लखनऊ: राजधानी के प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के संचारी रोग अधिकारी और पैरामेडिकल स्टॉफ को मलेरिया रोग के प्रति जागरुक करने के लिए गुरुवार को विश्व मलेरिया दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया. लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी नरेंद्र अग्रवाल, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. केपी त्रिपाठी समेत कई अन्य लोग भी मौजूद रहे.
संगोष्ठी के बारे में संचारी रोग विभाग के निदेशक डॉ. मिथिलेश चतुर्वेदी ने बताया कि मलेरिया के रोग को खत्म करने और लोगों को स्वस्थ रखने के लिए कई ऐसी योजनाएं प्रदेश भर में लागू की हुई हैं. उन्होंने कहा कि मलेरिया के मरीज पिछले वर्षों में कम हुए हैं. हालांकि तराई बेल्ट में भले ही पिछले वर्ष मरीजों की संख्या बढ़ी हो लेकिन उनको काफी हद तक काबू में किया गया है. इसके अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी मलेरिया ग्रसित मरीजों या बुखार से आने वाले मरीजों को भी जांच करवाने और लैब टेक्निशियन और लैब असिस्टेंट को ट्रेनिंग दी गई है.
मलेरिया को रोकने के लिए हमने सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में जागरुकता और ट्रेनिंग के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा आस-पास के लोगों में मलेरिया के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए हमने एक रैली भी निकलवाई जिसका उद्देश्य मलेरिया को खत्म करने के प्रति जागरुकता फैलाना था.
-डॉ मिथिलेश चतुर्वेदी, निदेशक, स्वास्थ्य भवन