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सेलफोन में संदिग्ध आतंकी मिनहाज के 22 दोस्तों का राज दफन, हैदराबाद फॉरेंसिक लैब में होगी जांच - suspected terrorist minhaj cell phone

राजधानी लखनऊ में एटीएस ने अल-कायदा के दो आतंकियों को गिरफ्तार किया है. एटीएस को संदिग्ध आतंकी मिनहाज के पास से एक फोन बरामद हुआ है, जिसमें उसके 22 दोस्तों का राज दफन है. फोन को हैदराबाद फॉरेंसिक लैब में भेजा गया है, जहां उसकी जांच होगी.

सेलफोन में संदिग्ध आतंकी मिनहाज के 22 दोस्तों का राज दफन
सेलफोन में संदिग्ध आतंकी मिनहाज के 22 दोस्तों का राज दफन
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Published : Jul 19, 2021, 10:37 PM IST

लखनऊ: यूपी दहलाने की अल-कायदा की साजिश रचने वाले काकोरी से गिरफ्तार संदिग्ध आतंकी मिनहाज के मोबाइल फोन में उसके 22 दोस्तों का राज दफन है. यूपी एटीएस ने मिनहाज का मोबाइल फोन जांच के लिए हैदराबाद फॉरेंसिक लैब भेजा है.

दरअसल, छापेमारी के दौरान मिनहाज़ ने अपना मोबाइल फोन जला दिया था. यूपी एटीएस को मिनहाज के मोबाइल से आतंकियों के नेटवर्क के खुलासे की उम्मीद है. एटीएस की मानें तो लखनऊ फॉरेंसिक लैब में मिनहाज के मोबाइल का डेटा रिट्रीव नहीं हो पाया. वहीं, एटीएस की टीम ने कस्टडी रिमांड के दौरान सबूत जुटाने के लिए मिनहाज और मुशीर की निशानदेही पर लखनऊ स्थित बैटरी, तार, बारूद खरीदने के ठिकानों पर छापेमारी की. छापेमारी के दौरान दोनों संदिग्ध आतंकी टीम के साथ थे.


बता दें कि 11 जुलाई को यूपी एटीएस ने लखनऊ के काकोरी इलाके में कई घंटे सर्च ऑपरेशन में मिनहाज और मुशीरुद्दरीन को गिरफ्तार कर भारी मात्रा में विस्फोटक और प्रेशर कुकर बम बरामद किया था. आतंकी लखनऊ और यूपी के अन्य इलाकों में सीरियल ब्लास्ट करने की तैयारी में थे. ये भी सामने आ रहा है कि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह समेत बीजेपी के कई बड़े नेता भी इनके निशाने पर थे.

मोबाइल कॉल डिटेल में 22 संदिग्ध राडार पर

आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप में दुबग्गा से पकड़े गये संदिग्ध आतंकी मिनहाज के मोबाइल की कॉल डिटेल व खदरा के तीन युवकों से मिली जानकारी के बाद खदरा, मड़ियांव, मोहिबुल्लापुर, दुबग्गा और काकोरी के 22 युवकों से यूपी एटीसी जल्द ही पूछताछ करेगी. ये लोग वाहन वर्कशाप के कर्मचारी और एसी मैकेनिक हैं. दो दिन पहले तीन युवकों से पूछताछ में भी एटीएस को इनके बारे में कई तथ्य हाथ लगे थे. हालांकि यह अभी साफ नहीं है कि मिनहाज के ये मददगार थे अथवा दुकान के जरिये ही सम्पर्क में आये थे.

