लखनऊ: आवास विकास परिषद की बोर्ड मीटिंग में शुक्रवार को आवंटन के लिए भारी राहतों की घोषणा की गई. इस बैठक में परिषद के अधिकारियों ने न केवल किस्तों पर दिए जाने वाले ब्याज में राहत दी है, बल्कि नामांतरण शुल्क की भारी फीस को कम किया गया है. इसका फायदा आवास विकास परिषद के लाखों आवंटियों को मिलेगा. बैठक में अध्यक्ष रमेश गोकर्ण, आवास आयुक्त अजय चौहान, परिषद सचिव डॉ. नीरज शुक्ला और अपर आवास आयुक्त उदयभानु त्रिपाठी मौजूद रहे.
5 वर्षों तक कटौती किए जाने का निर्णय
वित्तीय वर्ष-2021-22 और 2022-23 के लिए प्रस्तावित बजट अनुमोदित किया गया. साथ ही परिषद की बहुमंजिली परियोजनाओं (फ्लैटों) में समूह पर आवेदन किए जाने पर छूट की समय-सीमा बढ़ाए जाने के सम्बन्ध में निर्णय लिया गया. इसके अलावा सामुदायिक केन्द्रों का निर्माण, संचालन एवं परियोजना लागत की वसूली के उपरांत परिषद को हस्तानान्तरण के लिए प्राइवेट संस्थाओं को लीज पर दिया जाएगा. वहीं, रामपाल भास्कर सेवानिवृत्त कनिष्ठ लेखाधिकारी के विरुद्ध गठित विभागीय जांच में आरोप सिद्ध पाए जाने पर उनकी पेंशन से 5 प्रतिशत कटौती 5 वर्षों तक किए जाने का निर्णय लिया गया.
ब्याज दरों में किया गया यह संशोधन
10 लाख मूल्य तक की सम्पत्तियां 9 प्रतिशत
10 से 25 लाख तक की सम्पत्तियां 9.5 प्रतिशत
25 लाख से अधिक 10 प्रतिशत
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नामांतरण शुल्क
नगर निगम को कब्जा हस्तगत सम्पत्तियों में विक्रय विलेख, गिफ्ट डीड के केस में नामांतरण में मालियत के एक प्रतिशत के स्थान पर 5 लाख तक की सम्पत्तियों पर 200 रुपये, 5 लाख से 10 लाख तक 300 रुपये, 10 लाख से 20 लाख तक 500 रुपये और 20 लाख से अधिक जिलाधिकारी सर्किल रेट से मूल्यांक का एक प्रतिशत या करीब 25000 में जो कम होगा.
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