लखनऊ : राजधानी में शिवालय की जमीन को शिया वक्फ बोर्ड में फर्जी तरीके से दर्ज कराए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. शिया वक्फ बोर्ड में जमीन को गलत तरीके से दर्ज करने का संगीन आरोप अक्सर विवादों में रहने वाले पूर्व चेयरमैन वसीम रिज़वी और मुतवल्ली अब्बास अमीर पर लगा है.
लखनऊ में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान वक्फ बचाओ समिति के अध्यक्ष शमील शम्सी ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि 2016 में पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी ने मुख्तार अंसारी की पत्नी अफ्शा अंसारी के साथ मिलकर शिवालय और उसके आस-पास की जमीन पर गलत तरीके से अवैध कब्जे कराये और शिया वक्फ बोर्ड में दर्ज करा लिया. अध्यक्ष शमील शम्सी ने कहा कि पुराने लखनऊ के सहादतगंज इलाके में दरोगा अमीर वाजिद अली की जमीन है. उस जमीन पर एक ऐतिहासिक शिवालय है.
शिया वक्फ बोर्ड के नए मुतवल्ली के परिवार ने कहा कि शिवालय की ज़मीन पर उनका कोई अधिकार नहीं है और गलत तरीके से दर्ज हुई इस जमीन को वह वापस शिवालय के नाम करेंगे. गौरतलब है कि वसीम रिजवी पर वक्फ बोर्ड में खुर्द-बुर्द (धांधली) के कई मामले दर्ज हैं. उन पर वक्फ की जमीनों को बेचने के कई आरोप लगे हैं. इस मामले में पूर्व चेयरमैन से लेकर कई अधिकारियों की मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है. हालांकि जमीन किसकी है अभी इस बात की जांच बाकी है.
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शिया वक्फ बोर्ड के मौजूदा चेयरमैन अली ज़ैदी ने कहा कि अभी उनके सामने प्रकरण नहीं आया है. अब इस मामले को मुतवल्ली के परिवार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर तमाम अधिकारियों के समक्ष ले जाने की बात कही है.
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