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मछली पालन के नाम पर ठगी, STF ने 14 करोड़ हड़पने वाले शख्स को किया गिरफ्तार - लखनऊ में माउंटेन एलायंस

यूपी एसटीएफ ने शनिवार को लखनऊ में ठग गिरफ्तार किया. ये लोगों को मछली पालन के नाम पर उनके धन को दोगुना करने का लालच देता था. ये ठग करीब 300 लोगों को 14 करोड़ रुपये का चूना लगा चुका था.

एसटीएफ ने शनिवार को लखनऊ में ठग गिरफ्तार किया
एसटीएफ ने शनिवार को लखनऊ में ठग गिरफ्तार किया
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Published : Dec 18, 2021, 4:21 PM IST

लखनऊ: मछली पालन के नाम पर ठगी करने वाले शख्स को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया. ये मछली पालन के नाम पर 14 महीनों में रुपये दोगुना करने का वादा करता था. इस पर करीब 300 लोगों से 14 करोड़ रुपये की ठगी करने का आरोप है. यूपी एसटीएफ के प्रयास से ठग विश्वनाथ प्रसाद निषाद गिरफ्तार हो गया. वो लखनऊ में माउंटेन एलायंस नाम की प्राइवेट कंपनी चलाता था. एसटीएफ ने विश्वनाथ के साथ उसके सहयोगी निरंजन को भी गिरफ्तार किया है.

जानकारी देते एसएसपी हेमराज मीणा

एसटीएफ को पता चला था कि 300 लोगों से मछली पालन के नाम पर रुपया दोगुना करने का झांसा देकर 14 करोड़ हड़पने वाला शख्स विश्वनाथ निषाद लखनऊ में है. एसटीएफ ने विश्वनाथ को उसके एक और साथी निरंजन के साथ गिरफ्तार कर लिया.


विश्वनाथ ने लोगों को ठगने के लिए 2018 में माउंटेन एलायंस प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी बनाई थी. इसमें तारा चौहान, साहिल कुमार के साथ वो खुद डायरेक्टर था. लखनऊ के विभूतिखंड में आफिस खोलकर वो लड़कियों से लोगों को कॉल करवाता था और अपनी स्कीम के बारे में जानकारी देने के लिए कहता था. लोगों को बताया जाता था कि मछली पालन के बिजनेस से वो केवल 14 महीनों में अपने रुपये दोगुना कर सकते हैं. उनसे 2 हजार रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक निवेश कराया गया.

यही नहीं साढ़े पांच लाख रुपये देने पर कंपनी निवेशक के बताए गए स्थान पर तालाब खुदवाकर, उसमें मछली पालन कराने का झांसा देती थी. विश्वनाथ ने बताया कि यदि निवेशक उसकी स्कीम में रुचि दिखते थे, तो वो लोग उन्हें 14 महीनों तक हर महीने 75 हजार रुपये और 8 हजार रुपये प्रतिमाह चौकीदार के लिए देने का वादा करता था.

ये भी पढ़ें- बढ़ी राजा भैया की मुश्किलें, सीबीआई ने शुरू की सीओ हत्याकांड की फिर से जांच


विश्वनाथ ने अपनी कंपनी की स्कीम में रुपये निवेश करवाने के लिए ब्रोकर्स भी रखे थे. वो ब्रोकर्स को 15 प्रतिशत कमीशन देता थे. ब्रोकर्स अगर एक करोड़ से ज्यादा का निवेश लेकर लाते थे, तो उन्हें स्विफ्ट कार देने की बात कही जाती थी.


विश्वनाथ के झांसे में आकर ब्रोकर्स ने 300 लोगों से करीब 14 करोड़ रुपये लेकर कंपनी के खाते में ट्रांसफर किए थे. पैसा आते ही विश्वनाथ और उसके साथ कंपनी बंद करके रफूचक्कर हो गए थे. एसटीएफ अब बाकी डायरेक्टर और ब्रोकर्स की तलाश कर रही है.

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लखनऊ: मछली पालन के नाम पर ठगी करने वाले शख्स को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया. ये मछली पालन के नाम पर 14 महीनों में रुपये दोगुना करने का वादा करता था. इस पर करीब 300 लोगों से 14 करोड़ रुपये की ठगी करने का आरोप है. यूपी एसटीएफ के प्रयास से ठग विश्वनाथ प्रसाद निषाद गिरफ्तार हो गया. वो लखनऊ में माउंटेन एलायंस नाम की प्राइवेट कंपनी चलाता था. एसटीएफ ने विश्वनाथ के साथ उसके सहयोगी निरंजन को भी गिरफ्तार किया है.

जानकारी देते एसएसपी हेमराज मीणा

एसटीएफ को पता चला था कि 300 लोगों से मछली पालन के नाम पर रुपया दोगुना करने का झांसा देकर 14 करोड़ हड़पने वाला शख्स विश्वनाथ निषाद लखनऊ में है. एसटीएफ ने विश्वनाथ को उसके एक और साथी निरंजन के साथ गिरफ्तार कर लिया.


विश्वनाथ ने लोगों को ठगने के लिए 2018 में माउंटेन एलायंस प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी बनाई थी. इसमें तारा चौहान, साहिल कुमार के साथ वो खुद डायरेक्टर था. लखनऊ के विभूतिखंड में आफिस खोलकर वो लड़कियों से लोगों को कॉल करवाता था और अपनी स्कीम के बारे में जानकारी देने के लिए कहता था. लोगों को बताया जाता था कि मछली पालन के बिजनेस से वो केवल 14 महीनों में अपने रुपये दोगुना कर सकते हैं. उनसे 2 हजार रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक निवेश कराया गया.

यही नहीं साढ़े पांच लाख रुपये देने पर कंपनी निवेशक के बताए गए स्थान पर तालाब खुदवाकर, उसमें मछली पालन कराने का झांसा देती थी. विश्वनाथ ने बताया कि यदि निवेशक उसकी स्कीम में रुचि दिखते थे, तो वो लोग उन्हें 14 महीनों तक हर महीने 75 हजार रुपये और 8 हजार रुपये प्रतिमाह चौकीदार के लिए देने का वादा करता था.

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विश्वनाथ ने अपनी कंपनी की स्कीम में रुपये निवेश करवाने के लिए ब्रोकर्स भी रखे थे. वो ब्रोकर्स को 15 प्रतिशत कमीशन देता थे. ब्रोकर्स अगर एक करोड़ से ज्यादा का निवेश लेकर लाते थे, तो उन्हें स्विफ्ट कार देने की बात कही जाती थी.


विश्वनाथ के झांसे में आकर ब्रोकर्स ने 300 लोगों से करीब 14 करोड़ रुपये लेकर कंपनी के खाते में ट्रांसफर किए थे. पैसा आते ही विश्वनाथ और उसके साथ कंपनी बंद करके रफूचक्कर हो गए थे. एसटीएफ अब बाकी डायरेक्टर और ब्रोकर्स की तलाश कर रही है.

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