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IGRS पर ऑनलाइन दर्ज होने वाली शिकायतों को दूर करने में यह विभाग फिसड्डी, देखिए क्या है सरकारी विभागों का हाल

जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश की अध्यक्षता में शनिवार को कलेक्ट्रेट स्थित डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम सभागार में आईजीआरएस की समीक्षा बैठक में इसका खुलासा हुआ.

आईजीआरएस की समीक्षा बैठक
आईजीआरएस की समीक्षा बैठक
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Published : May 28, 2022, 10:14 PM IST

लखनऊ : IGRS पर दर्ज होने वाली ऑनलाइन शिकायतों को दूर करने में लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA), नगर निगम और अधिशासी अभियंता विद्युत सबसे फिसड्डी साबित हो रहे हैं. इन विभागों में राजधानी के सभी अन्य सरकारी विभागों के मुकाबले सबसे ज्यादा आईजीआरएस शिकायतें लंबित हैं.

जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश की अध्यक्षता में शनिवार को कलेक्ट्रेट स्थित डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम सभागार में आईजीआरएस की समीक्षा बैठक में इसका खुलासा हुआ. बैठक में संज्ञान में आया कि सबसे अधिक प्रकरण लखनऊ विकास प्राधिकरण, नगर निगम व अधिशासी अभियंता विद्युत के पास लंबित हैं. इसके लिए ज़िलाधिकारी द्वारा नाराज़गी व्यक्त की गई और कड़े निर्देश दिए गए कि आगामी 29 मई को 3 बजे तक शत प्रतिशत प्रकरणों का निस्तारण सुनिश्चित करते हुए आख्या प्रस्तुत करें.

बैठक में ज़िलाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि आईजीआरएस प्रकरणों की समीक्षा बैठक हर 15 दिन में की जाएगी. साथ ही निर्देश दिया कि महिलाओं के मामलों में विशेष सर्तकता बरती जाये और महिलाओं से संबंधित मामलों में तत्काल FIR दर्ज करते हुए कार्रवाई करना सुनिश्चित किया जाए.

यह है सरकारी विभागों की स्थिति : अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व विपिन कुमार मिश्र ने बताया कि पुलिस आयुक्त के 50, तहसीलदार मलिहाबाद के 32, तहसीलदार लखनऊ राजस्व एवं आपदा के 30, अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग के 25, उपजिलाधिकारी सरोजनीनगर के 22, तहसीलदार सरोजनीनगर राजस्व एवं आपदा के 18, थाना अध्यक्ष ठाकुरगंज के 18, अधिशासी अभियंता सिंचाई जल संसाधन के 17, पूर्ति निरीक्षक के 15, उपजिलाधिकारी लखनऊ राजस्व एवं आपदा के 14, उपजिलाधिकारी मलिहाबाद राजस्व एवं आपदा के 13, तथा अधिशासी अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण सेवा, जिला क्रीड़ा अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी व थाना अध्यक्ष आशियाना के 11-11 प्रकरण लंबित पाए गए हैं.

ये भी पढ़ें : फेसलेस व्यवस्था लागू होने के बाद डीएल बनवाने में हो रही कठिनाई, जानें क्यों ?

बैठक में अपर ज़िलाधिकारी वित्त एवं राजस्व, अपर जिलाधिकारी नगर पूर्वी, समस्त उप जिलाधिकारी, समस्त तहसीलदार, नगर निगम, लखनऊ विकास प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग व अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे.

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लखनऊ : IGRS पर दर्ज होने वाली ऑनलाइन शिकायतों को दूर करने में लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA), नगर निगम और अधिशासी अभियंता विद्युत सबसे फिसड्डी साबित हो रहे हैं. इन विभागों में राजधानी के सभी अन्य सरकारी विभागों के मुकाबले सबसे ज्यादा आईजीआरएस शिकायतें लंबित हैं.

जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश की अध्यक्षता में शनिवार को कलेक्ट्रेट स्थित डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम सभागार में आईजीआरएस की समीक्षा बैठक में इसका खुलासा हुआ. बैठक में संज्ञान में आया कि सबसे अधिक प्रकरण लखनऊ विकास प्राधिकरण, नगर निगम व अधिशासी अभियंता विद्युत के पास लंबित हैं. इसके लिए ज़िलाधिकारी द्वारा नाराज़गी व्यक्त की गई और कड़े निर्देश दिए गए कि आगामी 29 मई को 3 बजे तक शत प्रतिशत प्रकरणों का निस्तारण सुनिश्चित करते हुए आख्या प्रस्तुत करें.

बैठक में ज़िलाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि आईजीआरएस प्रकरणों की समीक्षा बैठक हर 15 दिन में की जाएगी. साथ ही निर्देश दिया कि महिलाओं के मामलों में विशेष सर्तकता बरती जाये और महिलाओं से संबंधित मामलों में तत्काल FIR दर्ज करते हुए कार्रवाई करना सुनिश्चित किया जाए.

यह है सरकारी विभागों की स्थिति : अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व विपिन कुमार मिश्र ने बताया कि पुलिस आयुक्त के 50, तहसीलदार मलिहाबाद के 32, तहसीलदार लखनऊ राजस्व एवं आपदा के 30, अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग के 25, उपजिलाधिकारी सरोजनीनगर के 22, तहसीलदार सरोजनीनगर राजस्व एवं आपदा के 18, थाना अध्यक्ष ठाकुरगंज के 18, अधिशासी अभियंता सिंचाई जल संसाधन के 17, पूर्ति निरीक्षक के 15, उपजिलाधिकारी लखनऊ राजस्व एवं आपदा के 14, उपजिलाधिकारी मलिहाबाद राजस्व एवं आपदा के 13, तथा अधिशासी अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण सेवा, जिला क्रीड़ा अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी व थाना अध्यक्ष आशियाना के 11-11 प्रकरण लंबित पाए गए हैं.

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बैठक में अपर ज़िलाधिकारी वित्त एवं राजस्व, अपर जिलाधिकारी नगर पूर्वी, समस्त उप जिलाधिकारी, समस्त तहसीलदार, नगर निगम, लखनऊ विकास प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग व अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे.

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