लखनऊ: विधानसभा चुनाव के दो चरण बीत जाने के बाद अब 20 फरवरी को 59 सीटों पर तीसरे चरण का मतदान है. इस बार तीसरे चरण में समाजवादी पार्टी के परंपरागत गढ़ में अखिलेश यादव की अग्निपरीक्षा मानी जा रही है, क्योंकि पिछले चुनाव में सपा के परंपरागत गढ़ में बीजेपी ने क्लीन स्वीप किया था और अब इस साल अखिलेश यादव की अग्निपरीक्षा उनके अपने घर में ही होनी है, इसलिए भी शायद वह खुद चुनावी मैदान में उतरे हैं.
इस चरण में यूपी के तीन क्षेत्र पश्चिमी यूपी, अवध और बुंदेलखंड में मतदान होगा. इसमें पश्चिमी यूपी के 5 जिले फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, कासगंज और हाथरस की 19 विधानसभा सीटें हैं. बुंदेलखंड इलाके में झांसी, जालौन, ललितपुर, हमीरपुर और महोबा जिले में 13 विधानसभा सीटें हैं. इसके अलावा अवध क्षेत्र के कानपुर, कानपुर देहात, औरैया, फर्रुखाबाद, कन्नौज और इटावा की 27 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है.
साल 2017 में समाजवादी पार्टी ने यहां से मात्र 8 सीटें जीती थीं, जबकि 2012 में उसका 37 सीटों पर कब्जा था. अब अखिलेश यादव के सामने अपने गढ़ में 2012 का प्रदर्शन दोहराने के लिए चुनौती है. यही कारण है कि इस पूरे इलाके में माहौल बनाने के लिए अखिलेश यादव ने चुनाव लड़ने के लिए मैनपुरी की करण सीट को चुना है. वहीं, भारतीय जनता पार्टी के लिए भी यह चरण काफी अहम है क्योंकि पहले दो चरणों में 113 सीटों पर कांटे की लड़ाई दिखी है.
सबसे पहले हम अगर बुंदेलखंड की बात करें तो 2017 में समाजवादी पार्टी यहां की 19 सीटों पर खाता भी नहीं खोल सकी थी. इस चुनाव में बुंदेलखंड के गैर यादव ओबीसी जिसमें शाक्य और लोधी वोटर ने भारतीय जनता पार्टी पर भरोसा जताते हुए एकमुश्त वोट उसके पक्ष में दिया था.
इसको लेकर इस बार समाजवादी पार्टी के सामने चुनौती है कि गैर यादव ओबीसी वोटर्स को अपने पाले में लाया जाए. इसके लिए जहां एक तरफ स्वामी प्रसाद मौर्या जैसे नेताओं को अपने पाले में लाए, वहीं, चाचा शिवपाल यादव से सभी गिले-शिकवे दूर कर अपने गठबंधन में शामिल कर जसवंतनगर से उम्मीदवार बना दिया.
31 सीटों पर दूसरे नंबर पर थी समाजवादी पार्टी
2017 के चुनाव में यहां से भले ही अखिलेश यादव को 8 सीटों से संतुष्ट होना पड़ा हो लेकिन 31 सीटें ऐसी थी जहां पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी दूसरे नंबर पर थे. समाजवादी पार्टी को जिन सीटों पर सफलता मिली थी, वे सिरसागंज, मैनपुरी, किशनी, करहल, कन्नौज, जसवंतनगर, सीतामऊ और आर्य नगर थी. वही जिन सीटों में दूसरे नंबर पर थी वह है इटावा, चरखारी, महोबा, हमीरपुर, ललितपुर, मऊरानीपुर, गरौठा, बबीना, बिठूर, उरई, कल्याणपुर, दिव्यापुर, रसूलाबाद, अकबरपुर, रनिया, भरथना, तिर्वा, भोगांव, भोजपुर, अमृतपुर, कायमगंज, जलेसर, मारहरा, एटा, पटियाली, अलीगंज, अमापुर, शिकोहाबाद, कासगंज, फिरोजाबाद और जसराना शामिल हैं.
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तीसरे चरण में इन बड़े नेताओं की लगी है प्रतिष्ठा
20 फरवरी को जिन 59 सीटों पर मतदान होना है वहां पर कई दिग्गजों की किस्मत का फैसला होगा. जिसमें शिवपाल सिंह , अखिलेश यादव, केंद्रीय मंत्री एसपीसिंह बघेल, सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद, रामवीर उपाध्याय, सतीश महाना, पूर्व आईपीएस असीम अरुण, मुलायम सिंह यादव के समाधि हरिओम यादव, अजय कपूर और इरफान सोलंकी शामिल हैं.
किस दल को कितनी मिली थी 2017 के चुनाव में सीटें
17 जिलों की 59 सीटों पर साल 2017 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को सबसे ज्यादा 49 सीटों पर जीत मिली थी. वहीं, समाजवादी पार्टी के हिस्से पर 8 सीटें ही आई थीं. वहीं, कांग्रेस और बसपा को एक-एक सीट पर जीत मिल सकी थी.
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