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सर्वाइवल कैंसर से बचने के लिए उपलब्ध है वैक्सीन: राज्यपाल

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि लोहिया की निदेशक डॉ. सोनिया नित्यानंद से मुझसे भेंटकर सर्वाइकल से बचाव का टीका उपलब्ध होने की जानकारी दी. मां, बहू और बेटी को सर्वाइकल कैंसर से बचाने के लिए यह वैक्सीन जरूरी है. इन्हें बचाने के लिए खर्च नहीं देखना चाहिए.

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Published : May 9, 2022, 11:03 PM IST

लोहिया संस्थान
लोहिया संस्थान

लखनऊः मुझे पहले नहीं पता था कि सर्वाइकल कैंसर से बचाव की वैक्सीन उपलब्ध है. यदि जानकारी पहले होती तो अब तक यूपी में घातक सर्वाइकल कैंसर से बचाव के वैक्सीनेशन का काम पूरा करा देती. यह बातें राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कही. वह सोमवार को लोहिया संस्थान के एकडमिक ब्लॉक में सर्वाइकल कैंसर व एचपीवी टीकाकरण जागरुकता कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं. इस मौके पर राज्यपाल का स्वागत शंख भेंट कर किया गया.


राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि लोहिया की निदेशक डॉ. सोनिया नित्यानंद से मुझसे भेंटकर सर्वाइकल से बचाव का टीका उपलब्ध होने की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मां, बहू और बेटी को सर्वाइकल कैंसर से बचाने के लिए यह वैक्सीन जरूरी है. इन्हें बचाने के लिए खर्च नहीं देखना चाहिए. सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित 60 प्रतिशत महिलाओं की सांसें थम जाती हैं. लिहाजा इसके खिलाफ मुहिम तेज करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जिस घर में मां नहीं होती है, उस घर में बच्चों को संभालना कठिन होता है. महिला के न होने से परिवार तबाह हो जाता है. सीएसआर फंड का उपयोग उन स्कूलों में अधिक किया जाएगा, जिनके माता-पिता टीकाकरण के लिए पैसे नहीं जुटा सकते हैं. उन्हें नि:शुल्क टीका लगाया जाएगा.

अपील पर मिली 12 करोड़ की खेल किट: राज्यपाल ने कहा कि राजभवन में बसे परिवार का मैंने अपने खर्च पर सबका टीकाकरण कराया. उन्होंने कहा कि लोगों के पास पैसे की कमी नहीं है. बस ऐसे लोगों की तलाश करनी जरूरी है. वे मदद करेंगे. मैंने विश्वविद्यालय और कॉलेजों से आंगनबाड़ी में खेल किट देने का अनुरोध किया. अब तक दो हजार आगंनबाड़ी में 12 करोड़ की किट उपलब्ध हुई है.

10 या 20 रुपये लें फीस : एक डॉक्टर को तैयार करने में सरकार के एक करोड़ रुपये से अधिक खर्च होते हैं. नए डॉक्टर कम से कम 10 या 20 रुपये ले सकते हैं. ताकि समाज को कुछ तो फायदा मिल सके. राज्यपाल ने पुत्रवधू का जिक्र किया. कहा, अस्पताल खोलकर फ्री इलाज देने की सीख दी. उन्होंने कहा कि नई सरकार बनी है उसे तय करना चाहिए. जितनी बच्चियों के लिए हो सके मदद करे. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि कैंसर घातक बीमारी है, इसको लेकर जागरुकता जरूरी है. तभी कैंसर से मुकाबला आसान होगा. नुक्कड़ नाटक जागरुकता फैलाने का शानदार माध्यम है. कार्यक्रम में संस्थान के पूर्व निदेशक डॉ. दीपक मालवीय, जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश, डॉ. एपी जैन, सीएमएस डॉ. राजन भटनागर समेत अन्य लोग मौजूद रहे.

ये भी पढ़ें : CUET 2022 : आवेदन में यूपी के छात्र सबसे आगे, विशेषज्ञों से जानिए इस प्रवेश परीक्षा में सफलता का मंत्र

95 फीसदी टीका कारगर : संस्थान की निदेशक डॉ. सोनिया नित्यानंद ने कहा कि महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर तेजी से बढ़ रहा है. जागरुकता से इस कैंसर पर पूरी तरह से काबू पाया जा सकता है. व्यक्तिगत साफ सफाई और सही समय पर टीका लगवाकर इस गंभीर बीमारी से आने वाली पीढ़ी को बचा सकते हैं. नौ से 14 साल की बेटियों को वैक्सीन की दो डोज लगानी पड़ती है. वैक्सीन 95 फीसदी तक कैंसर से बचाव में कारगर है. यह कैंसर ह्यूमन पैप्लोमा वायरस (एचपीवी) से होता है. वैक्सीन की एक खुराक करीब तीन हजार रुपये की है. सरकारी महिला अस्पतालों में यह वैक्सीन मुफ्त लगाई जा रही है. जिला प्रशासन की तरफ से संस्थान को उपलब्ध कराई गई वैक्सीन से अब तक 225 बेटियों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है.

