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प्रदूषण की मार : गाजियाबाद की हवा देश में सबसे अधिक प्रदूषित, सीपीसीबी की रिपोर्ट में एक्यूआई दिखी सबसे खराब

वायु प्रदूषण के मामले में गाजियाबाद टॉप पर है. वहीं लखनऊ में भी वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहै है. वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि स्थिति जितनी बुरी बताई जा रही है, उतनी है नहीं. वर्तमान में स्थितियां पहले से ठीक हैं.

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वाहनों की आवाज व धुंआ प्रदूषण का कारण
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Published : Mar 29, 2022, 8:29 PM IST

लखनऊ. जहां मुरादाबाद इन दिनों ध्वनी प्रदूषण को लेकर चर्चा में बना हुआ है तो वहीं वायु प्रदूषण के मामले में भी राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के कई जिले देश की टाप 10 लिस्ट में शामिल होते दिखाई दे रहे हैं. इनमें देश में सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में गाजियाबाद सबसे ऊपर है. 29 मार्च को जारी सीपीसीबी की रिपोर्ट के मुताबिक गाजियाबाद में एक्यूआई यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स 344 के आस पास रहा. इस लिस्ट में लखनऊ की स्थिति भी कोई खास ठीक नहीं रही. यहां यह इंडेक्स 210 के आसपास रहा है. जो राजधानी वासियों के लिए भी चिंता का विषय बना हुआ है.

वाहनों की आवाज व धुंआ प्रदूषण का कारण

पर्यावरणविद वीपी श्रीवास्तव ने बताया कि देश में वायु प्रदूषण की लिस्ट में प्रदेश के कई छोटे-बड़े शहर शामिल हैं. इसमें से गाजियाबाद देश में टॉप पर है. मुरादाबाद, लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज, आगरा में भी वायु प्रदूषण माॅडरेट स्थिति में है. राजधानी लखनऊ की बात करें तो यहां के तालकटोरा इंडस्ट्री सेंटर की एक्यूआई 313, सेंट्रल स्कूल की एक्यूआई 307, लालबाग की एक्यूआई 259, गोमतीनगर की एक्यूआई 312, भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी क्षेत्र की एक्यूआई 213 और कुकरेल पिकनिक स्पॉटस्पॉट-1 का एक्यूआई 226 है. राजधानी लखनऊ के यह क्षेत्र इंडस्ट्रियल एरिया में शामिल हैं जहां कल कारखाने का काम अधिक होता है.

यह भी पढ़ें:सावधान ! लखनऊ की सड़कों को गंदा करना पड़ सकता है महंगा, देना पड़ेगा इतना जुर्माना

ध्वनि प्रदूषण से भी हो रही परेशान

यूनाइटेड नेशंस एनवायरमेंट प्रोग्राम (United Nations Environment Program-UNEP) की हालिया रिपोर्ट में मोरादाबाद को भारत में सबसे अधिक ध्वनि प्रदूषित शहर बताया गया है. हालांकि जिले के क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी ने इसे नकार दिया है. इसके बावजूद ध्वनि प्रदूषण की समस्या को हम नजरंदाज नहीं कर सकते. ध्वनि प्रदूषण, कार्यालय के उपकरण, निर्माण कार्य के उपकरण, बिजली उपकरण, ऑडियो, मनोरंजन सिस्टम के साथ-साथ कई अन्य चीजों से होता है. वाहनों में लगे प्रेशर हॉर्न भी इसके बड़े कारण हैं.

केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड के अनुसार, लखनऊ ध्वनि प्रदूषण के मामले में काफी आगे है. कुछ माह पहले केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड ने ध्वनि प्रदूषण वाले स्थानों का आधुनिक उपकरणों के जरिए रियल टाइम डाटा एकत्र किया था. इसमें चारबाग, हुसैनगंज, चौक, अमीनाबाद, पीजीआई, तेलीबाग, अमौसी, आलमबाग, अलीगंज, चिनहट, कपूरथला, हजरतगंज, गोमती नगर, इंदिरा नगर इलाके शामिल थे. इन इलाकों के औद्योगिक क्षेत्रों में ध्वनि का स्तर 80 डेसीबल और घरेलू एरिया में 70 डेसीबल तक दर्ज किया गया.

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लखनऊ. जहां मुरादाबाद इन दिनों ध्वनी प्रदूषण को लेकर चर्चा में बना हुआ है तो वहीं वायु प्रदूषण के मामले में भी राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के कई जिले देश की टाप 10 लिस्ट में शामिल होते दिखाई दे रहे हैं. इनमें देश में सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में गाजियाबाद सबसे ऊपर है. 29 मार्च को जारी सीपीसीबी की रिपोर्ट के मुताबिक गाजियाबाद में एक्यूआई यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स 344 के आस पास रहा. इस लिस्ट में लखनऊ की स्थिति भी कोई खास ठीक नहीं रही. यहां यह इंडेक्स 210 के आसपास रहा है. जो राजधानी वासियों के लिए भी चिंता का विषय बना हुआ है.

वाहनों की आवाज व धुंआ प्रदूषण का कारण

पर्यावरणविद वीपी श्रीवास्तव ने बताया कि देश में वायु प्रदूषण की लिस्ट में प्रदेश के कई छोटे-बड़े शहर शामिल हैं. इसमें से गाजियाबाद देश में टॉप पर है. मुरादाबाद, लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज, आगरा में भी वायु प्रदूषण माॅडरेट स्थिति में है. राजधानी लखनऊ की बात करें तो यहां के तालकटोरा इंडस्ट्री सेंटर की एक्यूआई 313, सेंट्रल स्कूल की एक्यूआई 307, लालबाग की एक्यूआई 259, गोमतीनगर की एक्यूआई 312, भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी क्षेत्र की एक्यूआई 213 और कुकरेल पिकनिक स्पॉटस्पॉट-1 का एक्यूआई 226 है. राजधानी लखनऊ के यह क्षेत्र इंडस्ट्रियल एरिया में शामिल हैं जहां कल कारखाने का काम अधिक होता है.

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ध्वनि प्रदूषण से भी हो रही परेशान

यूनाइटेड नेशंस एनवायरमेंट प्रोग्राम (United Nations Environment Program-UNEP) की हालिया रिपोर्ट में मोरादाबाद को भारत में सबसे अधिक ध्वनि प्रदूषित शहर बताया गया है. हालांकि जिले के क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी ने इसे नकार दिया है. इसके बावजूद ध्वनि प्रदूषण की समस्या को हम नजरंदाज नहीं कर सकते. ध्वनि प्रदूषण, कार्यालय के उपकरण, निर्माण कार्य के उपकरण, बिजली उपकरण, ऑडियो, मनोरंजन सिस्टम के साथ-साथ कई अन्य चीजों से होता है. वाहनों में लगे प्रेशर हॉर्न भी इसके बड़े कारण हैं.

केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड के अनुसार, लखनऊ ध्वनि प्रदूषण के मामले में काफी आगे है. कुछ माह पहले केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड ने ध्वनि प्रदूषण वाले स्थानों का आधुनिक उपकरणों के जरिए रियल टाइम डाटा एकत्र किया था. इसमें चारबाग, हुसैनगंज, चौक, अमीनाबाद, पीजीआई, तेलीबाग, अमौसी, आलमबाग, अलीगंज, चिनहट, कपूरथला, हजरतगंज, गोमती नगर, इंदिरा नगर इलाके शामिल थे. इन इलाकों के औद्योगिक क्षेत्रों में ध्वनि का स्तर 80 डेसीबल और घरेलू एरिया में 70 डेसीबल तक दर्ज किया गया.

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