लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार (Government of Uttar Pradesh) खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठा रही है. प्रदेश में खेलों का वृहद इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है. मेरठ में जहां पहली खेल यूनिवर्सिटी बन रही है, तो वहीं प्रत्येक जिले में एक खेल को प्रोत्साहित किया जा रहा है. कई जिलों में स्पोर्ट्स हॉस्टल बनाया जा रहा है, तो वाराणसी में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम (international cricket stadium) का निर्माण हो रहा है. उत्तर प्रदेश सरकार की पहल पर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत कानपुर और वाराणसी में मल्टी स्पोर्ट्स कांप्लेक्स (Multi Sports Complex) बनाए जा रहे हैं. सरकार ने खेलों को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ियों को पदक जीतने पर नकद इनाम की घोषणा की है, तो उन्हें सीधे राजपत्रित अधिकारी के तौर पर नियुक्ति भी दी जा रही है.
सहायक शिक्षा निदेशक डॉ. जय सिंह बताते हैं कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए खेल विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना के अनुसार, क्रीड़ा सामग्री की खरीद की जा रही है. इसके लिए एक लाख रुपये प्रति राजकीय महाविद्यालय की दर से 1.72 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया था. इस रकम से कार्डियो इक्विपमेंट के तहत कर्व्ड ट्रेडमिल, क्रॉस ट्रेनर, स्पिन बाइक के अलावा मल्टीजिम, डंबल, बार बेल्स, स्विस बॉल समेत अन्य साजो सामान खरीदा जाना है. इन सामग्रियों की मदद से महाविद्यालयों में खेल का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार होगा और खिलाड़ियों को कॉलेज में ही विभिन्न खेलों का प्रशिक्षण मिल सकेगा. इसके जरिए खिलाड़ी किसी भी इवेंट में हिस्सा ले सकेंगे और जिले या मंडल स्तर की खेलकूद प्रतियोगिताओं की तैयारी कर सकेंगे. इसके तहत छात्रों को स्कूल के शारीरिक प्रशिक्षक या खेलकूद के कोच द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा.
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उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग के वित्त नियंत्रक शिवराम की ओर से समस्त राजकीय स्नातक एवं स्नातकोत्तर महाविद्यालयों के प्राचार्यों को जारी पत्र में धन आवंटित किए जाने की जानकारी दी है. साथ ही पत्र में कहा गया है कि आवंटित धनराशि का उपयोग इसी वित्तीय वर्ष में किया जाना है. धनराशि का इस्तेमाल शासन द्वारा तय नियमावली के अनुसार हो और यदि कुछ धन बचता है तो विभाग को उसका समर्पण किया जाए. वित्त नियंत्रक शिवराम के अनुसार, मेजर ध्यानचंद मिशन के तहत यह फंड जारी किया गया है. इसके जरिए महाविद्यालय स्तर पर खेलों का विकास होगा और जिलों से लेकर प्रदेश तक ऐसे खिलाड़ी निकलेंगे, जो भविष्य में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का नाम रोशन करेंगे.
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