लखनऊ: युवाओं में कौशल का विकास कर रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन (UP Skill Development Mission) इस वर्ष कई बदलाव करने जा रहा है. मिशन निदेशक आन्द्रा वामसी ने बताया कि उनका उद्देश्य मांग के अनुसापर युवाओं में कौशल का विकास कराना है.
आगामी सौ दिन, छह महीने और एक साल के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का खाका तैयार किया गया है.अगले तीन महीनों में कौशल विकास मिशन 50 हजार लोगों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य पूरा करेगा.
मिशन ने तय किया 100 दिन का लक्ष्य
कौशल विकास मिशन के निदेशक आंद्रा वामसी बताते हैं कि आगामी सौ दिनों में 50 राजकीय आईआईटी को चिह्नित कर उनके आधुनिकीकरण के लिए टाटा के उपक्रम टेल्को से अनुबंध किया जाएगा. यहां पचास हजार युवाओं का प्रशिक्षण आरंभ किया जाएगा. इस दौरान उद्योगों और दूसरे स्टेकहोल्डर्स के साथ कार्यशाला भी होगी.
उन्होंने कहा कि इस दौरान मंडल स्तर पर दो रोजगार मेले होंगे. युवाओं को जानकारी देने के लिए हेल्पलाइन भी बनायी जाएगी. साथ ही कैरियर परामर्शदाता संस्था को चुना जाएगा. कारागार बंदियों, महिला संरक्षण गृह की संवासिनियों और किशोरों के लिए भी विशेष प्रशिक्षण का कार्यक्रम तैयार किया गया है.
छह माह से एक वर्ष के बीच यह है तैयारी
वामसी ने कहा कि मिशन आगामी छह माह में प्रदेश के दो लाख युवाओं को रोजगारपरक व्यावसायिक प्रशिक्षण देने की योजना बना रहा है. इसी के तहत एचएएल के सहयोग से महिलाओं के लिए कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया जाएगा. इसका फ़ायदा 10,000 महिलाओं को मिलेगा. वहीं जर्मनी के शिक्षा मंत्रालय बीएमबीएफ के सहयोग से नोएडा में रोजगार परक डुअल प्रशिक्षण कार्यक्रम का पायलट प्रोजेक्ट भी शुरू होगा. माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक कक्षाओं में पच्चीस हजार युवाओं को प्रशिक्षण देने की भी योजना है.
स्टार्टअप ट्रेनिंग पार्टनर भी पा सकेंगे मौका
निदेशक वामसी बताते हैं कि अभी लगभग डेढ़ हजार ट्रेनिंग पार्टनर्स के साथ अनुबंध किया गया है. इनमें लगभग पांच सौ ही सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं. ट्रेनिंग पार्टनर बनने के लिए नियम और शर्तें कठिन होने के कारण नए लोगों को अवसर नहीं मिल पाते थे. अब स्टार्टअप भी मिशन के साथ ट्रेनिंग पार्टनर बन सकेंगे. स्वाभाविक है कि इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और लोगों को लाभ भी मिलेगा. इसके लिए नीति तैयार की जा रही है.
जिला स्तर पर विकेंद्रीकरण कर बढ़ाएंगे क्षमता
वामसी ने कहा कि कौशल विकास मिशन की केंद्रीकृत प्रणाली होने के कारण नए विचारों के लिए समय कम मिल पाता था. अब मिशन के कामों का जिला स्तर पर विकेंद्रीकरण किया जाएगा. इस व्यवस्था के बाद सीडीओ जिला स्तर पर प्रशिक्षण केंद्रों की निगरानी और अन्य काम कर सकेंगे. इससे मिशन के अधिकारियों को नए विचारों को समझने और उन्हें धरातल पर उतारने के लिए अधिक समय मिल सकेगा.
ये हैं कौशल विकास मिशन के उद्देश्य
- 14 से 35 वर्ष आयु वर्ग के अल्पशिक्षित तथा ड्रॉपआउट युवाओं को रोजगारपरक प्रशिक्षण देना
- रोजगार और आजीविका के अधिकतम अवसर तैयार करना
- उद्योगों को कुशल श्रमशक्ति उपलब्ध कराना
- राज्य के आर्थिक विकास में योगदान देना
- कौशल प्रशिक्षण में समन्वय बनाना और रोजगार के लिए संरचनाओं का विकास
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