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नारेबाजी से सुन्नी वक्फ बोर्ड नाराज, बदले गए टीले वाली मस्जिद के इमाम

लखनऊ में टीले वाली मस्जिद को लेकर उठे विवाद और पिछले शुक्रवार को नमाज के बाद हुई नारेबाजी को देखते हुए उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने बड़ा फैसला लिया है. वक्फ बोर्ड ने टीले वाली मस्जिद में इमाम को पद से हटा दिया है.

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टीले वाली मस्जिद
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Published : Jun 14, 2022, 8:26 PM IST

लखनऊ: लखनऊ की ऐतिहासिक टीले वाली मस्जिद को लेकर उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने बड़ा फैसला लिया है. बोर्ड ने टीले वाली मस्जिद के मुतवल्ली और इमाम के पद पर लंबे समय से बने शाही इमाम मौलाना सय्यद फजलुल मन्नान रहमानी को हटा दिया है. साथ ही मौलाना सय्यद फजलुल मन्नान के नमाज़ पढ़ाने और किसी भी प्रकार की तकरीर देने पर भी रोक लगा दी है. वक्फ बोर्ड की ओर से जारी आदेश में टीले वाली मस्जिद के पास किसी भी प्रकार से भीड़ जमा करने पर भी पाबंदी लगाई गई है.

बता दें कि बीजेपी के पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के विवादास्पद बयान के बाद उत्तर प्रदेश के कई जिलों में शुक्रवार को नमाज के बाद हंगामा हुआ था. प्रयागराज, कानपुर समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अल्पसंख्यक समुदाय ने प्रदर्शन किया था. प्रयागराज में पत्थरबाजी की घटना हुई थी. इसके अलावा राजधानी लखनऊ में भी ऐतिहासिक टीले वाली मस्जिद पर भी कुछ लोगों ने नारेबाजी की थी. इस घटना को देखते हुए मंगलवार को सुन्नी वक्फ बोर्ड ने एक पत्र जारी किया. पत्र के अनुसार, सुन्नी वक्फ बोर्ड ने टीले वाली मस्जिद के इमाम मौलाना सय्यद फजलुल मन्नान को उनके पद से बेदखल कर दिया गया है. साथ ही उनसे मुतवल्ली का ओहदा भी वापस लिया गया है.

माना जा रहा है कि पिछले शुक्रवार को टीले वाली मस्जिद के पास जमा भीड़ और नारेबाज़ी के कारण बोर्ड ने यह एक्शन लिया है. हालांकि उत्तरप्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की जारी चिट्ठी में घटना से एक दिन पहले यानी गुरुवार की तारीख़ दर्ज है. सुन्नी वक्फ के सीईओ इस मसले पर प्रतिक्रिया देने बच रहे हैं जबकि टीले वाली मस्जिद के इमाम ने बात करने से इनकार कर दिया है. सुन्नी वक्फ बोर्ड ने मौलाना सय्यद फजलुल मन्नान रहमानी की जगह पर अब सह मुतवल्ली वासिफ़ हसन को चार्ज दे दिया है. मौलाना के बेटे इम्तियाज़ हुसैन उर्फ फैजी को इमामत की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

पढ़ें : योगी सरकार ने इस मुस्लिम चेहरे को बनाया सुन्नी वक्फ बोर्ड का CEO

लखनऊ: लखनऊ की ऐतिहासिक टीले वाली मस्जिद को लेकर उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने बड़ा फैसला लिया है. बोर्ड ने टीले वाली मस्जिद के मुतवल्ली और इमाम के पद पर लंबे समय से बने शाही इमाम मौलाना सय्यद फजलुल मन्नान रहमानी को हटा दिया है. साथ ही मौलाना सय्यद फजलुल मन्नान के नमाज़ पढ़ाने और किसी भी प्रकार की तकरीर देने पर भी रोक लगा दी है. वक्फ बोर्ड की ओर से जारी आदेश में टीले वाली मस्जिद के पास किसी भी प्रकार से भीड़ जमा करने पर भी पाबंदी लगाई गई है.

बता दें कि बीजेपी के पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के विवादास्पद बयान के बाद उत्तर प्रदेश के कई जिलों में शुक्रवार को नमाज के बाद हंगामा हुआ था. प्रयागराज, कानपुर समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अल्पसंख्यक समुदाय ने प्रदर्शन किया था. प्रयागराज में पत्थरबाजी की घटना हुई थी. इसके अलावा राजधानी लखनऊ में भी ऐतिहासिक टीले वाली मस्जिद पर भी कुछ लोगों ने नारेबाजी की थी. इस घटना को देखते हुए मंगलवार को सुन्नी वक्फ बोर्ड ने एक पत्र जारी किया. पत्र के अनुसार, सुन्नी वक्फ बोर्ड ने टीले वाली मस्जिद के इमाम मौलाना सय्यद फजलुल मन्नान को उनके पद से बेदखल कर दिया गया है. साथ ही उनसे मुतवल्ली का ओहदा भी वापस लिया गया है.

माना जा रहा है कि पिछले शुक्रवार को टीले वाली मस्जिद के पास जमा भीड़ और नारेबाज़ी के कारण बोर्ड ने यह एक्शन लिया है. हालांकि उत्तरप्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की जारी चिट्ठी में घटना से एक दिन पहले यानी गुरुवार की तारीख़ दर्ज है. सुन्नी वक्फ के सीईओ इस मसले पर प्रतिक्रिया देने बच रहे हैं जबकि टीले वाली मस्जिद के इमाम ने बात करने से इनकार कर दिया है. सुन्नी वक्फ बोर्ड ने मौलाना सय्यद फजलुल मन्नान रहमानी की जगह पर अब सह मुतवल्ली वासिफ़ हसन को चार्ज दे दिया है. मौलाना के बेटे इम्तियाज़ हुसैन उर्फ फैजी को इमामत की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

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