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धारा बढ़ाने के नाम पर रिश्वत ले रहा था दारोगा, थाने से खींच कर ले गयी एंटी करप्शन टीम - five thousand rupees bribe

लखनऊ के चिनहट थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर को घूस लेते गिरफ्तार किया है. इसके बाद पुलिस सब इंस्पेक्टर को थाने से खींचकर बाहर लाई और अपने साथ ले गई.

चिनहट थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर
चिनहट थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर
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Published : Jun 15, 2022, 8:30 PM IST

लखनऊ: राजधानी के चिनहट थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर को रिश्वत लेते हुए एंटी करप्शन टीम ने बुधवार को रंगे हाथ पकड़ा है. एंटी करप्शन टीम ने थाने के अंदर रिश्वत लेते हुए पकड़ने के बाद उसे थाने से खींचकर बाहर लाई. दारोगा को जबरदस्ती अपने साथ ले जाने का एक वीडियो सामने आया है. जिसकी खूब चर्चा हो रही है. लोगों का कहना है कि रिश्वतखोरों के खिलाफ ऐसी ही कार्रवाई होनी चाहिए. बताया जा रहा है कि चिनहट थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार यादव मुकदमा लिखाने वाले वादी मनोज कुमार मिश्रा से 5 हजार रिश्वत ले रहा था.

एंटी करप्शन टीम ने सब इंस्पेक्टर को घूस लेते गिरफ्तार किया


डीआईजी एंटी करप्शन राजीव मल्होत्रा ने बताया कि चिनहट के गंगा विहार निवासी मनोज कुमार मिश्रा की अपने भाई मोनू मिश्रा से मारपीट हुई थी. इस मामले में 7 मई को धारा 323, 504 व 506 के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया था. आरोप है कि कार्रवाई में धारा 307 बढ़ाने की बात को लेकर दरोगा कई दिनों से पांच हजार रुपये की मांग कर रहा था. इसकी शिकायत पीड़ित ने एंटी करप्शन यूनिट से की थी. जिसके बाद टीम ने दरोगा के खिलाफ जाल बिछाया और फिर उसे घूस लेते रंगे हाथ पकड़ लिया.

ये भी पढ़ें : यूपी पुलिस होगी हाईटेक, हेलिकॉप्टर से होगी निगरानी!

बता दें कि 7 मई को मोनू ने मनोज के सिर पर किसी चीज से वार कर दिया था. जिसमें मनोज का सिर फट गया था और वो लहूलुहान हो गया था. विवाद के बाद शिकायत पर मोनू मिश्रा को थाने बैठाकर कार्रवाई का आश्वासन दिया गया था. पीड़ित मनोज का आरोप है कि मोनू को पैसे लेने के बाद थाने से बिना कार्रवाई के छोड़ दिया गया. जिसके बाद गिरफ्तारी वाली धारा न होने का हवाला देते हुए उसे छोड़ने की बात कही गई. कार्रवाई करने के एवज में दरोगा प्रदीप ने पांच हजार रुपये मांगे थे.

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लखनऊ: राजधानी के चिनहट थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर को रिश्वत लेते हुए एंटी करप्शन टीम ने बुधवार को रंगे हाथ पकड़ा है. एंटी करप्शन टीम ने थाने के अंदर रिश्वत लेते हुए पकड़ने के बाद उसे थाने से खींचकर बाहर लाई. दारोगा को जबरदस्ती अपने साथ ले जाने का एक वीडियो सामने आया है. जिसकी खूब चर्चा हो रही है. लोगों का कहना है कि रिश्वतखोरों के खिलाफ ऐसी ही कार्रवाई होनी चाहिए. बताया जा रहा है कि चिनहट थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार यादव मुकदमा लिखाने वाले वादी मनोज कुमार मिश्रा से 5 हजार रिश्वत ले रहा था.

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डीआईजी एंटी करप्शन राजीव मल्होत्रा ने बताया कि चिनहट के गंगा विहार निवासी मनोज कुमार मिश्रा की अपने भाई मोनू मिश्रा से मारपीट हुई थी. इस मामले में 7 मई को धारा 323, 504 व 506 के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया था. आरोप है कि कार्रवाई में धारा 307 बढ़ाने की बात को लेकर दरोगा कई दिनों से पांच हजार रुपये की मांग कर रहा था. इसकी शिकायत पीड़ित ने एंटी करप्शन यूनिट से की थी. जिसके बाद टीम ने दरोगा के खिलाफ जाल बिछाया और फिर उसे घूस लेते रंगे हाथ पकड़ लिया.

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बता दें कि 7 मई को मोनू ने मनोज के सिर पर किसी चीज से वार कर दिया था. जिसमें मनोज का सिर फट गया था और वो लहूलुहान हो गया था. विवाद के बाद शिकायत पर मोनू मिश्रा को थाने बैठाकर कार्रवाई का आश्वासन दिया गया था. पीड़ित मनोज का आरोप है कि मोनू को पैसे लेने के बाद थाने से बिना कार्रवाई के छोड़ दिया गया. जिसके बाद गिरफ्तारी वाली धारा न होने का हवाला देते हुए उसे छोड़ने की बात कही गई. कार्रवाई करने के एवज में दरोगा प्रदीप ने पांच हजार रुपये मांगे थे.

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