मिनहाज ने ATS को उलझाने के लिए तो नहीं की कॉल

आईजी यूपी एटीसी जीके गोस्वामी की मानें तो मिनहाज खदरा में अपनी बैट्री की दुकान पर अक्सर युवाओं को बुलाता था. कई युवाओं से तो वह अकेले में काफी देर तक बात करता और उन्हें मोबाइल पर कुछ दिखाता रहता था. कॉल डिटेल के आधार पर 22 युवकों को चिह्नित किया गया था. इनमें से तीन युवकों से एटीएस पूछताछ कर चुकी है. अन्य 19 लोगों से जल्दी ही पूछताछ की जायेगी. हालांकि पहले बुलाये गये तीन युवकों के बारे में एटीएस को कुछ संदिग्ध नहीं दिखा था. एटीएस यह भी मान रही है कि मिनहाज ने पकड़े जाने पर एजेंसी को उलझाने के लिये कई युवाओं से बातचीत की, जिससे कि सम्पर्क में वास्तव में रहे युवकों तक एटीएस न पहुंच सके.

इसे भी पढ़ें: संदिग्ध आतंकी की डायरी से मिला सीक्रेट कोड, जानिए "उड़न तश्तरी" कोड का मतलब


AQIS की हिंसा भड़काने की थी साजिश

यूपी एटीएस (UP ATS) सूत्रों का कहना है कि अलकायदा इन द इंडियन सबकांटीनेंट (Al Qaeda in the Indian Subcontinent) का धमाकों के बाद हिंसा भड़काने की साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता. AQIS का सरगना उमर-अल-मंदी 21 साल पहले AQIS के पहले इण्डियन कमांडर असीम उमर के साथ ही भागा था. असीम के मारे जाने के बाद से ही भारत में AQIS की कमान उमर हलमंडी के हाथ में हैं. उसने भी पश्चिम यूपी में बड़े पैमाने पर अपना बेस तैयार किया है.


सीक्रेट कोड सुलझाने को ली जा रही विशेषज्ञों की मदद

अंसार गजवातुल हिंद के स्लीपर सेल के लिए तैयार किये गए सीक्रेट कोड वर्ड को सुलझाने के लिए विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है. इस आपरेशन का संदेशा आकाओं ने मिनहाज व मुशीर को फ्लाइट, उड़न तश्तरी, खटमल जैसे कोडवर्ड में दिया था. मिनहाज के पास मिली एक काली रंग की डायरी में ऐसे ही कई कोडवर्ड मिले हैं. इनमें से कई कोडवर्ड एटीएस ने डिकोड कर लिए हैं. अलकायदा के आतंकियों का मकसद धमाकों के साथ वैमनस्यता फैलाना था. धार्मिक जुलूस के साथ ही भीड़-भाड़ वाले कई स्थान उसके निशाने पर थे.

लखनऊ: यूपी दहलाने की अल-कायदा की साजिश रचने वाले काकोरी से गिरफ्तार संदिग्ध आतंकी मिनहाज के मोबाइल फोन में उसके 22 दोस्तों का राज दफन है. यूपी एटीएस ने मिनहाज का मोबाइल फोन जांच के लिए हैदराबाद फॉरेंसिक लैब भेजा है.

दरअसल, छापेमारी के दौरान मिनहाज़ ने अपना मोबाइल फोन जला दिया था. यूपी एटीएस को मिनहाज के मोबाइल से आतंकियों के नेटवर्क के खुलासे की उम्मीद है. एटीएस की मानें तो लखनऊ फॉरेंसिक लैब में मिनहाज के मोबाइल का डेटा रिट्रीव नहीं हो पाया. वहीं, एटीएस की टीम ने कस्टडी रिमांड के दौरान सबूत जुटाने के लिए मिनहाज और मुशीर की निशानदेही पर लखनऊ स्थित बैटरी, तार, बारूद खरीदने के ठिकानों पर छापेमारी की. छापेमारी के दौरान दोनों संदिग्ध आतंकी टीम के साथ थे.


