लखनऊ : राजधानी के सभी हाइवे पर ट्रकों की कतार लोगों के लिए मुसीबत का सबब बनती है. इसका कारण नो एंट्री की वजह से हाइवे पर सैकड़ों की संख्या में ट्रकों का खड़ा होना है. इसी से निजात पाने के लिए लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट ने NHAI को पत्र लिखकर शहर के सीमावर्ती बॉर्डर पर होल्डिंग एरिया में एक अलग से लेन बनाए जाने की मांग की है.
डीसीपी ट्रैफिक सुभाष चंद्र शाक्य ने बताया कि शहर को जाम से बचाने के लिए नो एंट्री का सख्ती से पालन कराया जा रहा है. इसके बाद 80 प्रतिशत तक जाम से निजात मिला है. हालांकि अभी भी होल्डिंग एरिया में दिक्कतें आ रही हैं. इसी को दूर करने के लिए उन्होंने NHAI व PWD को पत्र लिखा है कि ट्रकों को खड़ा करने के लिए होल्डिंग एरिया में एक और लेन बनाएं. इससे सामान्य वाहनों को निकलने में कोई दिक्कत न हो. शाक्य के मुताबिक, नो एंट्री के दरमियान सैकड़ों की संख्या में ट्रक शहर से पहले सिंगल लेने की बजाए डबल लेन में खड़े कर दिए जाते हैं. इसके आम जनता को दिक्कत होती है. उनका मानना है कि ट्रांसपोर्ट यूनियन व अन्य विभागों का सहयोग भी इस समस्या को दूर कर सकता है.
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सीमावर्ती जिलों की पुलिस करेगी निगरानी : माल वाहक ट्रकों को पूर्वांचल जाना हो या उत्तराखंड या किसी भी कोने में, उन्हें लखनऊ शहर को पार करना होता है. लेकिन, रात 11 बजे नो एंट्री के खुलने से पहले हजारों ट्रक शहर से पहले ही खड़े हो जाते हैं. इसमें अयोध्या रोड पर चिनहट से बाराबंकी तक, कानपुर रोड पर बनी से हसनगंज तक व सीतापुर रोड पर इंजीनियरिंग चौराहे से इटौंजा तक ट्रकों की लाइन लगी रहती है.
वहीं, रायबरेली रोड पर टोल प्लाजा से बछरावां तक और हरदोई रोड पर मलिहाबाद से मोहान तक जाम लगा रहता है. नो एंट्री खुलने पर हजारों ट्रक एक साथ निकलते हैं जिससे हालात और बिगड़ जाते हैं. डीसीपी ट्रैफिक ने बताया कि उन्होंने बॉर्डर में तैनात लखनऊ पुलिसकर्मियों के साथ-साथ सीमावर्ती जिलों जिसमें बाराबंकी, उन्नाव, सीतापुर, रायबरेली व हरदोई के एसपी को भी कहा गया है कि नो एंट्री प्वाइंट पर लखनऊ सीमा से पहले ही गाड़ियों को रोका जाए.
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