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लखनऊः मुझे पहले नहीं पता था कि सर्वाइकल कैंसर से बचाव की वैक्सीन उपलब्ध है. यदि जानकारी पहले होती तो अब तक यूपी में घातक सर्वाइकल कैंसर से बचाव के वैक्सीनेशन का काम पूरा करा देती. यह बातें राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कही. वह सोमवार को लोहिया संस्थान के एकडमिक ब्लॉक में सर्वाइकल कैंसर व एचपीवी टीकाकरण जागरुकता कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं. इस मौके पर राज्यपाल का स्वागत शंख भेंट कर किया गया.


राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि लोहिया की निदेशक डॉ. सोनिया नित्यानंद से मुझसे भेंटकर सर्वाइकल से बचाव का टीका उपलब्ध होने की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मां, बहू और बेटी को सर्वाइकल कैंसर से बचाने के लिए यह वैक्सीन जरूरी है. इन्हें बचाने के लिए खर्च नहीं देखना चाहिए. सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित 60 प्रतिशत महिलाओं की सांसें थम जाती हैं. लिहाजा इसके खिलाफ मुहिम तेज करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जिस घर में मां नहीं होती है, उस घर में बच्चों को संभालना कठिन होता है. महिला के न होने से परिवार तबाह हो जाता है. सीएसआर फंड का उपयोग उन स्कूलों में अधिक किया जाएगा, जिनके माता-पिता टीकाकरण के लिए पैसे नहीं जुटा सकते हैं. उन्हें नि:शुल्क टीका लगाया जाएगा.

अपील पर मिली 12 करोड़ की खेल किट: राज्यपाल ने कहा कि राजभवन में बसे परिवार का मैंने अपने खर्च पर सबका टीकाकरण कराया. उन्होंने कहा कि लोगों के पास पैसे की कमी नहीं है. बस ऐसे लोगों की तलाश करनी जरूरी है. वे मदद करेंगे. मैंने विश्वविद्यालय और कॉलेजों से आंगनबाड़ी में खेल किट देने का अनुरोध किया. अब तक दो हजार आगंनबाड़ी में 12 करोड़ की किट उपलब्ध हुई है.

10 या 20 रुपये लें फीस : एक डॉक्टर को तैयार करने में सरकार के एक करोड़ रुपये से अधिक खर्च होते हैं. नए डॉक्टर कम से कम 10 या 20 रुपये ले सकते हैं. ताकि समाज को कुछ तो फायदा मिल सके. राज्यपाल ने पुत्रवधू का जिक्र किया. कहा, अस्पताल खोलकर फ्री इलाज देने की सीख दी. उन्होंने कहा कि नई सरकार बनी है उसे तय करना चाहिए. जितनी बच्चियों के लिए हो सके मदद करे. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि कैंसर घातक बीमारी है, इसको लेकर जागरुकता जरूरी है. तभी कैंसर से मुकाबला आसान होगा. नुक्कड़ नाटक जागरुकता फैलाने का शानदार माध्यम है. कार्यक्रम में संस्थान के पूर्व निदेशक डॉ. दीपक मालवीय, जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश, डॉ. एपी जैन, सीएमएस डॉ. राजन भटनागर समेत अन्य लोग मौजूद रहे.

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95 फीसदी टीका कारगर : संस्थान की निदेशक डॉ. सोनिया नित्यानंद ने कहा कि महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर तेजी से बढ़ रहा है. जागरुकता से इस कैंसर पर पूरी तरह से काबू पाया जा सकता है. व्यक्तिगत साफ सफाई और सही समय पर टीका लगवाकर इस गंभीर बीमारी से आने वाली पीढ़ी को बचा सकते हैं. नौ से 14 साल की बेटियों को वैक्सीन की दो डोज लगानी पड़ती है. वैक्सीन 95 फीसदी तक कैंसर से बचाव में कारगर है. यह कैंसर ह्यूमन पैप्लोमा वायरस (एचपीवी) से होता है. वैक्सीन की एक खुराक करीब तीन हजार रुपये की है. सरकारी महिला अस्पतालों में यह वैक्सीन मुफ्त लगाई जा रही है. जिला प्रशासन की तरफ से संस्थान को उपलब्ध कराई गई वैक्सीन से अब तक 225 बेटियों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है.

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