लखनऊ: विधान परिषद में सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भले ही कोई राशन कार्डधारक अपात्र ही क्यों न पाया जाए. मगर दिए गए राशन की वसूली सरकार किसी भी हाल में नहीं करेगी. ऐसी कोई भी व्यवस्था नहीं है. बसपा के विधान परिषद सदस्य भीमराव अम्बेडकर के सदन स्थगन प्रस्ताव पर जवाब देते हुए नेता सदन स्वतंत्र देव सिंह ने स्पष्ट किया कि ऐसा कोई प्राविधान नहीं है. उन्होंने जवाब दिया कि किसी भी पात्र कार्ड धारकों का राशन बंद नहीं किया जा रहा है.
स्वतंत्र देव सिंह ने आज स्पष्ट किया कि कौन-कौन सी शर्तें हैं जिसे पूरी करने पर कार्ड धारक पात्र होता है और कौन सी में अपात्र हो जाता है. विपक्ष उनके जवाब से संतुष्ट नहीं रहा. मगर सदन स्थगन प्रस्ताव को रद्द करते हुए विधान परिषद सभापति ने आदेश दिया कि सरकार इस संबंध में जरूरी कार्रवाई करती रहेगी.
विधान परिषद में बसपा एमएलसी भीमराव अंबेडकर ने चर्चा करते हुए कहा कि अनेक जिलाधिकारियों ने मुनादी करवाकर लोगों को चेतावनी दी थी कि अगर वह अपात्र पाए गए तो उनका राशन वापस ले लिया जाएगा. उनसे रिकवरी की जाएगी. किसी व्यक्ति ने अगर 6 महीने पहले गेहूं खरीदा था और अगर आज से रिकवरी की जाएगी. उस पर तो बहुत अधिक बोझ पड़ जाएगा. सरकार आज स्पष्ट करे ऐसा होगा या नहीं होगा. ऐसा करने वाले जिलाधिकारियों के खिलाफ सरकार की ओर से क्या कार्रवाई की जा रही है.
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इसके जवाब में जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि गरीब दलित, पिछड़ा मुसलमान से लेकर सभी वर्गों को महीने में दो बार राशन दिया जा रहा है. जिससे जनता बहुत प्रसन्न है. जो भी अपात्र हैं उनसे राशन की रिकवरी का कोई प्रावधान नहीं है ना ही ऐसा होगा. इस पर चिंता करने की आवश्यकता नहीं है.
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