लखनऊ: उत्तर प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जय प्रताप सिंह ने विधायकों को पत्र लिखकर उसे स्वास्थ्य केंद्रों को गोद लेने का आग्रह किया है. पत्र में स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं का उल्लेख करते हुए विधायकों से आग्रह किया गया है कि वे स्वास्थ्य केंद्रों की चिकित्सा व्यवस्था विधायक निधि का उपयोग कर दुरुस्त करें.
प्रदेश में हैं 940 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
स्वास्थ्य मंत्री ने पत्र में कहा है कि प्रदेश में कुल 940 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं, जिनमें से 929 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों में तथा 11 शहरी क्षेत्र में स्थित हैं. यह 30 बेड की चिकित्सा इकाई अधिकांश क्षेत्रों में 2 से 2.5 लाख की आबादी पर स्थित है. 1.5 एकड़ में निर्मित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर चिकित्सा संवर्ग के 6 पद स्वीकृत हैं. जो फिजीशियन, सर्जन, स्त्री रोग विशेषज्ञ, एनेस्थेटिक्स, रेडियोलॉजिस्ट तथा दन्त शल्यक हैं. पैरामेडिकल संवर्ग में स्टाफ नर्स, लैब टैक्नीशियन, एक्स-रे टैक्नीशियन, डेंटल हाईजिनिस्ट, डार्क रूम सहायक, फार्मासिस्ट तथा वरिष्ठ लिपिक के पद स्वीकृत हैं.
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर बनेंगे 10 बेड के पीआईसीयू
स्वास्थ्य मंत्री ने अपने पत्र में सांसद विधायकों को अवगत कराया गया है कि कोरोना महामारी को देखते हुए कुछ चयनित सीएचसी पर 10 बेड का पीआईसीयू भी स्थापित किये जाने के निर्देश दिये गये हैं. वर्तमान में समस्त सीएचसी पर ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर तथा चयनित सीएचसी पर ऑक्सीजन प्लान्ट भी स्थापित किया जा रहा है. उपलब्ध दवाइयों के अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सेंट्रल वेयरहाउस से भी दवाएं मंगाने के लिए अधिकृत हैं.
यह भी पढ़ें: वैक्सीनेशन का रजिस्ट्रेशन हुआ आसान, आधार कार्ड कराना होगा अपडेट
मिट्टी के उपयोग के लिए लागू की गई है पासबुक प्रणाली
स्वास्थ्य मंत्री ने विधायकों को अवगत कराया है कि प्रदेश सरकार एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा स्वीकृत बजट का पूरे वित्तीय वर्ष में सुचारू रूप से उपयोग सुनिश्चित करने के लिए पास बुक प्रणाली जनपदों में लागू की गई है. पैथोलॉजी में सामान्य जांच के अलावा टीवी और एचआईवी की जांच की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है.
प्रदेश में हैं 3604 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
उत्तर प्रदेश में वर्तमान में 3604 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं, जिनमें 592 शहरी तथा 3012 ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं. वर्तमान में 50 हजार की आबादी पर 1 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्थापित हैं. एक एकड़ में निर्मित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 1 चिकित्सक, 1 फार्मासिस्ट, 1 लैब अटेंडेंट, 1 एएनएम, 1 वार्डबॉय तथा 1 सफाई कर्मचारी कम चौकीदार नियुक्त होते हैं. जिस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव हेतु महिलाएं आती हैं, वहां पर 3 स्टाफ नर्सों की नियुक्ति भी की जाती है.
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर हैं 100 प्रकार की दवाएं
आईवी फ्लुएड, एंटीबायोटिक, एंटीपायरेटिक, एंटीअमेटिक, एंटीस्पेज्मोडिक, एंटी इन्फ्लेमेटरी आदि दवाओं के साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लगभग 100 प्रकार की औषधियां मौजूद रहती हैं.
निरीक्षण कर मरीजों से करें संवाद
स्वास्थ्य मंत्री ने सांसदों और विधायकों से आग्रह किया है कि वह जन स्वास्थ्य केंद्रों को गोद लें. वहां का निरीक्षण कर मरीजों से संवाद कायम करें. सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए विधायक निधि का उपयोग करें तथा सुझावों से सरकार को अवगत कराते रहें.