बता दें कि 11 जुलाई को यूपी एटीएस ने लखनऊ के काकोरी इलाके में कई घंटे सर्च ऑपरेशन में मिनहाज और मुशीरुद्दरीन को गिरफ्तार कर भारी मात्रा में विस्फोटक और प्रेशर कुकर बम बरामद किया था. आतंकी लखनऊ और यूपी के अन्य इलाकों में सीरियल ब्लास्ट करने की तैयारी में थे. ये भी सामने आ रहा है कि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह समेत बीजेपी के कई बड़े नेता भी इनके निशाने पर थे.

मोबाइल कॉल डिटेल में 22 संदिग्ध राडार पर

आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप में दुबग्गा से पकड़े गये संदिग्ध आतंकी मिनहाज के मोबाइल की कॉल डिटेल व खदरा के तीन युवकों से मिली जानकारी के बाद खदरा, मड़ियांव, मोहिबुल्लापुर, दुबग्गा और काकोरी के 22 युवकों से यूपी एटीसी जल्द ही पूछताछ करेगी. ये लोग वाहन वर्कशाप के कर्मचारी और एसी मैकेनिक हैं. दो दिन पहले तीन युवकों से पूछताछ में भी एटीएस को इनके बारे में कई तथ्य हाथ लगे थे. हालांकि यह अभी साफ नहीं है कि मिनहाज के ये मददगार थे अथवा दुकान के जरिये ही सम्पर्क में आये थे.

मिनहाज ने ATS को उलझाने के लिए तो नहीं की कॉल

आईजी यूपी एटीसी जीके गोस्वामी की मानें तो मिनहाज खदरा में अपनी बैट्री की दुकान पर अक्सर युवाओं को बुलाता था. कई युवाओं से तो वह अकेले में काफी देर तक बात करता और उन्हें मोबाइल पर कुछ दिखाता रहता था. कॉल डिटेल के आधार पर 22 युवकों को चिह्नित किया गया था. इनमें से तीन युवकों से एटीएस पूछताछ कर चुकी है. अन्य 19 लोगों से जल्दी ही पूछताछ की जायेगी. हालांकि पहले बुलाये गये तीन युवकों के बारे में एटीएस को कुछ संदिग्ध नहीं दिखा था. एटीएस यह भी मान रही है कि मिनहाज ने पकड़े जाने पर एजेंसी को उलझाने के लिये कई युवाओं से बातचीत की, जिससे कि सम्पर्क में वास्तव में रहे युवकों तक एटीएस न पहुंच सके.

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AQIS की हिंसा भड़काने की थी साजिश

यूपी एटीएस (UP ATS) सूत्रों का कहना है कि अलकायदा इन द इंडियन सबकांटीनेंट (Al Qaeda in the Indian Subcontinent) का धमाकों के बाद हिंसा भड़काने की साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता. AQIS का सरगना उमर-अल-मंदी 21 साल पहले AQIS के पहले इण्डियन कमांडर असीम उमर के साथ ही भागा था. असीम के मारे जाने के बाद से ही भारत में AQIS की कमान उमर हलमंडी के हाथ में हैं. उसने भी पश्चिम यूपी में बड़े पैमाने पर अपना बेस तैयार किया है.


सीक्रेट कोड सुलझाने को ली जा रही विशेषज्ञों की मदद

अंसार गजवातुल हिंद के स्लीपर सेल के लिए तैयार किये गए सीक्रेट कोड वर्ड को सुलझाने के लिए विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है. इस आपरेशन का संदेशा आकाओं ने मिनहाज व मुशीर को फ्लाइट, उड़न तश्तरी, खटमल जैसे कोडवर्ड में दिया था. मिनहाज के पास मिली एक काली रंग की डायरी में ऐसे ही कई कोडवर्ड मिले हैं. इनमें से कई कोडवर्ड एटीएस ने डिकोड कर लिए हैं. अलकायदा के आतंकियों का मकसद धमाकों के साथ वैमनस्यता फैलाना था. धार्मिक जुलूस के साथ ही भीड़-भाड़ वाले कई स्थान उसके निशाने पर थे.

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