लखनऊ : प्रदेश में नीति विरूद्ध तबादले का मामला सुर्खियों में है. शनिवार को 48 चिकित्सकों का स्थानांतरण रद्द किया गया है. इसमें लेवल वन के 313 चिकित्सा अधिकारियों के किए गए स्थानांतरण में 48 चिकित्सकों के नाम गलत ढंग से सूची में अंकित थे. यह लेवल 2 व 3 के आयुष दंत अन्य संवर्ग के थे. वहीं प्रदेश सरकार ने बीते शुक्रवार को डॉक्टरों के तबादले में हुई गड़बड़ी के आरोप में एक और बड़ी कार्रवाई की थी. लेवल-1 के डॉक्टरों के तबादले के लिए कमेटी के अध्यक्ष रहे डॉ. अनुराग भार्गव के खिलाफ राज्यपाल की संस्तुति के बाद जांच कमेटी गठित की गई थी.
बतातें चले कि हाल ही में स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग से सारी जानकारी उपलब्ध कराए जाने के लिए कहा था. जिसके बाद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के निदेशक (प्रशासन) राजा गणपति आर ने सभी 29 चिकित्सा अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द सभी चिकित्सा अधिकारी अपना स्पष्टीकरण दें. अब स्वास्थ्य विभाग में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के पत्र लिखने के बाद जांच का बड़ा खुलासा हो रहा है. इस दौरान एसीएस (ACS) अमित मोहन पर भी आरोप लगे. साथ ही यह भी सामने आया कि स्वास्थ्य विभाग में तबादले नियमानुसार नहीं हुये हैं.
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वहीं जांच में पाया गया कि बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुईं हैं. यहां तक कि इस स्थानांतरण गड़बड़ी में विभाग ने दिव्यांगों तक को नहीं छोड़ा है, उनका नियम विरुद्ध तबादला कर दिया गया. स्वास्थ्य विभाग ने 22 जिलों के सीएमओ को नोटिस भेजा था.
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