लखनऊ : अवर्षण तथा अल्पवर्षण के कारण प्रदेश भर के किसानों के सम्मुख उत्पन्न चुनौतियों का समाधान करने के लिए प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही (Agriculture Minister Surya Pratap Shahi) ने बुधवार को विभागीय तैयारियों और रणनीति की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि अवर्षण की स्थिति को देखते हुए आगामी सप्ताह में रबी बीजों के मिनीकिट पीएम कुसुम योजनांतर्गत सोलर सिंचाई पंप तथा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Prime Minister Crop Insurance Scheme) अन्तर्गत सभी बीमित कृषकों को 'मेरी पालिसी मेरा हाथ' अभियान के अंतर्गत बीमा पालिसी वितरण का शुभारम्भ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) द्वारा किया जाना है.
मंत्री ने बताया कि भारत सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (Prime Minister Kisan Samman Nidhi Scheme) की बारहवीं किश्त शीघ्र ही अवमुक्त होनी है. इसके लिए ईकेवाईसी भूलेख अंकन स्थलीय सत्यापन और पीएम किसान पोर्टल (PM Kisan Portal) पर उनके डाटा अपलोड की कार्यवाही युद्धस्तर पर की जा रही है. इसके अंतर्गत भारत सरकार से प्राप्त कृषकों की संख्या 2.85 करोड़, चिन्हित अपात्र कृषकों की संख्या 0.21 करोड़, कुल वास्तविक कृषकों की संख्या 2.65 करोड़, सत्यापित कृषकों की संख्या 1.71 करोड़ है. भूलेख अंकित कृषकों की संख्या 1.62 करोड़, पोर्टल पर अपलोड कृषकों की संख्या 1.51 करोड़ है. ईकेवाईसी से आच्छादित कृषकों की संख्या 1.70 करोड़ है.
मंत्री ने बताया कि प्रदेश के कुल 96459 राजस्व ग्रामों में सत्यापन का कार्य किया जाना है, जिसमें से 80,005 गांवों में सत्यापन कार्य पूर्ण कर लिया गया है. शेष गांवों में सत्यापन कार्य शीघ्र पूर्ण कर लिया जाएगा. पीएम किसान के लाभार्थी कृषकों के सत्यापन में बैंकों के माध्यम से भी उनका पता एवं मोबाइल नंम्बर प्राप्त कर कृषकों से सम्पर्क स्थापित करके भी उनके भूलेख सत्यापन कर अंकन की कार्रवाई की जा रही है. योजनांतर्गत भूलेख अंकन सत्यापन एवं पोर्टल पर सभी पात्र किसानों का डेटा अपलोड करने की कार्रवाई नौ सितंबर 2022 तक पूर्ण कर ली जाएगी.
कृषि मंत्री शाही ने बताया कि कानपुर नगर के ग्राम पलरा ढोढर विकासखंड बिधनू में नौ सितंबर को प्राकृतिक खेती, नमामि गंगे और परंपरागत जैविक खेती करने वाले प्रगतिशील कृषकों की एक दिवसीय कार्यशाला फील्ड भ्रमण तथा कृषि ड्रोन का प्रदर्शन आयोजित किया जाना है. इस कार्यक्रम में मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा एवं अपर मुख्य सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री की प्रेरणा से कृषि विज्ञान केंद्र को कृषि उत्पादन, उत्पादकता के लिए मॉडल केंद्र बनाने की दिशा में प्रयासरत हैं. इसी कड़ी में प्रदेश के समस्त 89 कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिकों, प्रभारियों के साथ दस से 12 सितंबर 2022 को तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन सरदार बल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ में किया जाना प्रस्तावित है. इस कार्यशाला में एक वर्ष की प्रगति समीक्षा रिपोर्ट संबंधित केबीके प्रस्तुत करेंगे. साथ ही आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी. कार्यशाला में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री संजीव बालियान, केंद्रीय पशुपालन राज्यमंत्री, महानिदेशक आईसीएआर भी शामिल होंगे.
इस कार्यशाला में कृषि ड्रोन का उपयोग उर्वरक, कृषि रक्षा रसायन के प्रयोग का सजीव प्रदर्शन भी किया जाएगा. मौसम संबंधित सूचना, वर्तमान में जहां फसल नुकसान हुआ है, पर परिचर्चा की जाएगी. इसके अलावा जलवायु परिवर्तन की फसलों पर प्रभाव के अनुसार, क्लाइमेट रिबेलियंस पर सभी का सुझाव प्राप्त कर कम अवधि की फसलों, वैकल्पिक फसलों तथा अन्य उपयुक्त तकनीकों के संबंध में मंथन किया जाएगा.
कृषि मंत्री ने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र बस्ती को डिजिटल इनोवेशन के लिए अच्छे केवीके के रूप में आईसीएआर द्वारा पुरस्कृत किया गया है. कृषि विज्ञान केंद्र हैदरगढ़, बाराबंकी को आउटलुक एग्रीटेक समिट एंड अवार्ड 2022 के लिए चयनित किया गया है.
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