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मुरादनगर हादसे की जांच करने पहुंची एसआईटी

गाजियाबाद के मुरादनगर में हुए हादसे की जांच करने एसआईटी की 5 सदस्यों की टीम श्मशान घाट पहुंचकर साक्ष्य जुटाए. एसआईटी के साथ रुड़की स्थित सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट के विशेषज्ञों की टीम भी थी. दोनों टीमों ने घटना स्थल से साक्ष्य जुटाए

मुरादनगर हादसा.
मुरादनगर हादसा.
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Published : Jan 10, 2021, 10:51 PM IST

लखनऊः गाजियाबाद के मुरादनगर में हुए हादसे की जांच करने रविवार को एसआईटी की 5 सदस्यों की टीम श्मशान घाट पर पहुंची. एसआईटी के साथ रुड़की स्थित सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट के विशेषज्ञों की टीम भी थी. रुड़की की टीम ने श्माशान घाट से निर्माण कार्य की गुणवत्ता परखने के लिए कई नमूने भी लिए. एसआईटी एसपी देव रंजन वर्मा के नेतृत्व में गठित की गई है.

एसआईटी ने जुटाए साक्ष्य
बता दें कि 3 जनवरी को गाजियाबाद के मुरादनगर में श्मशान घाट की छत गिरने से एक बड़ा हादसा हुआ था जिसमें 25 लोगों की जान चली गई थी. इस मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी टीम रविवार को एसपी देव रंजन वर्मा की अगुवाई में श्मशान घाट पहुंची. एसआईटी की टीम ने मौके पर निर्माण कार्य में धांधली के कई सबूत भी मिले हैं. एसआईटी की टीम ने प्रत्यक्षदर्शी रहे पुजारी नरेश कुमार के बयान भी दर्ज किए. इस सिलसिले में एसआईटी सोमवार से इस घटना के जिम्मेदार अधिकारियों से पूछताछ शुरू होगी. एसआईटी द्वारा जुटाए गए सबूतों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है.

शमशान घाट हादसे की यह थे दोषी
गाजियाबाद श्मशान घाट की छत गिरने के मामले में मुरादनगर नगर पालिका की ईओ निहारिका सिंह, जूनियर इंजीनियर चंद्रपाल, सुपरवाइजर आशीष और मुख्य आरोपी ठेकेदार अजय त्यागी के खिलाफ एफ आई आर दर्ज की गई थी .वही इन सभी को गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चुका है.

ये है पूरा मामला
3 जनवरी को संगम विहार के रहने वाले जयराम के अंतिम संस्कार क्रिया के दौरान श्मशान घाट की छत गिर गई. हादसे में 40 लोग मलबे में दब गए जिसमें 25 लोगों की मौत हो गई. वहीं एक दर्जन से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. इस मामले को लेकर पूरे प्रदेश में हादसे में भ्रष्टाचार को लेकर खुल के बातें होने लगी .वहीं इस मामले पर हादसे की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसआईटी से जांच कराने के आदेश दिए थे.

लखनऊः गाजियाबाद के मुरादनगर में हुए हादसे की जांच करने रविवार को एसआईटी की 5 सदस्यों की टीम श्मशान घाट पर पहुंची. एसआईटी के साथ रुड़की स्थित सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट के विशेषज्ञों की टीम भी थी. रुड़की की टीम ने श्माशान घाट से निर्माण कार्य की गुणवत्ता परखने के लिए कई नमूने भी लिए. एसआईटी एसपी देव रंजन वर्मा के नेतृत्व में गठित की गई है.

एसआईटी ने जुटाए साक्ष्य
बता दें कि 3 जनवरी को गाजियाबाद के मुरादनगर में श्मशान घाट की छत गिरने से एक बड़ा हादसा हुआ था जिसमें 25 लोगों की जान चली गई थी. इस मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी टीम रविवार को एसपी देव रंजन वर्मा की अगुवाई में श्मशान घाट पहुंची. एसआईटी की टीम ने मौके पर निर्माण कार्य में धांधली के कई सबूत भी मिले हैं. एसआईटी की टीम ने प्रत्यक्षदर्शी रहे पुजारी नरेश कुमार के बयान भी दर्ज किए. इस सिलसिले में एसआईटी सोमवार से इस घटना के जिम्मेदार अधिकारियों से पूछताछ शुरू होगी. एसआईटी द्वारा जुटाए गए सबूतों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है.

शमशान घाट हादसे की यह थे दोषी
गाजियाबाद श्मशान घाट की छत गिरने के मामले में मुरादनगर नगर पालिका की ईओ निहारिका सिंह, जूनियर इंजीनियर चंद्रपाल, सुपरवाइजर आशीष और मुख्य आरोपी ठेकेदार अजय त्यागी के खिलाफ एफ आई आर दर्ज की गई थी .वही इन सभी को गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चुका है.

ये है पूरा मामला
3 जनवरी को संगम विहार के रहने वाले जयराम के अंतिम संस्कार क्रिया के दौरान श्मशान घाट की छत गिर गई. हादसे में 40 लोग मलबे में दब गए जिसमें 25 लोगों की मौत हो गई. वहीं एक दर्जन से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. इस मामले को लेकर पूरे प्रदेश में हादसे में भ्रष्टाचार को लेकर खुल के बातें होने लगी .वहीं इस मामले पर हादसे की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसआईटी से जांच कराने के आदेश दिए थे.

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