोगों को उनकी जमीन का प्रॉपर्टी कार्ड मिलता जाएगा. ध्यान रखने की बात यह है कि जिन लोगों के पास पहले से जमीन के कागजात मौजूद हैं, उन लोगों को तुरंत अपने कागजात की फोटो कॉपी जमा करानी होगी. वहीं जिन लोगों के पास जमीन के कागज नहीं हैं, उन्हें सरकार की तरफ से घिरौनी नाम का डॉक्यूमेंट दिया जा रहा है.
यह भी पढ़ें : सरकारी नौकरियों में पिछड़ी जातियों के प्रतिनिधित्व का आकलन कराएगी योगी सरकार, ये है वजह
बता दें कि जमीन खुद के नाम होने पर गांव के लोग उसे आसानी से किसी को भी बेच या उसकी संपत्ति खरीद सकेंगे. इसके साथ ही वह बैंक से लोन आदि की सुविधा भी आसानी से उठा पाएंगे. इस योजना के तहत साल 2021 से 2025 तक देश के 6.62 लाख गांवों को शामिल करने की सरकार की प्लानिंग है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.