लखनऊ: यात्रियों को अब अयोध्या पहुंचने में कम समय लगेगा. आने वाले कुछ महीनों में अयोध्या के लिए ट्रेनों से सफर करने में करीब 20 से 25 मिनट का समय बचेगा. लखनऊ-अयोध्या रूट पर ट्रेनें 130 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से दौड़ सकेगी. फैजाबाद-वाराणसी रूट पर कम बैलास्ट होने, समय से अधिक रेल लाइन के इस्तेमाल और टूटे स्लीपर के कारण ट्रेनों की अधिकतम गति 110 किलोमीटर प्रति घंटा तय की गई थी. लेकिन, अब ट्रेन की रफ्तार राजधानी क्लास की ट्रेनों के बराबर होगी.
बैलास्ट कम होने से पटरी में आ गया था फैलाव
बताते चलें कि 6 साल पहले लखनऊ आ रही दून एक्सप्रेस बेपटरी हो गई थी. बैलास्ट कम होने से पटरी में फैलाव आ गया था. लेकिन, लॉकडाउन में रेलवे ने बीसीएम मशीन लगाकर बैलास्ट की सफाई कराई है. पटरियों के जोड़ को भी ठीक किया गया है, जिन रेलखंड पर बैलास्ट की कमी थी उनको भी भरा गया है. वहीं पटरियों के बदलने के बैकलॉग को भी दूर किया गया है. अब सिंगल लाइन वाला रूट अधिकतम 130 किलोमीटर प्रति घंटा की गति के लिए तैयार है. रेलवे अब लखनऊ-सुल्तानपुर रूट की क्षमता भी 130 किलोमीटर प्रतिघंटा करने में जुटा हुआ है. इसके लिए इस रूट पर मौजूद पुल की मरम्मत भी की जा रही है.
'कम लगेगा समय'
उत्तर रेलवे लखनऊ के डीआरएम संजय त्रिपाठी का कहना है कि लखनऊ से अयोध्या होकर वाराणसी तक अब ट्रेनों की स्पीड बढ़ा कर 130 किलोमीटर प्रति घंटा की जा सकेगी. इस रूट की कमियों को दूर कर दिया गया है. इससे यात्रा में समय भी बचेगा.
लखनऊ से अयोध्या जाने में अब 20 से 25 मिनट कम समय लगेगा...जाने कैसे
लखनऊ-अयोध्या रूट पर अब ट्रेनें 130 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेंगी. जिसकी वजह से अब लखनऊ से अयोध्या पहुंचने में यात्रियों का 20 से 25 मिनट समय बचेगा.
लखनऊ: यात्रियों को अब अयोध्या पहुंचने में कम समय लगेगा. आने वाले कुछ महीनों में अयोध्या के लिए ट्रेनों से सफर करने में करीब 20 से 25 मिनट का समय बचेगा. लखनऊ-अयोध्या रूट पर ट्रेनें 130 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से दौड़ सकेगी. फैजाबाद-वाराणसी रूट पर कम बैलास्ट होने, समय से अधिक रेल लाइन के इस्तेमाल और टूटे स्लीपर के कारण ट्रेनों की अधिकतम गति 110 किलोमीटर प्रति घंटा तय की गई थी. लेकिन, अब ट्रेन की रफ्तार राजधानी क्लास की ट्रेनों के बराबर होगी.
बैलास्ट कम होने से पटरी में आ गया था फैलाव
बताते चलें कि 6 साल पहले लखनऊ आ रही दून एक्सप्रेस बेपटरी हो गई थी. बैलास्ट कम होने से पटरी में फैलाव आ गया था. लेकिन, लॉकडाउन में रेलवे ने बीसीएम मशीन लगाकर बैलास्ट की सफाई कराई है. पटरियों के जोड़ को भी ठीक किया गया है, जिन रेलखंड पर बैलास्ट की कमी थी उनको भी भरा गया है. वहीं पटरियों के बदलने के बैकलॉग को भी दूर किया गया है. अब सिंगल लाइन वाला रूट अधिकतम 130 किलोमीटर प्रति घंटा की गति के लिए तैयार है. रेलवे अब लखनऊ-सुल्तानपुर रूट की क्षमता भी 130 किलोमीटर प्रतिघंटा करने में जुटा हुआ है. इसके लिए इस रूट पर मौजूद पुल की मरम्मत भी की जा रही है.
'कम लगेगा समय'
उत्तर रेलवे लखनऊ के डीआरएम संजय त्रिपाठी का कहना है कि लखनऊ से अयोध्या होकर वाराणसी तक अब ट्रेनों की स्पीड बढ़ा कर 130 किलोमीटर प्रति घंटा की जा सकेगी. इस रूट की कमियों को दूर कर दिया गया है. इससे यात्रा में समय भी बचेगा.